भिंड। भिंड जिले में प्रशासन चुनावी साल में मुख्यमंत्री की लाडली बहना योजना के लिये महिलाओं का ई-केवाईसी क्रियान्वयन कराने में आतुर नजर आ रहा है. इस कार्य की जिम्मेदारी सम्भाल रहे अधिकारी और कर्मचारियों के लिए दिन ब दिन मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. शायद ही जिले में कोई ऐसा दिन गुजर रहा है जब दो-चार सचिवों को निलंबित न किया जा रहा हो या नोटिस न थमाये जा रहे हैं. लापरवाही को लेकर जहां शनिवार को जिले के एक ग्राम पंचायत सरपंच को हटाने का नोटिस देने के साथ, 6 ग्राम सचिवों को निलंबित कर दिया था. वहीं रविवार को 2 ग्राम सचिवों का 7 दिन का वेतन काटने के निर्देश जारी किए हैं.
मौके से नदारद मिले सचिव: लाडली बहना योजना के रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के तहत करायी जा रही ई-केवाईसी समग्र वेरिफिकेशन को लेकर गांव-गांव में लगे शिविरों का जिले के राजस्व अधिकारी निरीक्षण कर रहे हैं. जिले में निर्धारित समयावधि में सभी महिला हितग्राहियों का EKYC कराने के लिए मॉनिटरिंग भी सख्त हो रही है. इसी क्रम में रविवार को लहार जनपद के ग्राम पंचायत कुरथर में शिविर का निरीक्षण करने पहुंचे एसडीएम को ग्राम पंचायत सचिव नदारद मिले. ऐसे में शिविर में अनुपस्थित रहने पर सचिव आदित्यनारायण शर्मा को नोटिस जारी करते हुए मार्च महीने के वेतन में 7 दिन की वेतन काटने के आदेश जारी किए गए हैं.
पंचायत में आज तक नहीं लगवाया एक भी शिविर: इसके साथ ही रविवार के दिन जिले के रौन जनपद की ग्राम पंचायत जैतपुरागढ़ के सचिव श्यामसिंह दिवाकर को भी डिप्टी कलेक्टर द्वारा 7 दिन का वेतन काटे जाने का नोटिस थमाया गया है. उनपर यह करवाई काम लापरवाही के लिए की गई. बताया गया है कि पूर्व निर्देशों के बावजूद पंचायत सचिव द्वारा ना तो पंचायत में लाडली बहना योजना के अन्तर्गत कोई शिविर आयोजित किया गया है और न ही ऑनलाइन फीडिंग की गई है. पात्र महिलाओं के ई-केवाईसी में भी उनके द्वारा रुचि नहीं ली जा रही है. सबसे बड़ी बात इन कार्यों के लिए सचिव ने आज तक अपना यूजर आईडी और पासवर्ड तक नहीं बनवाया है, जिसके चलते उनपर यह कार्रवाई की गई है. सजगता न दिखाने वाले अन्य कई सचिवों को तत्काल निलंबित किया गया है. फिर इन सचिवों पर सिर्फ 7 दिन की वेतन कटौती की मेहरबानी किस लिए की गई.
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प्रतिदिन जारी हो रहे कार्रवाइयों के नोटिस: बता दें कि शनिवार को भी नगर पालिका सीएमओ भिंड वीरेंद्र तिवारी को लाडली बहना योजना की मॉनिटरिंग ठीक से ना होने पर 7 दिन का वेतन काटने का आदेश जारी किया था. वहीं जिले में 6 सचिवों को निलंबित किया गया था. इससे पहले भी करीब एक दर्जन से अधिक सचिवों पर लापरवाही और ढीलपोल के लिए निलंबन की कार्रवाई हो चुकी है. कार्रवाई के क्रम में महिला बाल विकास के अन्तर्गत आने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर गाज गिरी है.