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आवारा गौवंश से रोजाना हो रहे सड़कों पर हादसे, किसानों की फसलें हो रहीं खराब

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Published : Sep 11, 2019, 8:36 PM IST

सड़क पर घूमते आवारा गौवंश वाहन चालकों की जान के दुश्मन बन चुके हैं, इतना ही नहीं ये आवारा जानवर किसानों की फसलें को भी बर्बाद कर रहे हैं.

मवेशियों से परेशान किसान और राहगीर

भिंड। जिले में आवारा गोवंश किसानों की फसल और लोगों की जान का दुश्मन बने हए हैं, नेशनल हाईवे क्रमांक-92 पर भिंड से लेकर ग्वालियर तक हजारों की तादाद में आवारा गाय सड़कों पर बैठी रहती हैं, जिसके चलते हर साल सैकड़ों गायों की वाहनों से टक्कर लगने से मौत भी हो चुकी है, तो दूसरी तरफ यह आवारा गोवंश सबसे ज्यादा बाइक सवारों की जान का दुश्मन बने हुए हैं.

मवेशियों से परेशान किसान और राहगीर

किसान इन आवारा गोवंश से खरीफ की फसल को बचाने दिन-रात खेतों पर पहरा दे रहें हैं, लेकिन जिला प्रशासन को शायद इस बात की चिंता ही नहीं है. भिंड जिले में पशुपालकों और किसानों को गोवंश को पालना घाटे का सौदा साबित हो रहा है, क्योंकि जब यह गोवंश दूध देना बंद कर देता तो इनहे रोड पर छोड़ दिया जाता है, जिससे आए दिन रोड पर हादसे हो रहें हैं. बीते दिनों मानगढ़ खेरिया गांव के पास एक बाइक सवार हाईवे पर बैठे आवारा मवेशियों की चपेट में आकर घायल हो गया था, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो थी.

मामले को लेकर भिंड कलेक्टर छोटे सिंह का कहना है कि सरकार द्वारा जिले में 30 गौशालाओं के लिए जमीन आईडेंटिफाई कर ली गई है, और जल्द ही काम शुरू करा दिया जाएगा. जब भिंड कलेक्टर से सवाल किया गया कि मवेशियों के चलते हो रहे हादसों की जिम्मेदारी कौन लेगा तो उनका जवाब था कि हम घर से निकलते हैं तो खुद यह सुनिश्चित करके निकले कि हम सुरक्षित चलें.

गौरतलब है की जिले में करीब 50 हज़ार से अधिक आवारा गोवंश सड़कों पर डेरा डाले हुए हैं.

भिंड। जिले में आवारा गोवंश किसानों की फसल और लोगों की जान का दुश्मन बने हए हैं, नेशनल हाईवे क्रमांक-92 पर भिंड से लेकर ग्वालियर तक हजारों की तादाद में आवारा गाय सड़कों पर बैठी रहती हैं, जिसके चलते हर साल सैकड़ों गायों की वाहनों से टक्कर लगने से मौत भी हो चुकी है, तो दूसरी तरफ यह आवारा गोवंश सबसे ज्यादा बाइक सवारों की जान का दुश्मन बने हुए हैं.

मवेशियों से परेशान किसान और राहगीर

किसान इन आवारा गोवंश से खरीफ की फसल को बचाने दिन-रात खेतों पर पहरा दे रहें हैं, लेकिन जिला प्रशासन को शायद इस बात की चिंता ही नहीं है. भिंड जिले में पशुपालकों और किसानों को गोवंश को पालना घाटे का सौदा साबित हो रहा है, क्योंकि जब यह गोवंश दूध देना बंद कर देता तो इनहे रोड पर छोड़ दिया जाता है, जिससे आए दिन रोड पर हादसे हो रहें हैं. बीते दिनों मानगढ़ खेरिया गांव के पास एक बाइक सवार हाईवे पर बैठे आवारा मवेशियों की चपेट में आकर घायल हो गया था, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो थी.

मामले को लेकर भिंड कलेक्टर छोटे सिंह का कहना है कि सरकार द्वारा जिले में 30 गौशालाओं के लिए जमीन आईडेंटिफाई कर ली गई है, और जल्द ही काम शुरू करा दिया जाएगा. जब भिंड कलेक्टर से सवाल किया गया कि मवेशियों के चलते हो रहे हादसों की जिम्मेदारी कौन लेगा तो उनका जवाब था कि हम घर से निकलते हैं तो खुद यह सुनिश्चित करके निकले कि हम सुरक्षित चलें.

गौरतलब है की जिले में करीब 50 हज़ार से अधिक आवारा गोवंश सड़कों पर डेरा डाले हुए हैं.

Intro:भिंड जिले में आवारा गोवंश किसानों की फसल और लोगों की जान का दुश्मन बना हुआ है नेशनल हाईवे 92 पर भिंड से लेकर ग्वालियर तक हजारों की तादाद में आवारा गाय सड़क को पर बैठी रहती हैं जिसके चलते हर साल सैकड़ों गायों की वाहनों से टक्कर लग कर मौत हो जाती है यह आवारा गोवंश सबसे ज्यादा बाइक सवारों की जान का दुश्मन बना हुआ है वहीं किसान इस आवारा गोवंश से खरीफ की फसल को बचाने दिन-रात खेतों पर पहरा दे रहा है लेकिन जिला प्रशासन को शायद इस बात की चिंता ही नहीं है


Body:भिंड जिले में पशुपालकों और किसानों को गौ माता या कहें गोवंश को पालना घाटे का सौदा साबित हो रहा है क्योंकि जब यह गोवंश दूध देना बंद कर देता है यह किसी काम का नहीं रहता तो लोग अपने मवेशियों को सड़कों पर लावारिस छोड़ने लगते हैं आलम यह है कि यह लावारिस मवेशी किसानों की फसलों को चौपट कर रहा है तो वहीं हाईवे तक जाम की स्थिति में है
बाइट - रामविलास यादव, किसान, दीनपुरा

रोजाना नेशनल हाईवे 92 पर ग्वालियर से लेकर फूप के आगे चंबल पुल तक 100 किलोमीटर के इलाके में हजारों गोवंश सड़क पर बैठा रहता है जो हादसों का कारण भी बन रहे हैं जिनमें ज्यादातर बाइक सवार होते हैं बुधवार को भी मानगढ़ खेरिया गांव के पास एक बाइक सवार हाईवे पर बैठे आवारा मवेशियों की चपेट में आकर घायल हो गया था जिसकी गुरुवार को इलाज के दौरान मौत हो गई यह कोई एक घटना नहीं है लोगों का कहना है कि रोजाना इस तरह के 24 हादसे होते रहते हैं लेकिन जिला प्रशासन कुंभकरणी नींद सो रहा है।

बाइट- मनीष दैपुरिया, पार्षद, फूप

मामले को लेकर भिंड कलेक्टर छोटे सिंह का कहना है कि सरकार द्वारा जिले में 30 गौशालाओं के लिए जमीन आईडेंटिफाई कर ली गई है और जल्द ही काम शुरू करा दिया जाएगा साथ ही कलेक्टर ने कहा कि ज्यादातर मवेशी ग्रामीणों द्वारा छोड़े गए हैं ऐसे में ग्रामीणों को अपने मवेशी व्यवस्थित करने के लिए समझाइश दी जा रही है वहीं जब भिंड कलेक्टर से सवाल किया गया कि मवेशियों के चलते हो रहे हादसों की जिम्मेदारी कौन लेगा तो उनका जवाब था कि हम घर से निकलते हैं तो खुद यह सुनिश्चित करके निकले कि हम सुरक्षित चलें ।

बाइट- छोटे सिंह, कलेक्टर, भिंड



Conclusion:आपको बता दें कि मालनपुर से लेकर चंबल पुल तक 100 किलोमीटर के इलाके में फूप भिंड बरोही महंगाव गोहद मालनपुर के अलावा हाईवे किनारे बसे गांव के आसपास सैकड़ों की तादाद में गोवंश सड़क के बीचो बीच बैठा मिल जाएगा जिसके चलते भिंड से ग्वालियर की 2 घंटे की दूरी भी 5 घंटे में तय हो रही है जिले भर में 50 हज़ार से अधिक आवारा गोवंश सड़कों पर डेरा डाले हुए किसानों को कांग्रेश सरकार से लोगों की आशा थी के जल्द ही गौशाला खुलेगी जिससे लोगों की जान पर भारी गायों को शिफ्ट किया जाएगा लेकिन गौशाला सिर्फ वोट बैंक की राजनीति के चलते घोषणा पर होकर रह गई हैं।

भिंड से ईटीवी भारत के लिए पीयूष श्रीवास्तव की रिपोर्ट
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