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MP Bhind: ओलावृष्टि से फसलें बर्बाद, किसान तबाह, सरकार से मुआवजे की आस

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Published : Mar 21, 2023, 7:45 AM IST

मध्यप्रदेश में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों को बर्बाद कर दिया. जब फसलें पक कर तैयार थीं. उसी समय अचानक प्रकृति ने पूरी मेहनत पर पानी फेर दिया. ऐसे में अब किसानों को फसलों के नुक़सान के लिए सरकार से मुआवज़े का ही सहारा बचा है. भिंड में पूर्व मंत्री चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी ने ग्रामीणों के साथ भिंड एसडीएम से मुलाकात कर कलेक्टर के नाम ऊमरी क्षेत्र के दो दर्जन गांवों में हुए फसलों के नुक़सान की भरपाई को लेकर ज्ञापन सौंपा है.

MP Bhind Crops destroy hailstorm
ओलावृष्टि से नुकसान की भरपाई दिलाने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

भिंड। मध्यप्रदेश में बदले मौसम की मार सबसे ज़्यादा किसानों पर पड़ी है. खेतों में खड़ी और कटी सरसों और गेहूं की फसलें बर्बाद हो गई हैं. अतिवृष्टि और ओलावृष्टि के चलते फसलों को भारी नुकसान हुआ है. प्रदेश के ज़्यादातर ज़िले इससे प्रभावित हुए हैं. जिनमें भिंड ज़िला भी शामिल है. इन्हीं किसानों की समस्या को लेकर पूर्व मंत्री चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी ऊमरी क्षेत्र के ग्रामीणों के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचे. उन्होंने भिंड कलेक्टर के ना मिलने पर एसडीएम उदय सिंह सिकरवार को ज्ञापन सौंपते हुए मुआवजा दिलाये जाने की मांग रखी.

आपदा से मुश्किल हो गया जीवनयापन : ज्ञापन में पूर्व मंत्री द्वारा कहा गया है कि किसान सालभर मेहनत कर रबी फसल तैयार लेता है, लेकिन यह फसल कटने के बाद घर भी नहीं पहुंच सकी और प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गई. जिसकी वजह से किसान की मेहनतकश साथ साथ लागत, जुताई, बुवाई, पानी, खाद और बीज तक का पैसा निकालना मुश्किल है. ऐसे में अन्नदाता और उनके परिवार के लिए ना सिर्फ़ जीवनयापन बल्कि बच्चों की पढ़ाई-लिखाई कराना बहुत कठिन है. बादलों ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है.

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ईमानदारी से सर्वे की मांग : पूर्व मंत्री चतुर्वेदी ने कलेक्टर से मांग की है ऊमरी तहसील क्षेत्र के ग्राम पुलावली, बझाई पाण्डरी, ईश्वरी, रमपुरा, अकोडा, सियोडा, सरसई, गुसींग, अकाह, ऊमरी, खरिका, मोतीपुरा, कोट, सगरा, बीसलपुरा, मोतीपुरा, गहबत, पुले, पेवली, पेवली का पुरा, गुलालपुरा, ककहारा, अतरसूमा, पुराद्भूमना, महुअन का पुरा, विलाव और खेरा श्यामपुरा गांवों में फसलों के नुकसान को देखते हुए आरबीसी राजस्व विभाग के द्वारा प्रस्तावित शासकीय नियमों के अनुसार इस क्षेत्र का भौतिक सत्यापन जल्द से जल्द कराया जाए और एक कमेटी बनाकर इसका सर्वे पूरा कराएं, जिसमें राजस्व अधिकारी, सहकारिता अधिकारी, ग्राम पंचायत सचिव की उपस्थिति सुनिश्चित रहे, ताकि क्षति का मूल्यांकन सही रूप से किया जा सके और सरकार की राहत आपदा के नियमों के अनुसार किसानों को इस आपदा के समय अधिक से अधिक मुआवजा दिलाया जाए.

भिंड। मध्यप्रदेश में बदले मौसम की मार सबसे ज़्यादा किसानों पर पड़ी है. खेतों में खड़ी और कटी सरसों और गेहूं की फसलें बर्बाद हो गई हैं. अतिवृष्टि और ओलावृष्टि के चलते फसलों को भारी नुकसान हुआ है. प्रदेश के ज़्यादातर ज़िले इससे प्रभावित हुए हैं. जिनमें भिंड ज़िला भी शामिल है. इन्हीं किसानों की समस्या को लेकर पूर्व मंत्री चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी ऊमरी क्षेत्र के ग्रामीणों के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचे. उन्होंने भिंड कलेक्टर के ना मिलने पर एसडीएम उदय सिंह सिकरवार को ज्ञापन सौंपते हुए मुआवजा दिलाये जाने की मांग रखी.

आपदा से मुश्किल हो गया जीवनयापन : ज्ञापन में पूर्व मंत्री द्वारा कहा गया है कि किसान सालभर मेहनत कर रबी फसल तैयार लेता है, लेकिन यह फसल कटने के बाद घर भी नहीं पहुंच सकी और प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गई. जिसकी वजह से किसान की मेहनतकश साथ साथ लागत, जुताई, बुवाई, पानी, खाद और बीज तक का पैसा निकालना मुश्किल है. ऐसे में अन्नदाता और उनके परिवार के लिए ना सिर्फ़ जीवनयापन बल्कि बच्चों की पढ़ाई-लिखाई कराना बहुत कठिन है. बादलों ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है.

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