भिंड। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में जनादेश सामने आ चुका है और इसको लेकर प्रदेश के चंबल क्षेत्र पर भी सबकी निगाहें टिकी हुई थी. अंचल के भिंड जिले की पाँच विधानसभाओं से इस बार जनता ने तीन सीटें बीजेपी को तो दो कांग्रेस के सुपुर्द कर दी हैं. मतगणना पूरी होने के साथ ही भिंड, मेहगांव और लहार विधानसभा में बीजेपी के प्रत्याशी विजयी रहे तो वहीं कांग्रेस एक बार फिर अटेर लौट आयी है. गोहद में भी जानता का समर्थन कांग्रेस प्रत्याशी को मिला है.
अटेर में मंत्री जी धड़ाम, कांग्रेस के पक्ष में परिणाम: मध्यप्रदेश की हाई प्रोफाइल सीटों में से एक भिंड जिले की अटेर विधानसभा सीट इस चुनाव में जनता ने कांग्रेस के हवाले कर दी है. असल में इस विधानसभा से बीजेपी सरकार के कैबिनेट मंत्री अरविंद भदौरिया विधायक थे और इस बार बीजेपी से फिर चुनाव लड़े. लेकिन जनता ने कांग्रेस के हेमंत कटारे का साथ देकर उन्हें विधायक चुन लिया है. यहां से मंत्री अरविंद भदौरिया को कुल 49314 वोट मिले हैं जबकि अटेर की जनता से कांग्रेस प्रत्याशी हेमंत कटारे को 69542 वोट मिले हैं इस चुनाव में कांग्रेस को 20,228 मतों के अंतर से जीत हासिल हुई है. जीतने के बाद अटेर आरओ द्वारा हेमंत कटारे को प्रमाण पत्र दिया गया और उन्हें विधायक घोषित कर दिया गया.
तीसरी बार विधायक बने बीजेपी के नरेंद्र: जिले की दूसरी विधानसभा भिंड में जनता ने अपना मूड बदलते हुए कांग्रेस-बसपा की बजाय एक बार फिर बीजेपी पर भरोसा दिखाया है. बसपा से सिटिंग विधायक रहे संजीव सिंह संजू 34938 वोट के साथ तीसरे स्थान पर पहुचे तो वहीं बीजेपी प्रत्याशी नरेंद्र सिंह कुशवाहा ने 65588 मत हासिल कर कांग्रेस के प्रयाशी और पूर्व मंत्री राकेश सिंह चतुर्वेदी को हरा दिया. कांग्रेस प्रत्याशी को इस चुनाव में 52,274 वोट मिले थे जिसकी वजह से उन्हें 14,146 वोट के अंतर से हार का सामना करना पड़ा.
टूट गया 33 वर्षों का रिकॉर्ड, बीजेपी ने की एंट्री: जिले की तीसरी विधानसभा भी VVIP सीटों में से एक है. इस सीट पर प्रदेश के विधानसभा प्रतिपक्ष और डॉ गोविंद सिंह पिछले 33 वर्षों से विधायक थे, लेकिन जनता ने लगातार 8वीं बार विधायक बनने के उनके सपने को तोड़ दिया. एक लंबे अरसे के बाद बीजेपी के अम्बरीश शर्मा ने 75374 वोट प्राप्त कर उन्हें 12397 मतों के अंतर से हरा दिया है. लहर में कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. गोविंद सिंह को इस बार बीजेपी के मुकाबले 62950 वोट ही मिले.
मामा भांजे दोनों हारे, जनता का फिर शुक्ला को समर्थन: चौथी विधानसभा मेहगांव में भी जनता ने बीजेपी का सपोर्ट किया है. यहां से बीजेपी प्रत्याशी रहे पूर्व विधायक राकेश शुक्ला तीसरी बार विधायक चुने गए हैं. उन्हें महगांव की जनता ने 87153 वोट दिये, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी और नेता प्रतिपक्ष के भांजे राहुल सिंह भदौरिया को 65,143 वोट मिले हैं. इस चुनाव में बीजेपी की जीत का मार्जिन 22010 वोट का रहा.
रिकाउंटिंग के बाद भी नहीं जीत पाये बीजेपी के 'लाल': गोहद विधानसभा ज़िले की एक मात्र अनुसूचित जाति आरक्षित और पांचवीं विधानसभा है. यहां से बीजेपी ने अपने अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य को चुनाव में उतारा था, जिन्हें 69334 वोट मिले. जबकि पहली बार चुनाव लड़े कांग्रेस के केशव देसाई को 69941 वोट मिले. इस सीट पर रिजल्ट डिक्लेयर होने के बाद बीजेपी प्रत्याशी ने रिकाउंटिंग की भी अपील की थी. लेकिन रिकाउंटिंग के बाद भी उन्हें 607 मतों से हार का सामना करना पड़ा.
जीते प्रत्याशियों को मिला प्रमाणपत्र: खैर जनता ने अपना विधायक चुन लिया है, प्रशासन ने प्रमाण पत्र भी दे दिया है. अब आने वाले कुछ ही दिनों में जनता द्वारा चुने गए यह नव निर्वाचित विधायक मध्य प्रदेश विधानसभा में अपने पद की शपथ लेकर क्षेत्र के विकास के लिए जुड़ जाएंगे. उसके बाद ही पता चलेगा कि वे अपनी क्षेत्र की जनता की उम्मीदों पर कितना खरा उतर पाएंगे.