भिंड। जिले की अटेर जनपद पंचायत का अगस्त महीने में गठन होने के बाद मंगलवार को पहली साधारण सभा की मीटिंग रखी गई. मीटिंग में महिला सदस्यों के साथ उनके पति और बेटे भी पहुंचे थे. मीटिंग हॉल में पहुंचे प्रभारी जनपद सीईओ उदय सिंह सिकरवार ने सदस्यों के अलावा अन्य लोगों को मीटिंग हॉल में देखा तो उनको बाहर रास्ता दिखा दिया. इससे आक्रोशित होकर महिला व पुरुष सभी सदस्यों और अध्यक्ष- उपाध्यक्ष ने मीटिंग का बहिष्कार कर जनपद कार्यालय के बाहर जमकर नारेबाजी की और जनपद प्रभारी सीईओ उदय सिंह सिकरवार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और उनको हटाने की मांग की.
अध्यक्ष बोली- महिलाओं के परिजन का साथ रहना ज़रूरी : अटेर जनपद अध्यक्ष कमला शर्मा का आरोप है कि अटेर के एसडीएम और प्रभारी जनपद CEO उदयसिंह सिकरवार हमेशा ऐसा ही व्यवहार करते हैं. कल की मीटिंग में भी उन्होंने चिल्लाते हुए सबको बाहर कर दिया. मजबूरन हम सब बाहर आगाए. अगर इस तरह का व्यवहार होगा तो मीटिंग कैसे होंगी, जिस काम के लिए मेहनत करके चुनकर गए, वह काम और क्षेत्र का विकास कैसे करेंगे. उन्होंने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि जनपद की महिला सदस्यों के प्रतिनिधियों को भी मीटिंग के दौरान साथ लाने की अनुमति होनी चाहिए.
महिलाएं नहीं देख पाएंगी काम : जनपद अध्यक्ष ने चेतावनी दी कि अगर वर्तमान प्रभारी उदय सिंह सिकरवार को सीईओ के पद से नहीं हटाया गया तो क्षेत्र के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष समेत सभी जनपद सदस्य धरना देंगे. उन्होंने यह भी कहा कि जनपद में विकास कार्यों के लिए बिना परिषद के अनुमोदन भुगतान किए जा रहे हैं. ऐसे में भ्रष्टाचार की आशंका को देखते हुए इनकी जाँच होनी चाहिए. अधिकारी अनपढ़ होने का फ़ायदा ना उठायें. जनपद अध्यक्ष की बेटे विकास का कहना था कि उनकी माताजी की उम्र 71 साल है, आंखों में मोतियाबिंद और पढ़ी-लिखी भी नहीं है, जिसके चलते मीटिंग में माँ के साथ उनका बैठना आवश्यक है, जिससे पता लग सके उनसे किस प्रकार के दस्तावेजों पर दस्खत अथवा अंगूठा लगवाया जा रहा है.
कलेक्टर बोले- महिला चुनी गई हैं, वहीं चलाएं परिषद : भिंड कलेक्टर का कहना है कि उनके पास भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायत आती है तो वह उसकी आवश्यक जांच कराएंगे लेकिन साधारण सभा की मीटिंग में सदस्यों के अलावा अन्य लोगों का प्रतिबंध शासन की गाइडलाइन के अनुसार ही किया गया है, और किसी भी वृद्ध अथवा महिला होने का हवाला देकर कोई भी मीटिंग में प्रवेश पाने की छूट नहीं ले सकता है. सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए हरसंभव प्रयासरत है, अगर जनता ने महिलाओं को चुना है तो उनका प्रतिनिधित्व करने का अधिकार भी उन्हीं को है ना कि उनके परिजन पुरुषों को. MP News Bhind Ater, Elected women name only, MP Panchayati Raj, janpad president admits, women cannot work