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खत्म नहीं हो रहा सड़क का इंतजार, ग्रामीण करेंगे अब चुनाव का बहिष्कार - boycott of assembly by-election

मेहगांव इलाके के गल्ला मंडी कॉलोनी के रहवासी बीते 30 सालों से सड़क जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित हैं, यहां के लोग बारिश के दिनों में नरकीय जीवन जीने को मजबूर हो जाते हैं. जिसे देखते हुए यहां के रहवासियों ने आगामी उपचुनाव का बहिष्कार करने की बात कही है. पढ़िए पूरी खबर...

Residents boycott election
ग्रामीणों ने कहा सड़क नहीं तो वोट नहीं
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Published : Aug 25, 2020, 3:17 PM IST

भिंड। मेहगांव इलाके के गल्ला मंडी कॉलोनी के रहवासी बीते 30 सालों से सड़क जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित हैं. बारिश का सीजन आते ही कॉलोनी वासी चार महीने नारकीय जीवन जीने को मजबूर हो जाते है, डेढ़ हजार वोटरों का अब संयम टूट चुका है. जिसके बाद सभी ने आंदोलन की राह अपनाते हुए आगामी विधानसभा उपचुनाव का बहिष्कार करने का बिगुल बजा दिया है. इसके साथ ही उन्होंने फैसला लिया है कि अगर चुनाव के दौरान कोई नेता उनके कॉलोनी पर आया तो उसे भी उल्टे पैर लौटा दिया जाएगा.

ग्रामीणों ने कहा सड़क नहीं तो वोट नहीं

मुख्यमंत्री के बयान की खुल रही पोल

किसी भी देश में विकास कार्य देश के उत्थान के लिए अहम होते हैं. भारत में भी कई तरह की योजनाएं भारत सरकार और राज्य सरकारों द्वारा चलाई जा रही हैं. जिनके जरिए ना सिर्फ लोगों को लाभान्वित किया जाता है, बल्कि देश को विकास की राह भी मिलती है और इनमें सड़कें भी अपनी अहम भूमिका निभाती हैं. मध्य प्रदेश के मुखिया सीएम शिवराज ने मध्य प्रदेश की सड़कों को अमेरिका से भी बेहतर बताया था, लेकिन मेहगांव की गल्ला मंडी के बगल से बनी अजनौधा रोड मुख्यमंत्री के बयान की पोल एक बार फिर खुल रही है.

Residents boycott election
रहवासियों ने चुनाव का किया बहिष्कार

सड़क हैं या गड्ढें ?

15 साल तक मध्य प्रदेश में बीजेपी सरकार होने के बाद भी आज तक गल्ला मंडी कॉलोनी में करीब 700 घर हैं, जहां रहने वाले सभी लोग पिछले 30 साल से एक पक्की सड़क की राह देख रहे हैं. गर्मी के मौसम में तो जैसे-तैसे कट जाती है, लेकिन बारिश के चार महीने कॉलोनी में रहने वाले और रोड से आगे जुड़ने वाले कई गांव बेहाल हो जाते हैं, क्योंकि रोड पर गड्ढे हैं या गड्ढों की रोड है ये समझ में नहीं आती है. हर तरफ कीचड़ ही कीचड़ दिखाई देता है.

Residents boycott election
30 सालों से नहीं है सड़क

30 सालों से नहीं है सड़क, जिम्मेदार बने मूक

गल्ला मंडी कॉलोनी में अंधेरा होने पर अक्सर लोग वाहनों से फिसल कर गिर जाते है, लेकिन आज तक इन ग्रामीणों की इस समस्या का समाधान ना तो किसी अधिकारी ने किया है और ना ही कोई जनप्रतिनिधि ने उनकी समस्या सुलझाने की कोशिश की. खेरिया, तोर, देवरी, अजनोधा, आलमपुरा 5 गांव को जोड़ने वाली सड़क आज भी चलने लायक नहीं है. ऐसा नहीं है कि ये हालात पूरे 10 किलोमीटर एरिया के हैं, बल्कि नेशनल हाईवे से लगे गांव की ओर रोड का महज 2 किलोमीटर का हिस्सा आज भी अपने हालातों पर रो रहा है, लेकिन जिम्मेदारों को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता.

Residents boycott election
आए दिन होती है दुर्घटनाएं

रहवासियों ने किया चुनाव का बहिष्कार

ग्रामीणों ने परेशान होकर अब उम्मीद ही छोड़ दी है. करीब 700 परिवार के डेढ़ हजार वोटर मन बना चुके हैं कि आगामी विधानसभा उपचुनाव में वोट नहीं करेंगे, जिसके लिए रहवासियों ने बीच रोड पर चुनाव बहिष्कार का बैनर भी लगा दिया है. रहवासियों ने बताया कि पिछले 30 साल से उनकी कॉलोनी में अंदर की ओर 5 गांव को जोड़ता है, लेकिन रोड का 2 किलोमीटर का हिस्सा आज तक नहीं बना है. एसडीएम कलेक्टर से लेकर नेताओं मंत्रियों तक मुलाकात कर अपनी बात रखी, तमाम आवेदन दिए, लेकिन हालात जस के तस बने हुए है.

ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच और सचिव तो इस कॉलोनी को अवैध तक बता देते हैं. इसीलिए अब सब्र का बांध टूट चुका है और हर वर्ग के वोटर ने ये तय कर लिया है कि आने वाले समय में कोई भी चुनाव हो चाहे पंचायत या विधानसभा ये लोग उसका बहिष्कार ही करेंगे, साथ ही कहा है कि अगर कोई जनप्रतिनिधि यहां आता है तो उसे भगा दिया जाएगा.

ये भी पढ़े- कभी कोहरा तो कभी रिमझिम फुहार, पर्यटकों का मन मोह रहा हरियाली में लिपटा मांडू

आज तक नहीं हुई सुनवाई

ग्रामीणों का कहना है कि आज तक किसी जनप्रतिनिधि ने उनका साथ नहीं दिया. इतिहास में पहली बार मेहगांव को एक मंत्री मिला, लेकिन उन्होंने भी शुरुआत में हाथ खड़े कर दिए. वहीं हाल ही में जब महीने भर पहले राज्यमंत्री ओपीएस भदोरिया से मुलाकात की तो उन्होंने सड़क के लिए व्यवस्था करने की बात कहीं और जल्द ही यहां मुरम, गिट्टी डलवा कर चलने लायक बनाने का आश्वासन दिया था, लेकिन महीने भर बीत जाने के बाद भी हालात पहले की तरह ही है. अब तक मंत्री ने अपनी बात पूरी नहीं की.

कलेक्टर ने दिया ये आश्वासन

गल्ला मंडी ग्रामीणों की समस्या को लेकर जब ईटीवी भारत ने कलेक्टर से बात की तो डीएम डॉक्टर वीरेंद्र नवल सिंह रावत ने जल्द से जल्द इस रोड की जानकारी निकलवाने और उसे बनवाने का आश्वासन दिया, साथ ही उन्होंने कहा कि जो लोग इस बात से असंतोष है वो चुनाव का बहिष्कार करने और वोट नहीं देने की बात कह रहें है उनसे बातचीत करने की कोशिश किए जाएंगे. वहीं मामले को शांतिपूर्वक सुलझाया जाएगा.

भिंड की मेहगांव विधानसभा वर्तमान में पूरे प्रदेश के सबसे चर्चित विधानसभा सीट है, जहां से आने वाले कुछ महीनों में ही उपचुनाव होना है, लेकिन मेहगांव विधानसभा में ही मेहगांव कस्बे में नेशनल हाईवे से लगी कॉलोनी पिछले 30 साल से सड़क की राह देख रही है. इस दौरान ना तो किसी अधिकारी ने बात सुनी ना कोई जनप्रतिनिधि आगे आया. अपने साथ हो रहे इस दोहरे व्यवहार से अब करीब डेढ़ हजार वोटरों ने आगामी विधानसभा उपचुनाव से लेकर हर चुनाव का बहिष्कार करने का मन बना लिया है, यहां तक की नेताओं को कॉलोनी में घुसने पर भगा देने तक का ऐलान कर दिया है.

भिंड। मेहगांव इलाके के गल्ला मंडी कॉलोनी के रहवासी बीते 30 सालों से सड़क जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित हैं. बारिश का सीजन आते ही कॉलोनी वासी चार महीने नारकीय जीवन जीने को मजबूर हो जाते है, डेढ़ हजार वोटरों का अब संयम टूट चुका है. जिसके बाद सभी ने आंदोलन की राह अपनाते हुए आगामी विधानसभा उपचुनाव का बहिष्कार करने का बिगुल बजा दिया है. इसके साथ ही उन्होंने फैसला लिया है कि अगर चुनाव के दौरान कोई नेता उनके कॉलोनी पर आया तो उसे भी उल्टे पैर लौटा दिया जाएगा.

ग्रामीणों ने कहा सड़क नहीं तो वोट नहीं

मुख्यमंत्री के बयान की खुल रही पोल

किसी भी देश में विकास कार्य देश के उत्थान के लिए अहम होते हैं. भारत में भी कई तरह की योजनाएं भारत सरकार और राज्य सरकारों द्वारा चलाई जा रही हैं. जिनके जरिए ना सिर्फ लोगों को लाभान्वित किया जाता है, बल्कि देश को विकास की राह भी मिलती है और इनमें सड़कें भी अपनी अहम भूमिका निभाती हैं. मध्य प्रदेश के मुखिया सीएम शिवराज ने मध्य प्रदेश की सड़कों को अमेरिका से भी बेहतर बताया था, लेकिन मेहगांव की गल्ला मंडी के बगल से बनी अजनौधा रोड मुख्यमंत्री के बयान की पोल एक बार फिर खुल रही है.

Residents boycott election
रहवासियों ने चुनाव का किया बहिष्कार

सड़क हैं या गड्ढें ?

15 साल तक मध्य प्रदेश में बीजेपी सरकार होने के बाद भी आज तक गल्ला मंडी कॉलोनी में करीब 700 घर हैं, जहां रहने वाले सभी लोग पिछले 30 साल से एक पक्की सड़क की राह देख रहे हैं. गर्मी के मौसम में तो जैसे-तैसे कट जाती है, लेकिन बारिश के चार महीने कॉलोनी में रहने वाले और रोड से आगे जुड़ने वाले कई गांव बेहाल हो जाते हैं, क्योंकि रोड पर गड्ढे हैं या गड्ढों की रोड है ये समझ में नहीं आती है. हर तरफ कीचड़ ही कीचड़ दिखाई देता है.

Residents boycott election
30 सालों से नहीं है सड़क

30 सालों से नहीं है सड़क, जिम्मेदार बने मूक

गल्ला मंडी कॉलोनी में अंधेरा होने पर अक्सर लोग वाहनों से फिसल कर गिर जाते है, लेकिन आज तक इन ग्रामीणों की इस समस्या का समाधान ना तो किसी अधिकारी ने किया है और ना ही कोई जनप्रतिनिधि ने उनकी समस्या सुलझाने की कोशिश की. खेरिया, तोर, देवरी, अजनोधा, आलमपुरा 5 गांव को जोड़ने वाली सड़क आज भी चलने लायक नहीं है. ऐसा नहीं है कि ये हालात पूरे 10 किलोमीटर एरिया के हैं, बल्कि नेशनल हाईवे से लगे गांव की ओर रोड का महज 2 किलोमीटर का हिस्सा आज भी अपने हालातों पर रो रहा है, लेकिन जिम्मेदारों को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता.

Residents boycott election
आए दिन होती है दुर्घटनाएं

रहवासियों ने किया चुनाव का बहिष्कार

ग्रामीणों ने परेशान होकर अब उम्मीद ही छोड़ दी है. करीब 700 परिवार के डेढ़ हजार वोटर मन बना चुके हैं कि आगामी विधानसभा उपचुनाव में वोट नहीं करेंगे, जिसके लिए रहवासियों ने बीच रोड पर चुनाव बहिष्कार का बैनर भी लगा दिया है. रहवासियों ने बताया कि पिछले 30 साल से उनकी कॉलोनी में अंदर की ओर 5 गांव को जोड़ता है, लेकिन रोड का 2 किलोमीटर का हिस्सा आज तक नहीं बना है. एसडीएम कलेक्टर से लेकर नेताओं मंत्रियों तक मुलाकात कर अपनी बात रखी, तमाम आवेदन दिए, लेकिन हालात जस के तस बने हुए है.

ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच और सचिव तो इस कॉलोनी को अवैध तक बता देते हैं. इसीलिए अब सब्र का बांध टूट चुका है और हर वर्ग के वोटर ने ये तय कर लिया है कि आने वाले समय में कोई भी चुनाव हो चाहे पंचायत या विधानसभा ये लोग उसका बहिष्कार ही करेंगे, साथ ही कहा है कि अगर कोई जनप्रतिनिधि यहां आता है तो उसे भगा दिया जाएगा.

ये भी पढ़े- कभी कोहरा तो कभी रिमझिम फुहार, पर्यटकों का मन मोह रहा हरियाली में लिपटा मांडू

आज तक नहीं हुई सुनवाई

ग्रामीणों का कहना है कि आज तक किसी जनप्रतिनिधि ने उनका साथ नहीं दिया. इतिहास में पहली बार मेहगांव को एक मंत्री मिला, लेकिन उन्होंने भी शुरुआत में हाथ खड़े कर दिए. वहीं हाल ही में जब महीने भर पहले राज्यमंत्री ओपीएस भदोरिया से मुलाकात की तो उन्होंने सड़क के लिए व्यवस्था करने की बात कहीं और जल्द ही यहां मुरम, गिट्टी डलवा कर चलने लायक बनाने का आश्वासन दिया था, लेकिन महीने भर बीत जाने के बाद भी हालात पहले की तरह ही है. अब तक मंत्री ने अपनी बात पूरी नहीं की.

कलेक्टर ने दिया ये आश्वासन

गल्ला मंडी ग्रामीणों की समस्या को लेकर जब ईटीवी भारत ने कलेक्टर से बात की तो डीएम डॉक्टर वीरेंद्र नवल सिंह रावत ने जल्द से जल्द इस रोड की जानकारी निकलवाने और उसे बनवाने का आश्वासन दिया, साथ ही उन्होंने कहा कि जो लोग इस बात से असंतोष है वो चुनाव का बहिष्कार करने और वोट नहीं देने की बात कह रहें है उनसे बातचीत करने की कोशिश किए जाएंगे. वहीं मामले को शांतिपूर्वक सुलझाया जाएगा.

भिंड की मेहगांव विधानसभा वर्तमान में पूरे प्रदेश के सबसे चर्चित विधानसभा सीट है, जहां से आने वाले कुछ महीनों में ही उपचुनाव होना है, लेकिन मेहगांव विधानसभा में ही मेहगांव कस्बे में नेशनल हाईवे से लगी कॉलोनी पिछले 30 साल से सड़क की राह देख रही है. इस दौरान ना तो किसी अधिकारी ने बात सुनी ना कोई जनप्रतिनिधि आगे आया. अपने साथ हो रहे इस दोहरे व्यवहार से अब करीब डेढ़ हजार वोटरों ने आगामी विधानसभा उपचुनाव से लेकर हर चुनाव का बहिष्कार करने का मन बना लिया है, यहां तक की नेताओं को कॉलोनी में घुसने पर भगा देने तक का ऐलान कर दिया है.

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