भिंड। कोरोना मरीजों का पता लगाने जिले का स्वास्थ्य विभाग नई पहल करने जा रहा है. जहां अब तक स्क्रीनिंग और सैंपल के जरिए कोरोना संदिग्धों का पता लगाया जाता था, वहीं इस पहल में मेडिकल स्टोर संचालकों को भी जोड़ा गया है. जो सर्दी-खांसी और दूसरे लक्षणों से ग्रसित मरीजों की जानकारी प्रशासन तक पहुंचाएंगे.
मेडिकल स्टोर से जानकारी जुटाने की तैयारी
जिला प्रशासन ने सभी मेडिकल स्टोर संचालकों को निर्देशित किया है कि सर्दी-खांसी या कोविड-19 के किसी तरह लक्षणों से ग्रसित कोई व्यक्ति शॉप आता है, तो उसे बिना प्रिसक्रिप्शन के दवाएं ना दी जाएं. अगर किसी मरीज को इस तरह की दवा देने की नौबत आती है, तो उसकी आईडी जरूर लें. जिला प्रशासन की इस पहल का उद्देश्य ऐसे में लोगों के बारे में पता लगाना है, जो इस बीमारी के शुरुआती लक्षणों को अनदेखा कर खुद ही मेडिकल शॉप से दवाएं ले लेते हैं. साथ इस खतरे को कम करना है कि कोई शख्स दूसरे मरीज के लिए तो दवाएं नहीं ले रहा है.
ऐसे होगी ट्रैकिंग
जिला महामारी नियंत्रक अधिकारी डॉ अवधेश सोनी के मुताबिक कई बार कुछ लोग डॉक्टर के पास जाने की जगह, सीधाे मेडिकल स्टोर से दवा ले लेते हैं. ऐसे में अब मेडिकल संचालकों से बात कर नई व्यवस्था लागू की गई है. जिसके तहत अगर कोई भी ऐसा शख्स जो खांसी, बुखार, जुखाम या कोरोना से मिलते-जुलते लक्षणों से पीड़ित नजर आता है और बिना पर्चे के दवा लेने आता है, तो मेडिकल संचालक उसे दवा ना देंगे.
ऐसे लोगों की काउंसिंग कर उन्हें डॉक्टर को दिखाने की सलाह देंगे. अगर वो किसी को दवा देते भी हैं, तो उस व्यक्ति का नाम मोबाइल नंबर पता और आईडी नोट करें. जिससे कभी जरूरत पड़ती है, तो उस व्यक्ति का डाटा उपलब्ध हो सके.
बाहर से लौटे लोगों पर निगरानी
आंकड़ों के मुताबिक जिले में करीब 50 हजार लोग लॉकडाउन के दौरान जिले में वापस आए हैं. हालांकि कई लोग ऐसे भी हैं, जो प्रशासन की जानकारी के बिना ही यहां आ गए हैं. उनका डाटा उपलब्ध नहीं है. इसके अलावा दूसरे राज्य में फंसे लोग और मजदूरों की भी वापसी हो रही है. इससे दिनों-दिन संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है.
हालांकि भिंड जिला कोरोना वायरस के लिए तय की गई कैटेगरी के मुताबिक ग्रीन जोन में है. यहां अब तक एक मरीज कोरोना संक्रमित नहीं पाया गया है. इसके पीछे स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के इस तरह की मुहिम ही रहीं हैं. जिससे अब तक पूरा इस संक्रमण की गिरफ्त से बाहर है.