भिंड: साल 2016 में हुई बोर्ड परीक्षाओं में भिंड के तत्कालीन कलेक्टर और एसपी ने नकल पर रोक लगाने के लिए कुछ प्रयोग किए. जिसने नकल माफिया की कमर तोड़ कर रख दी. बीते 6 वर्षों में भिंड इक्का दुक्का मामलों को छोड़ कर बोर्ड परीक्षाओं में नकल रहित रहा. लेकिन अब नकल रोकने की कवायद में नये प्रयोग कर प्रशासन गुरुजनों का अपमान करने पर उतारू हो गया है. शनिवार को अंग्रेजी विषय का पेपर था, लेकिन नकल पर नकेल कसने के नाम पर एक बार फिर भिंड प्रशासन प्राइवेट शिक्षकों को अपराधियों की तरह भिंड के सर्किट हाउस पर नजर बंद कर दिया. अंग्रेजी विषय के एक्सपर्ट करीब एक दर्जन प्राइवेट और सरकारी शिक्षकों को एक जगह बैठाया गया.
नकल रोकने के प्रयास अच्छा, शिक्षकों का नजबंद करना ठीक नहीं: नजरबंद शिक्षकों का कहना है कि" नकल रोकने के प्रयास करना अच्छा है लेकिन विषय विशेषज्ञ होना भी अपराध है. क्या जो उन्हें इस तरह अपराधियों की तरह तलब कर नजरबंद कर दिया गया है. परीक्षाओं में उनका किसी तरह का इन्वॉल्वमेंट हो तो कार्रवाई नहीं होना चाहिए. लेकिन अब प्रशासन प्रतिवर्ष परीक्षाओं में विषय विशेषज्ञों को अपमानित कर नेताओं की तरह नजरबंद किया जाने लगा है. अगर नकल पर पूरी तरह नकेल कस चुकी है फिर शिक्षकों को अपमान करने की परिपाटी क्यूं जारी है."
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अधिकारी क्या बोले: वहीं भिंड SDM उदय सिंह सिकरवार ने बताया कि "किसी भी शिक्षक को नजरबंद नहीं किया गया है उन्हें सिर्फ चार घंटे के लिए यहां बैठाया जा रहा है. प्रशासन के इस कदम को लेकर उन्होंने सफाई दी. पूर्व के वर्षों में भिंड में नकल की प्रणाली रही है. जिनमें प्राइवेट कोचिंग शिक्षकों का इन्वॉल्वमेंट पाया जाता रहा है. इसी कारण सुरक्षा दृष्टि से आज सर्किट हाउस में एक्सपर्ट्स शिक्षकों को नजरबंद किया गया है."