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MP Chunav 2023: नेता प्रतिपक्ष ने भारत निर्वाचन आयोग को लिखा पत्र, आगामी चुनावों में एमपी के मुख्य सचिव की निष्पक्षता पर जताई आशंका - Dr Govind Singh service extension objection

मध्यप्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस को पद से हटाकर किसी अन्य अधिकारी को मुख्य सचिव बनाने को लेकर भारत निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा है.

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एमपी के मुख्यसचिव इकबाल सिंह बैस और नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह
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Published : Aug 19, 2023, 10:48 PM IST

भिंड। मध्यप्रदेश में अक्सर विपक्ष खासकर नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह सरकार और प्रशासन की खामियां और मुद्दों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हैं. एक बार फिर नेता प्रतिपक्ष ने मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस को पद से हटाने के संबंध में भारत निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा है. उन्होंने ये पत्र आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर लिखा है.

Bhind News
नेता प्रतिपक्ष ने भारत निर्वाचन आयोग को लिखा पत्र

एनजीटी की टिप्पणी का दिया हवाला: मध्यप्रदेश के चीफ सेक्रेटरी इकबाल सिंह बैस को लेकर कई बार आपत्ति जता चुके नेता प्रतिपक्ष ने भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखे पत्र में अखबार के हवाले से दी गई खबर का जिक्र करते हुए कहा है कि 'राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल-एनजीटी) की बेंच ने मध्यप्रदेश के पूरे सिस्टम को अक्षम बताया है और मुख्य सचिव इक़बाल सिंह द्वारा बिना पढ़े ही एमपी सरकार का पक्ष रखने पर 5 लाख रुपये की पेनल्टी लगाते हुए कड़ी टिप्पणी की है कि ऐसे राज्य का भगवान ही मालिक है.

विधानसभा चुनाव की निष्पक्षता पर जतायी चिंता: डॉ. गोविंद सिंह की बात यहीं खत्म नहीं हुई. उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर निष्पक्षता पर सवालिया निशान लगाते हुए चिंता जाहिर की है. नेता प्रतिपक्ष ने निर्वाचन आयोग को लिखे पत्र में जिक्र किया है कि "निर्वाचन आयोग निष्पक्ष निर्वाचन के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन एमपी में ऐसे मुख्य सचिव हैं जिन्हें रिटायरमेंट के बाद भी 6-6 महीने का एक्सटेंशन दिया गया है. क्या ऐसे मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस के रहते प्रदेश का आगामी विधानसभा चुनाव निष्पक्षता के साथ संपन्न हो सकेगा. ये बड़ा सवाल है."

नये अधिकारी की नियुक्ति के लिए सिफारिश: नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने निर्वाचन आयोग को अवगत कराते हुए कहा है कि, उनके द्वारा पूर्व में भी मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस की सेवा वृद्धि के संबंध में पत्र लिखा गया है. साथ ही भारत निवाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त से पत्र में इक़बाल सिंह बैस को तत्काल मुख्य सचिव पद से हटा कर किसी अन्य अधिकारी को नियमित मुख्य सचिव के पद पर नियुक्त करने के लिए प्रदेश सरकार को निर्देशित करने का अनुरोध भी किया है.

यहां पढ़ें...

दो बार मिल चुका है एक्सटेंशन: मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव इक़बाल सिंह बैस 1985 बैच के अधिकारी हैं, उन्हें आईएएस सिलेक्शन के बाद उनकी पहली पोस्टिंग जनवरी 1993 में सीएम शिवराज के ग्रह जिला सीहोर में हुई थी. अगस्त में गुना जिले में पहली कलेक्टर पोस्टिंग मिली थी. वे सीएम के भरोसेमंद बताये जाते हैं. मुख्य सचिव बैस का सेवाकाल 30 नवम्बर 2022 को समाप्त हुआ था, लेकिन रिटायरमेंट के बावजूद सरकार ने उन्हें दो बार 6-6 महीने का एक्सटेंशन दिया. यह सेवा वृद्धि एआईएस (सीएस-आरएम) रूल्स 1960 के तहत एआईएस (डीसीआरबी) रूल्स 1958 के नियम 16(1) को शिथिल करते हुए दी गई थी. अब वे 30 नवंबर 2023 को सेवानिवृत होंगे.

भिंड। मध्यप्रदेश में अक्सर विपक्ष खासकर नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह सरकार और प्रशासन की खामियां और मुद्दों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हैं. एक बार फिर नेता प्रतिपक्ष ने मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस को पद से हटाने के संबंध में भारत निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा है. उन्होंने ये पत्र आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर लिखा है.

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नेता प्रतिपक्ष ने भारत निर्वाचन आयोग को लिखा पत्र

एनजीटी की टिप्पणी का दिया हवाला: मध्यप्रदेश के चीफ सेक्रेटरी इकबाल सिंह बैस को लेकर कई बार आपत्ति जता चुके नेता प्रतिपक्ष ने भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखे पत्र में अखबार के हवाले से दी गई खबर का जिक्र करते हुए कहा है कि 'राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल-एनजीटी) की बेंच ने मध्यप्रदेश के पूरे सिस्टम को अक्षम बताया है और मुख्य सचिव इक़बाल सिंह द्वारा बिना पढ़े ही एमपी सरकार का पक्ष रखने पर 5 लाख रुपये की पेनल्टी लगाते हुए कड़ी टिप्पणी की है कि ऐसे राज्य का भगवान ही मालिक है.

विधानसभा चुनाव की निष्पक्षता पर जतायी चिंता: डॉ. गोविंद सिंह की बात यहीं खत्म नहीं हुई. उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर निष्पक्षता पर सवालिया निशान लगाते हुए चिंता जाहिर की है. नेता प्रतिपक्ष ने निर्वाचन आयोग को लिखे पत्र में जिक्र किया है कि "निर्वाचन आयोग निष्पक्ष निर्वाचन के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन एमपी में ऐसे मुख्य सचिव हैं जिन्हें रिटायरमेंट के बाद भी 6-6 महीने का एक्सटेंशन दिया गया है. क्या ऐसे मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस के रहते प्रदेश का आगामी विधानसभा चुनाव निष्पक्षता के साथ संपन्न हो सकेगा. ये बड़ा सवाल है."

नये अधिकारी की नियुक्ति के लिए सिफारिश: नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने निर्वाचन आयोग को अवगत कराते हुए कहा है कि, उनके द्वारा पूर्व में भी मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस की सेवा वृद्धि के संबंध में पत्र लिखा गया है. साथ ही भारत निवाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त से पत्र में इक़बाल सिंह बैस को तत्काल मुख्य सचिव पद से हटा कर किसी अन्य अधिकारी को नियमित मुख्य सचिव के पद पर नियुक्त करने के लिए प्रदेश सरकार को निर्देशित करने का अनुरोध भी किया है.

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दो बार मिल चुका है एक्सटेंशन: मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव इक़बाल सिंह बैस 1985 बैच के अधिकारी हैं, उन्हें आईएएस सिलेक्शन के बाद उनकी पहली पोस्टिंग जनवरी 1993 में सीएम शिवराज के ग्रह जिला सीहोर में हुई थी. अगस्त में गुना जिले में पहली कलेक्टर पोस्टिंग मिली थी. वे सीएम के भरोसेमंद बताये जाते हैं. मुख्य सचिव बैस का सेवाकाल 30 नवम्बर 2022 को समाप्त हुआ था, लेकिन रिटायरमेंट के बावजूद सरकार ने उन्हें दो बार 6-6 महीने का एक्सटेंशन दिया. यह सेवा वृद्धि एआईएस (सीएस-आरएम) रूल्स 1960 के तहत एआईएस (डीसीआरबी) रूल्स 1958 के नियम 16(1) को शिथिल करते हुए दी गई थी. अब वे 30 नवंबर 2023 को सेवानिवृत होंगे.

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