भिंड। ज़िले में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं पहले ही दम तोड़ती नज़र आ रही हैं. यहां के नए बने मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल (kamakhya Mulit Speciality Hospital)में भी मरीजों की जान आफत में आ जाती है. हाल ही में यहां लापरवाही से एक बच्चे की मौत का मामला ठंडा भी नही हुआ, कि शुक्रवार को एक बार फिर 7 महीने के बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई. परिजनों ने आरोप लगाया है कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही (Child Death Due To Hospital Negligence)से बच्चे की जान गई है. परिजनों ने अस्पताल के संचालक और भिंड ज़िला अस्पताल के रिटायर्ड डॉक्टर वीसी जैन के खिलाफ थाने में शिकायत लिखवाई है.
एक के बाद एक दो बच्चों की मौत
भिंड शहर में मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के(kamakhya Mulit Speciality Hospital) नाम पर सिर्फ एक ही अस्पताल है, वो है कामाख्या मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल. अपने उद्घाटन के समय से ही लगातार विवादों में बना हुआ है. हाल ही में यहां एक बच्चे की मौत के बाद जमकर बवाल हुआ था .पीड़ित परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगते हुए अस्पताल में तोड़फोड़ भी कर दी थी. इस मामले की जांच चल ही रही है, (Child Death Due To Hospital Negligence)कि एक बार फिर अस्पताल में निमोनिया से पीड़ित 7 महीने के बच्चे की मौत हो गयी. इस बार भी परिजन अस्पताल पर लापरवाही के गम्भीर आरोप लगा रहे हैं.
'रातभर बुलाते रहे, डॉक्टर नहीं आए'
गुरुवार देर रात राधा कॉलोनी में रहने वाले ओंकार सिंह ने अपने बच्चे को कामाख्या हॉस्पिटल (Child Death Due To Hospital Negligence) में भर्ती किया था. बच्चे को निमोनिया की शिकायत थी. परिजनों का आरोप है कि भर्ती करने के बाद बच्चे की हालत ज्यादा खराब हो गई. रातभर परिजन डॉक्टर्स को वार्ड में बुलाते रहे. मगर डॉक्टर्स नही आये. जिसके बाद बच्चे ने दम तोड़ दिया. बच्चे के परिजनों ने डॉक्टर बीसी जैन और अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि सही तरीके से इलाज ना मिलने के कारण हमारे बच्चे की मौत हो गई है.
परिजन के हंगामे के बाद पहुंची पुलिस
बच्चे की मौत से गुस्साए परिजन ने जमकर अस्पताल में हंगामा किया. सूचना मिलने पर(Child Death Due To Hospital Negligence) कोतवाली थाना प्रभारी अस्पताल में फ़ोर्स लेकर पहुंचे. उन्होंने समझाइश कर मामले को शांत कराया. परिजनों ने डॉक्टर वीसी जैन और अस्पताल प्रबंधन kamakhya Mulit Speciality Hospital) के ख़िलाफ़ कार्रवाई लिए जाने की मांग की है. पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. थाना प्रभारी का कहा है कि इससे पहले भी बच्चे की मौत का मामला सामने आया था, उस मामले में भी अस्पताल के ख़िलाफ़ जांच चल रही है.
CMHO बोले, जानकारी में नहीं
इस सम्बंध में जब ज़िले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अजीत मिश्रा से बात की गयी तो उनका कहना था कि उन्हें इस केस की जानकारी नहीं है. अगर ऐसा कुछ है तो वे लापरवाही के लिए कार्रवाई करेंगे.
खतरे में बच्चों की जान
ग्वालियर में इन दिनों बच्चों में फैले वायरल फीवर(viral fever) से स्थिति खराब होती जा रही है. सबसे ज्यादा खराब स्थिति आदिवासी बेल्ट में देखने में आ रही है. जहां कुपोषण के साथ ही बच्चों में वायरल बुखार देखने को मिला है. ऐसे बच्चों की रिकवरी में मुश्किल आ रही है. हालात यह है कि एक ही पलंग पर तीन से चार बच्चे लेटे हुए हैं. चिकित्सक इस मामले में कोई भी बात करने को तैयार नहीं हैं. वे मानते ही नहीं हैं कि बच्चों में दिमागी बुखार फैला हुआ है. लेकिन पिछले 1 सप्ताह के दौरान 5 बच्चों की इसी वायरल फीवर के चलते मौत हो चुकी है.
इलाज के नाकाफी इंतजाम
शिवपुरी के बदरवास में रहने वाले ढाई महीने के निलेश को बुखार के बाद कमला राजा चिकित्सालय के पीआईसीयू में भर्ती कराया गया है. इसी पलंग पर शिवपुरी के जिगनी गांव से आई नीतू नाम की 4 साल की बच्ची का भी इलाज (viral fever) हो रहा है. उसकी मां धन कुंवर आदिवासी बताती हैं कि पहले से ही बेटी कमजोर थी. अब उसे बुखार ने घेर लिया है. शिवपुरी में डॉक्टरों ने उसे ग्वालियर के लिए रैफर कर दिया.
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सीएमएचओ डॉ मनीष शर्मा का कहना है कि बच्चों की बढ़ती आमद को देखते हुए अतिरिक्त पलंगों की व्यवस्था की गई है. बड़े बच्चों के लिए 118 पलंग निर्धारित किए गए हैं जबकि पीआईसीयू में 56 पलंग हैं. नवजात बच्चों के लिए 30 पलंग अलग से हैं. उनका कहना है कि हर साल बारिश के बाद वायरल बुखार (viral fever) फैलता है. हाल ही में हुई कुछ बच्चों की मौत का डेथ ऑडिट कराया जाएगा.
अब तक 6 बच्चों की मौत
स्थिति की भयावहता का अंदाजा इसी से लगया जा सकता है कि इसी सप्ताह में अब तक छह बच्चों की मौत हो चुकी है. इस बारे में KRH के डॉक्टर्स कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं. शहर में वायरल और डेंगू बुखार तेजी से फैल रहा है. लगातार चौथा दिन जयारोग्य अस्पताल के KRH में एक बच्चे की मौत हुई है. अब तक चार दिन में छह बच्चों की मौत हो चुकी है. गुरुवार को जिस बच्चे की मौत हुई, उसकी उम्र आठ साल थी.