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MLA का रिपोर्ट कार्ड: भिंड विधानसभा में है मूलभूत सुविधाओं का बुरा हाल

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Published : Jan 28, 2020, 12:46 PM IST

ETV भारत की खास पेशकश 'MLA का रिपोर्ट कार्ड' में हमारे संवाददाता ने जायजा लिया भिंड विधानसभा का, स्थानीय विधायक ने दावे तो बड़े- बड़े किए, लेकिन जमीनी कहीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है.

mla report card
MLA रीपोर्ट कार्ड

भिंड। ETV भारत की खास पेशकश 'MLA का रिपोर्ट कार्ड' में हमारे संवाददाता ने रुख किया भिंड विधानसभा का, यहां से बीएसपी के टिकट पर संजीव कुशवाहा चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे. लेकिन क्या उन्होंने अपने तमाम चुनावी वादों को पूरा किया. एक साल में कितनी बदली भिंड विधानसभा की तस्वीर ये जायजा लेने से पहले ETV भारत संवाददाता ने खुद स्थानीय विधायक संजीव कुशवाहा से खास बातचीत की. इस बातचीत में विधायक कुशवाहा ने दावे तो बड़े- बड़े किए लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है. विकास कार्यों के लिए करोड़ों के प्रोजेक्ट शुरू किए गए, लेकिन यब प्रोजेक्ट अब जनता के लिए मुसीबत बन गए हैं.

विधायक संजीव सिंह कुशवाह से बातचीत

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान विधायक संजीव सिंह कुशवाह ने कई बड़ी-बड़ी बातें की, लेकिन जनता उन बातों से बिल्कुल सहमत नहीं है. भिंड विधानसभा के लोगों में आक्रोश है, क्योंकि विकास के नाम पर शुरू किए गए कार्य लोगों के लिए मुसीबत बन गए हैं, स्वास्थ्य सेवाएं बेहाल हैं. नेता राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं. 1 साल के कार्यकाल के बाद भी आज भिंड विधानसभा विकास से कोसों दूर नजर आ रही है.

MLA रीपोर्ट कार्ड

स्थानीय लोगों के लिए मुसीबत बन गए विकास कार्य

नगरपालिका अपना काम ठीक से नहीं कर रही है. ETV भारत संवाददाता जब लोगों के बीच पहुंचे तो विधायक के बयानों की हकीकत साफ नजर आने लगी, पूरे भिंड शहर वर्तमान में गंदगी का ढेर नजर आ रहा है, जगह-जगह सड़कें खुदी पड़ी हैं, नालों की गंदगी रिहायशी इलाकों में भरी हुई है. लोगों का चलना तक मुहाल हो गया है.

महीनों से अटके हैं प्रोजेक्ट

मुख्य बाजार से गुजरने वाली सड़क के चौड़ीकरण का काम किया जा रहा है. 2 किलोमीटर के क्षेत्र में चल रहे निर्माण कार्य को 4 महीने गुजर चुके हैं, लेकिन आज तक नगर पालिका ने पूरी तरह न तो मलबा हटाया है, ना ही लोगों को निर्माण और सुधार कार्य करने की परमिशन दी जा रही है.

बदहाल हैं स्वास्थ्य सेवाएं

सरकारी अस्पतालों के हाल बेहाल है, यहां से ज्यादातर गंभीर मरीजों को रेफर कर दिया जाता है. इसकी वजह डॉक्टर के खाली पद, स्टाफ नर्स और मैदानी अमले की कमी है. अस्पताल में डॉक्टर और आधुनिक मशीनों की भी कमी है, जिसके चलते मरीजों को इलाज में परेशानी आती है. जिला अस्पताल में आज तक सीटी स्कैन और एमआरआई जैसी सुविधाएं नहीं मिल पाई है. जिला अस्पताल में डॉक्टर की कमी के चलते अक्सर मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.

भिंड। ETV भारत की खास पेशकश 'MLA का रिपोर्ट कार्ड' में हमारे संवाददाता ने रुख किया भिंड विधानसभा का, यहां से बीएसपी के टिकट पर संजीव कुशवाहा चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे. लेकिन क्या उन्होंने अपने तमाम चुनावी वादों को पूरा किया. एक साल में कितनी बदली भिंड विधानसभा की तस्वीर ये जायजा लेने से पहले ETV भारत संवाददाता ने खुद स्थानीय विधायक संजीव कुशवाहा से खास बातचीत की. इस बातचीत में विधायक कुशवाहा ने दावे तो बड़े- बड़े किए लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है. विकास कार्यों के लिए करोड़ों के प्रोजेक्ट शुरू किए गए, लेकिन यब प्रोजेक्ट अब जनता के लिए मुसीबत बन गए हैं.

विधायक संजीव सिंह कुशवाह से बातचीत

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान विधायक संजीव सिंह कुशवाह ने कई बड़ी-बड़ी बातें की, लेकिन जनता उन बातों से बिल्कुल सहमत नहीं है. भिंड विधानसभा के लोगों में आक्रोश है, क्योंकि विकास के नाम पर शुरू किए गए कार्य लोगों के लिए मुसीबत बन गए हैं, स्वास्थ्य सेवाएं बेहाल हैं. नेता राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं. 1 साल के कार्यकाल के बाद भी आज भिंड विधानसभा विकास से कोसों दूर नजर आ रही है.

MLA रीपोर्ट कार्ड

स्थानीय लोगों के लिए मुसीबत बन गए विकास कार्य

नगरपालिका अपना काम ठीक से नहीं कर रही है. ETV भारत संवाददाता जब लोगों के बीच पहुंचे तो विधायक के बयानों की हकीकत साफ नजर आने लगी, पूरे भिंड शहर वर्तमान में गंदगी का ढेर नजर आ रहा है, जगह-जगह सड़कें खुदी पड़ी हैं, नालों की गंदगी रिहायशी इलाकों में भरी हुई है. लोगों का चलना तक मुहाल हो गया है.

महीनों से अटके हैं प्रोजेक्ट

मुख्य बाजार से गुजरने वाली सड़क के चौड़ीकरण का काम किया जा रहा है. 2 किलोमीटर के क्षेत्र में चल रहे निर्माण कार्य को 4 महीने गुजर चुके हैं, लेकिन आज तक नगर पालिका ने पूरी तरह न तो मलबा हटाया है, ना ही लोगों को निर्माण और सुधार कार्य करने की परमिशन दी जा रही है.

बदहाल हैं स्वास्थ्य सेवाएं

सरकारी अस्पतालों के हाल बेहाल है, यहां से ज्यादातर गंभीर मरीजों को रेफर कर दिया जाता है. इसकी वजह डॉक्टर के खाली पद, स्टाफ नर्स और मैदानी अमले की कमी है. अस्पताल में डॉक्टर और आधुनिक मशीनों की भी कमी है, जिसके चलते मरीजों को इलाज में परेशानी आती है. जिला अस्पताल में आज तक सीटी स्कैन और एमआरआई जैसी सुविधाएं नहीं मिल पाई है. जिला अस्पताल में डॉक्टर की कमी के चलते अक्सर मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.

Intro:नोट कृपया इस खबर को पब्लिश ना करें यह खबर डेस्क द्वारा असाइनमेंट रियलिटी चेक पर आधारित है (भिंड विधानसभा, विधायक- संजीव सिंह कुशवाह) विधायक से 121 पहले ही भेजा जा चुका है

ओपनिंग पीटीसी-
मध्य प्रदेश में 15 साल बाद कांग्रेस की वापसी हुई तो बीजेपी के हाथ से सत्ता गई लेकिन भिंड विधानसभा में लोगों ने अपनी आवाज उठाने बसपा से संजीव सिंह कुशवाहा को अपना विधायक चुना भिंड के वर्तमान हालात कहीं ना कहीं उसके विकास में रोड़ा नजर आते हैं लेकिन विधायक का कहना है कि आने वाले सालों में भिंड का विकास पूरे प्रदेश में दिखेगा और यहां लोग उन सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे जो बीजेपी सरकार के द्वारा उन्हें नहीं मिल पाई विधायक की बात से जनता कितनी सहमत है यह बात हम देखेंगे भिंड विधानसभा के रियलिटी चेक में


Body:चुनावी मैदान में कई पार्टियां अपने प्रतिनिधि जनता के सामने उतारती हैं लेकिन लोग अपने क्षेत्र की बागडोर उस शख्स के हाथों में देना पसंद करते हैं जो उस क्षेत्र को विकास की ओर ले जाए मध्य प्रदेश के विधानसभा क्रमांक 10 यानी भिंड विधानसभा में जनता ने 69107 वोट बसपा के संजीव सिंह कुशवाहा को देकर अपना विधायक चुनाव और विधायक ने समर्थन देकर कांग्रेस की सरकार बनने में सहयोग किया जनता को अपने नए विधायक से कई अपेक्षाएं थीं क्योंकि विधायक जी ने चुनाव से पहले कई वादे जो किए

*स्थानीय लोगों के लिए मुसीबत बन गए विकास कार्य
सरकार में आने के बाद क्षेत्र की जनता को खुश करने के लिए और विकास करोड़ों के प्रोजेक्ट शुरू है लेकिन यह प्रोजेक्ट अब भिंड की जनता के लिए मुसीबत बन गए हैं नगरपालिका अपना काम ठीक से नहीं कर रही है हर तरफ हालात बद से बदतर हो गए हैं ईटीवी भारत जब लोगों के बीच पहुंचा तो विधायक के बयानों की हकीकत सत्र नजर आने लगी पूरा भिंड शहर वर्तमान में गंदगी का ढेर बना हुआ है जगह-जगह सड़कें खुदी पड़ी है नालों की गंदगी रिहायशी इलाकों में भरी हुई है लोगों का चलना तक मुहाल हो गया है रही सही कसर प्रोजेक्ट में पूरी कर दी समय सीमा निकल जाने के 4 महीने बाद भी प्रोजेक्ट का काम आधा भी नहीं हुआ है मुख्य बाजार यानी बजरिया को विकास के नाम पर चौड़ीकरण के तहत 15 साल की लड़ाई के बाद अतिक्रमण हटाने के नाम पर तोड़ दिया गया 2 किलोमीटर एरिया में हुई कार्रवाई को 4 महीने गुजर चुके हैं लेकिन आज तक नगर पालिका ने न तो पूरी तरह मलबा हटाया है ना लोगों का निर्माण और सुधार कार्य की परमिशन दी जा रही है ऐसे में शहर का मुख्य मार्ग पूरी तरह से बंद पड़ा है यहां के रहवासियों और व्यापारियों का कहना है कि जनप्रतिनिधि व अधिकारी कोई सुनने को तैयार नहीं तो आज तक हालात देखने तक नहीं आए

बाइट- विक्रम सिंह, स्थानीय निवासी (लाल स्वेटर में)
बाइट - महेशचंद जैन, स्थानीय निवासी (लाइनिंग स्वेटर)
बाइट- सुरेश मेहरोत्रा, स्थानीय निवासी (ब्लैक जैकेट)
बाइट- जवाहरलाल जैन, स्थानीय निवासी (गले में स्कार्फ़)
बाइट- मुन्नी- स्थानीय निवासी
बाइट- छोटे सिंह, कलेक्टर, भिंड

बदहाल हैं स्वास्थ्य सेवाएं
हर विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं एक अहम मुद्दा होती हैं लेकिन भिंड की जनता उससे भी बेहाल है बात अगर स्वास्थ्य सेवाओं की करें तो भिंड जिले में संचालित हो रहे सरकारी अस्पतालों के हाल बेहाल हैं यहां से ज्यादातर गंभीर मरीजों को रेफर किया जा रहा है वजह डॉक्टर के खाली पद स्टाफ नर्स और मैदानी अमले की कमी हर्मा 108 एंबुलेंस और जननी एक्सप्रेस से करीब दो हजार से ज्यादा मरीज जिले के सरकारी अस्पतालों से जिला अस्पताल लाए जाते हैं वहीं 500 से ज्यादा मरीजों को जिला अस्पताल से ग्वालियर रेफर किया जाता है इसके अलावा एक हजार से ज्यादा मरीज निजी वाहनों से अन्य जिलों में चले जाते हैं अस्पताल में डॉक्टर और आधुनिक मशीनों की भी कमी है जिसके चलते मरीजों को इलाज में परेशानी आती है खासकर जिला अस्पताल में आज तक सीटी स्कैन और एमआरआई जैसी सुविधाएं नहीं मिल पाई है जिला अस्पताल में डॉक्टर की कमी के चलते अक्सर मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है ओपीडी के लिए रोजाना 15 से 2000 मरीज पहुंच रहे हैं लेकिन गिने-चुने विशेषज्ञ जो कहीं स्वास्थ्य शिविर या छुट्टी पर चले जाएं तो अस्पताल में मरीजों के लिए मुसीबत और बढ़ जाती है अस्पताल में डॉक्टर की तलाश में भटक रहे मरीजों का कहना है कि इस तरह की स्थिति देखने को मिलती है तो जिले के अन्य तहसीलों से आते हैं लेकिन इलाज के अभाव में मायूस होकर लौट जाते हैं हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने जिला अस्पताल की शादी थी लेकिन 5 महीने बीतने के बाद भी अब तक कार्यभार नहीं ज्वाइन किया है इस बात की पुष्टि खुद सीएमएचओ अजीत मिश्रा और भिंड विधायक संजीव सिंह कुशवाह ने की है

बाइट - दिनेश कुमार शर्मा, मरीज के परिजन
बाइट- सुधा, बीमार बच्चे की मां
बाइट- डॉ अजीत मिश्रा, सीएमएचओ, भिंड


Conclusion:क्लोजिंग पीटीसी - विधायक ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कई बड़ी-बड़ी बातें की लेकिन जनता उन बातों से बिल्कुल सहमत नजर नहीं आ रही है आज भिंड विधानसभा के लोगों में आक्रोश है क्योंकि विकास के नाम पर शुरू किए गए कार्य लोगों के लिए मुसीबत बन गए हैं स्वास्थ्य सेवाएं बेहाल हैं और नेता जनता के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं 1 साल के कार्यकाल के बाद भी आज भिंड विधानसभा विकास से कोसों दूर नजर आ रही है.
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