भिंड। पटवारी परीक्षा परिणामों में धांधली के आरोप लगाकर सियासी दलों का प्रदर्शन जारी है. विपक्षी दल इस गड़बड़ी की तुलना व्यापमं कांड से कर रहे हैं. प्रदेश भर में कांग्रेस के अलावा बसपा और आम आदमी पार्टी भी जगह-जगह प्रदर्शन कर रही है. ग्वालियर में बनाए परीक्षा सेंटर से पास हुए अभ्यर्थियों के कारण सारा बवाल हुआ है. इस मामले की जड़ें मध्यप्रदेश के भिंड ज़िले से जुड़ी हैं. क्योंकि पटवारी परीक्षा में ग्वालियर के जिस NRI कॉलेज पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं, वह भिंड के बीजेपी विधायक संजीव सिंह कुशवाह का है.
विधायक का बंगला घेरने पहुंचे: पटवारी भर्ती परीक्षा की मेरिट में 7 अभ्यर्थी भिंड के भाजपा विधायक के ग्वालियर स्थित कॉलेज सेंटर से चयनित हैं. ऐसे में अब बीजेपी विधायक संजीव सिंह कुशवाह विपक्ष के निशाने पर हैं. वहीं तीसरी पार्टी के रूप में आगे बढ़ रही आम आदमी पार्टी भी अब इस मामले को भुनाने के लिए आंदोलन करने सड़कों पर है. भिंड में शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के एक सैकड़ा से अधिक पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने भाजपा विधायक कुशवाह के बंगले का घेराव किया. आप कार्यकर्ताओं ने विधायक और बीजेपी सरकार के ख़िलाफ नारेबाजी की. साथ ही विधायक संजीव सिंह कुशवाह के इस्तीफे की भी मांग की.
विधायक कुशवाह निशाने पर : आप जिला अध्यक्ष अरविंद जोशी ने कहा कि ग्वालियर का एनआरआई कॉलेज विधायक का है. इसी कॉलेज के 7 अभ्यर्थी प्रदेश की टॉप 10 लिस्ट में शामिल हैं. ऐसे में कहीं ना कहीं पटवारी भर्ती चयन परीक्षा में भ्रष्टाचार हुआ है. आम आदमी पार्टी की मांग है कि इस परीक्षा को निरस्त कर CBI जांच करानी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस तरह के घोटालों की वजह से प्रदेश के युवा आत्महत्या जैसे क़दम उठा रहे हैं. गोरमी इलाक़े में 20 साल की छात्रा ने आत्महत्या कर ली, क्योंकि पटवारी परीक्षा में आस का चयन दो अंकों की वजह से नहीं हो सका.
कांग्रेस ने की परीक्षा निरस्त करने की मांग : आम आदमी पार्टी के साथ साथ शुक्रवार को कांग्रेस ने भी कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया. कार्यकर्ता कलेक्टर को ज्ञापन देना चाहते थे लेकि उनकी मुलाक़ात नहीं हो सकी. ऐसे में कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट गेट पर ही जम कर नारेबाज़ी की. शिवराज सरकार और पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए. कांग्रेस ने एसडीएम उदय सिंह सिकरवार को ज्ञापन सौंपकर पटवारी भर्ती परीक्षा में हुए घोटाले को लेकर परीक्षा को निरस्त करने और इसकी जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज के द्वारा कराए जाने की मांग की.