भिंड। जिले में राज्यमंत्री के वायरल पत्र के बाद अजीबो गरीब मामला उजागर हुआ है. इस पत्र में राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया ने पुलिस अधीक्षक को आरक्षकों की पदस्थापना के संबंध में उन्हीं के द्वारा चिन्हित थानों में पदस्थ करने के निर्देश दिए है. मामले पर कांग्रेसी नेता और लोकसभा प्रत्याशी रहे देवाशीष जरारिया ने इसे पुलिस के अधिकारों पर अतिक्रमण बताते हुए गंभीर आरोप लगाया हैं. वहीं एसपी ने इस तरह के किसी पत्र के न मिलने की बात कही है.
यह है पूरा मामला
शिवराज मंत्रिमंडल के नगरीय विकास राज्यमंत्री ओपीएस भदोरिया की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आर ही है. कुछ समय पहले अधिकारियों के सामने गिड़गिड़ाते मंत्री का वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद अब राज्यमंत्री का वायरल पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि राज्यमंत्री ने 17 फरवरी 2021 को एक पत्र के माध्यम से पुलिस अधीक्षक को आदेश जारी किया, जिसमें वर्तमान पदस्थापना और अन्य कॉलम में नवीन पदस्थापना लिखा है. इसमें कुल 13 आरक्षकों की पदस्थापना के लिए विभिन्न चिन्हित थानों में पदस्थ करने के लिए आदेशित किया गया है, जहां 9 आरक्षकों को सीधे पुलिस लाइन से विभिन्न थानों में भेजा जाना है, तो वहीं 4 आरक्षकों की थानों में ही अदला-बदली करने के निर्देश है. आखिरी में पदस्थापना करने के बाद वर्णित आदेश को कार्यालय सूचित भी करना है.
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विपक्ष ने मंत्री पर लगाए गंभीर आरोप
इस वायरल पत्र पर विपक्ष ने भी सवाल उठाए हैं. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस की तरफ से लोकसभा सांसद प्रत्याशी रहे देवाशीष जरारिया ने आरोप लगाया कि मंत्री द्वारा पुलिस के अधिकारों का अतिक्रमण किया जा रहा है. सभी को पता है कि मेहगांव क्षेत्र में सक्रिय रेत माफिया को मंत्री का संरक्षण है. खुद मंत्री रेत के अवैध धंधे में लिप्त हैं. इसलिए जिले भर में विभिन्न थानों पर अपने चुने हुए आरक्षकों को पदस्थ करने के पीछे का कारण माफिया को संरक्षण बरकरार रखना है. उनके अवैध रेत उत्खनन और परिवहन में शामिल लोगों के डम्परों और उनके लोगों को कोई ज्यादा परेशान न करें. रेत के अवैध परिवहन, उत्खनन में कोई दिक्कत न आए, यह मंशा इसमें साफ जाहिर होती है.
एसपी बोले- नहीं मिला ऐसा कोई पत्र
इस वायरल पत्र को लेकर जब पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह से सवाल किया गया, तो उन्होंने किसी पत्र के न मिलने की बात कही. उन्होंने कहा कि ऑफिशियली उन्हें ऐसा कोई भी पत्र नहीं मिला है. अगर इस सम्बंध में कोई भी शिकायत प्राप्त होती है, तो इसकी जांच भी कराई जाएगी.