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भिंड के शहीद पार्क में बीएसएफ एसआई का अंतिम संस्कार करने पर हंगामा

जम्मू कश्मीर के सांबा सेक्टर में पदस्थ बीएसएफ एसआई सुरेंद्रचंद्र भारद्वाज का शव उनके घर पहुंचा, जहां अंतिम संस्कार के दौरान हंगामा हो गया.

Uproar during martyr funeral in bhind
शहीद की अंत्येष्टि के दौरान हुआ हंगामा
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Published : Jan 15, 2020, 9:53 PM IST

Updated : Jan 15, 2020, 11:24 PM IST

भिंड। जम्मू कश्मीर के सांबा सेक्टर में पदस्थ बीएसएफ एसआई सुरेंद्रचंद्र भारद्वाज का शव उनके घर पहुंचा. यहां उस समय हंगामे की स्थिति बन गई जब चतुर्वेदी नगर स्थित शहीद पार्क में अंत्येष्टि का नक्सली हमले में शहीद जितेंद्र सिंह के माता-पिता ने विरोध कर दिया. हालांकि प्रशासन और पुलिस की समझाइश के बाद शहीद का अंतिम संस्कार हो गया. अंतिम संस्कार के दौरान बीएसएफ के जवानों ने 3 चक्र फायरिंग कर शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया.

शहीद की अंत्येष्टि के दौरान हुआ हंगामा


पार्क नक्सली हमले में शहीद जितेंद्र सिंह के नाम पर बनाया गया है. शहीद की अंत्येष्टि की तैयारी के बीच नक्सली हमले में शहीद हुए जितेंद्र सिंह के परिजन पहुंच गए और शहीद पार्क में अंत्येष्टि करने पर विरोध जताने लगे. उन्होंने कहा कि पहले से ही शहीद के नाम पर बने पार्क में दाह संस्कार करना गलत है. शहीद जितेंद्र सिंह के पिता ने यहां तक कह डाला कि अगर यहां संस्कार किया जाएगा तो वह आत्मदाह कर कर लेंगे.


बता दें 52 वर्षीय सुरेशचंद्र भारद्वाज साल 1984 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे. वर्तमान में वे बतौर एसआई बीएसएफ की 48वीं बटालियन में पदस्थ थे. 20 दिन पहले उन्हें त्रिपुरा से जम्मू के सांबा में तैनात किया गया था, जहां 6 जनवरी को तबीयत बिगड़ने के कारण जम्मू के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती किया गया था. 13 जनवरी को रात करीब सवा 11 बजे उनका निधन हो गया था.

भिंड। जम्मू कश्मीर के सांबा सेक्टर में पदस्थ बीएसएफ एसआई सुरेंद्रचंद्र भारद्वाज का शव उनके घर पहुंचा. यहां उस समय हंगामे की स्थिति बन गई जब चतुर्वेदी नगर स्थित शहीद पार्क में अंत्येष्टि का नक्सली हमले में शहीद जितेंद्र सिंह के माता-पिता ने विरोध कर दिया. हालांकि प्रशासन और पुलिस की समझाइश के बाद शहीद का अंतिम संस्कार हो गया. अंतिम संस्कार के दौरान बीएसएफ के जवानों ने 3 चक्र फायरिंग कर शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया.

शहीद की अंत्येष्टि के दौरान हुआ हंगामा


पार्क नक्सली हमले में शहीद जितेंद्र सिंह के नाम पर बनाया गया है. शहीद की अंत्येष्टि की तैयारी के बीच नक्सली हमले में शहीद हुए जितेंद्र सिंह के परिजन पहुंच गए और शहीद पार्क में अंत्येष्टि करने पर विरोध जताने लगे. उन्होंने कहा कि पहले से ही शहीद के नाम पर बने पार्क में दाह संस्कार करना गलत है. शहीद जितेंद्र सिंह के पिता ने यहां तक कह डाला कि अगर यहां संस्कार किया जाएगा तो वह आत्मदाह कर कर लेंगे.


बता दें 52 वर्षीय सुरेशचंद्र भारद्वाज साल 1984 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे. वर्तमान में वे बतौर एसआई बीएसएफ की 48वीं बटालियन में पदस्थ थे. 20 दिन पहले उन्हें त्रिपुरा से जम्मू के सांबा में तैनात किया गया था, जहां 6 जनवरी को तबीयत बिगड़ने के कारण जम्मू के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती किया गया था. 13 जनवरी को रात करीब सवा 11 बजे उनका निधन हो गया था.

Intro:नोट- खबर महत्वपूर्ण थी, मैं शहर से बाहर हूं इस लिए अरेंज की है, कृपया वीओ कर खबर लगने का कष्ट करें।

जम्मू कश्मीर के सांबा सेक्टर में पदस्थ बीएसएफ एसआई सुरेंद्रचंद्र भारद्वाज का शव उनके घर पहुंचा। यहां उस समय हंगामे की स्थिति बन गई जब चतुर्वेदी नगर स्थित शहीद पार्क में अंत्येष्टि का नक्सली हमले में शहीद जितेंद्र सिंह की माता-पिता ने विरोध किया। पार्क नक्सली हमले में शहीद जितेंद्र सिंह के नाम पर ही है। पिता ने यहां तक कह दिया दाह संस्कार यहां हुआ तो वे चिता पर ही आत्मदाह कर लेंगे। हालांके प्रशाषन और पुलिस की समझाइश के बाद शहीद का अंतिम संस्कार हो सका। अंतिम संस्कार के दौरान बीएसएफ के जवानों ने 3 चक्र फायरिंग कर गार्ड ऑनर दिया।Body:दरसअल जम्मू कश्मीर में ड्यूटी पर तैनात बीएसएफ एसआई सुरेश चंद्र भारद्वाज का पार्थिव देह बुधवार को उनके चतुर्वेदी नगर स्थित घर पहुचा था जिसके बाद उनके पार्थिव देह को अन्तिमसंस्कार के लिए पास ही बने शहीद पार्क में लेजाया गया जहां अंत्येष्टि की तैयारी के बीच नक्सली हमले में शहीद हुए जितेंद्र सिंह की मां सुमन देवी, पिता रामवीर सिंह, बड़े भाई सुरेंद्र सिंह आए। इन लोगों ने पार्क में अंत्येष्टि का विरोध किया। कहा पार्क हमारे शहीद बेटे के नाम पर है। शहीद जितेंद्र सिंह के पिता ने कहा यहां दाह संस्कार हुआ तो मैं चिता पर लेटकर आत्मदाह कर लूंगा। ऐसे में तहसीलदार ने आला अधिकारियों को जानकारी दी। जिसके बाद शहर कोतवाली से एसआई रवीन्द्र तोमर को भेजा गया। प्रभारी सीएसपी सतीश दुबे भी पहुंचे तब एसआई भारद्वाज का अंतिम संस्कार हो सका।Conclusion:बता दें कि, 52 वर्षीय सुरेशचंद्र भारद्वाज वर्ष 1984 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे। वर्तमान में वे बतौर एसआई बीएसएफ की 48वीं बटालियन में पदस्थ थे। 20 दिन पहले उन्हें त्रिपुरा से जम्मू के सांबा में तैनात किया गया था। बीती 6 जनवरी को ड्यूटी के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। इलाज के लिए उन्हें जम्मू के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती किया गया था। 13 जनवरी को रात करीब सवा 11 बजे उनका निधन हो गया।

बाइट- गंगा सिंह, अध्यक्ष, पैरामिलिट्री संघ
बाइट- रामवीर सिंह, शहीद जितेंद्र सिंह के पिता
Last Updated : Jan 15, 2020, 11:24 PM IST
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