भिंड। मंगलवार को गोरमी थाना प्रभारी को नुन्हड़ गांव के रहने वाले 16 वर्षीय नाबालिग और उसके तीन दोस्तों के बंधक बनाए जाने और छोड़ने के बदले दो लाख रुपये की मांग की गई. फिरौती न मिलने पर दो घंटे बाद चारों को मौत के घाट उतारने की धमकी दी गई. मामले की गंभीरता को समझते हुए बंधक बने नाबालिग के पिता की शिकायत पर गोरमी थाना पुलिस ने तफ्तीश शुरू की.
ये है पूरा मामला : गोरमी थाना प्रभारी सुधाकर सिंह तोमर ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने पर हमने जांच शुरू कर दी थी. नाबालिग के पिता अनिल कुशवाह ने बताया था कि उन्हें गुजरात मे रहने वाले उनके साडू के बेटे ने इस मामले की जानकारी दी कि उसके नाबालिग बेटे से संपर्क नही हो रहा है. इसके बाद थाना प्रभारी तोमर ने गुजरात गांधी नगर में रहने वाले नाबालिग के मौसेरे भाई से बात की तो उसने एक नम्बर देते हुए बताया कि उसके पास फोन आया था कि पैसों का इंतज़ाम होने पर इस नम्बर पर सम्पर्क करना. टीआई के कहने पर बंधक बनाए नाबालिग के पिता ने अपहरणकर्ताओं को बताए गए नम्बर पर फ़ोन किया और स्पीकर ऑन कर दिया. उनसे बात करने पर आरोपियों ने नाबालिग और उसके चार दोस्तों को रिहा करने के बदले 2 लाख की डिमांड की.
पुलिस ने ऐसे लगाया सुराग : अपहर्ताओं ने दो घंटे में ऐसा न होने पर जान से मारने की धमकी दी. साथ ही पुलिस को कुछ न बताने के लिए भी कहा. जब उनसे बंधक बनाए जाने की वजह पूछी तो महज इतना कह कि इन लोगों ने रेप किया है. इसके बाद कॉल डिसकनेक्ट कर दिया गया. कॉल पर बात सुनकर पुलिस को भी मामले की गंभीरता समझ आ गई. चारों बंधकों की जान के खतरे को देखते हुए पुलिस ने पतासाजी की तो जानकारी मिली कि आखिरी बार चारों को मेहँगाव के हरीक्षा गढ़ी में देखा गया था. साथ ही पता चला कि इन चारों के साथ ही नहीं नाबालिग का जीजा प्रेम सिंह भी बंधक बनाया गया था, जिसे रुपये लाने के लिए धमकी देकर छोड़ दिया था. वहीं इस बीच मुरैना के सिहोनिया थाना पुलिस से भी संपर्क हुआ जिनसे पता चला कि बंधकों में अशोक और अनिल जाटव सिहोनिया के हैं और उनके परिजन ने पुलिस से संपर्क किया है.
दो थाना पुलिस की कार्रवाई : इसके बाद गोरमी और सिहोनिया पुलिस ने संयुक्त जांच शुरू की, जिसमें जानकारी लगी कि चारों बंधकों को मुरैना के जौरा इलाके में रखा गया है. पुलिस ने जौरा थाना पुलिस से संपर्क कर पूरा मामला बताया और तीन थानों की पुलिस ने संयुक्त दबिश देकर चारों पीड़ितों को रेस्क्यू कर लिया. पुलिस ने चार आरोपी बृजेश कुशवाह, राजेश कुशवाह, प्रीतम कुशवाह और दोस्त भरत रजक जिसके मकान में बंधकों को रखा गया के खिलाफ अलग अलग धाराओं में मामला दर्ज कर लिया.
शादीशुदा प्रेमिका के घर रह रहा था नाबालिग : जब पुलिस ने तफ्तीश की तो एक और कहानी सामने आई. गोरमी थाना प्रभारी के मुताबिक नुंहड़ के रहने वाले नाबालिग का हरीक्षा गढ़ी की एक महिला से संपर्क हो गया था. नाबालिग पिछले दो दिन 21 और 22 अक्टूबर को हरीक्षागढ़ी में ही महिला के घर में उसका रिश्तेदार बनकर रुका हुआ था. चूंकि महिला का पति बाहर रहता है. ऐसे में परिजन को शक हुआ तो उन्होंने नाबालिग से पूछताछ की तो पकड़ा गया. इसके बाद घरवालों ने महिला के पति को जानकारी दी. साथ ही महिला के मायके पक्ष को भी चरित्र शंका के चलते सूचित किया. वहीं नाबालिग से पूछताछ में उसके अन्य साथियों के भी गांव में होने की सूचना मिली तो उनको भी बुलाया.
महिला के मायके पक्ष ने बनाया था बंधक : जानकारी मिलने पर महिला के मायके से आये परिजन चारों को अपने साथ बात करने के नाम पर जौरा ले गए और वहां बंधक बनाकर मारपीट की. इसके बाद उनके साथ गया पांचवां शख्स नाबालिग का जीजा भी था, जिसे धमका कर छोड़ दिया साथ ही चारों की रिहाई के बदले 5 लाख रुपये लाने और पुलिस को न बताने की धमकी दी. बात नहीं मानने पर चारों को जान से मारने की धमकी दी थी. चूंकि जीजा रुपये कहाँ से लाता इसलिए उसने गुजरात मे रहने वाले नाबालिग के मौसेरे भाई को बंधक बनाए जाने और रुपये के मांग की बात बता दी थी.
नाबालिग के खिलाफ भी मामला दर्ज : सही समय पर मामले की जानकारी मिलने से पुलिस ने चारों बंधकों को समय रहते छुड़ा लिया.हालांकि महिला के परिजन कि शिकायत पर पुलिस ने नाबालिग के खिलाफ भी आईपीसी की धारा 376 के तहत मामला दर्ज किया है. थाना प्रभारी ने बताया कि मैंने खुद अपहरणकर्ताओं की धमकी और पैसों की डिमांड फ़ोन पर सुनी थी. इसलिए चार युवकों की जान खतरे में देखते हुए कार्रवाई की केस काफी उलझा हुआ था. इसे सुलझाने में ही 24 घंटे का समय लग गया. (MP Bhind Kidnapping Case) (Four friends hostage) (Kidnapping in Affair married woman)