भिंड। मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर 3 नवंबर को उपचुनाव होना है. इससे पहले ईटीवी भारत अपने खास कार्यक्रम भैया जी का अड्डा के जरिये जनता के बीच पहुंचकर मतदाताओं का मिजाज जानने की कोशिश कर रहा है. मेहगांव विधानसभा पर सीट पर मुख्य मुकाबला कांग्रेस के हेमंत कटारे और कांग्रेस से बीजेपी में गए ओपीएस भदौरिया के बीच है. भदौरिया प्रदेश सरकार में मंत्री भी हैं. कांग्रेस से बीजेपी में जाने वाले ओपीएस भदौरिया पर बिकने के आरोप लगे हैं, जबकि ओपीएस भदौरिया लगातार कांग्रेस सरकार में रहते उपेक्षा का शिकार होने की सफाई देते आ रहे हैं, लेकिन जनता के मन में इस उपचुनाव को लेकर क्या है, यह जानने के लिए जब मेहगांव विधानसभा में भैया जी का अड्डा लगा मतदाताओं ने समस्याएं हो यह विचार दोनों ही चर्चा की.
ओपीएस भदौरिया से जनता नाराज !
मेहगांव कस्बे के मतदाताओं का कहना है कि उन्होंने 15 साल बाद ओपीएस भदौरिया के जरिए कांग्रेस को मौका देकर बीजेपी से पीछा छुड़ाया था. कांग्रेस ने कर्ज माफी की. बिजली के बिल माफ करवाए. कई सारी योजनाओं का लाभ दिया, लेकिन अपनी मनमानी और बिना जनता की राय लिए ही विधायक रहे ओपीएस भदौरिया ने विधायक पद त्यागकर बीजेपी से हाथ मिला लिया. ऐसे में ऐसे दलबदलू व्यक्ति पर कैसे भरोसा किया जा सकता है. लिहाजा अबकी बार मतदाताओं ने कांग्रेस के समर्थन में हेमंत कटारे को वोट देने की बात कहते नजर आ रहे हैं
जनता की पहली पंसद कांग्रेस
'भैया जी के अड्डा' पर आए मतदाता अपने क्षेत्र के विकास के लिए काफी जागरूक हैं. उनका कहना है कि यहां की स्थानीय समस्याएं हल कराने के लिए कई बार तत्कालीन विधायक भदौरिया को अवगत कराया. कई बार निजी मुलाकात कर भी समस्याएं बताईं, लेकिन आज भी हालात जस के तस बने हुए हैं, कहने को ओपी एस भदौरिया आज राज्य मंत्री हैं, जो भिंड जिले में मेहगांव विधानसभा क्षेत्र से आजादी के बाद से अब तक चुने गए पहले मंत्री हैं, बावजूद इसके लोग उन पर जन समस्याओं की अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं.
मतदाताओं ने बताई क्षेत्र की समस्याएं
मेहगांव की जनता के मुताबिक इस विधानसभा क्षेत्र में कृषि के लिए पानी की समस्या है, स्कूल कॉलेज की समस्याएं हैं. स्वास्थ्य सेवाओं की समस्या तो अब तक की सबसे बड़ी समस्या है, क्योंकि मेहगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महज दो डॉक्टर के भरोसे चल रहा है. ऐसे में यहां से मरीजों को सिर्फ रेफर किया जाता है. कभी भी इन समस्याओं को हल करने के लिए कोई सार्थक प्रयास नहीं किए गए हैं. ऐसे में जनता अब कांग्रेस पर भरोसा करना चाहती है, जो कहीं ना कहीं बीजेपी के लिए चिंता का विषय है. इस बार मेहगांव विधानसभा क्षेत्र में 260104 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. जिसके लिए इस बार विधानसभा क्षेत्र में कोरोना से सावधानी के लिए 318 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. इनके अलावा 60 सह मतदान केंद्र बनाए गए हैं. ऐसे में कुल 378 केंद्रों पर इस बार पोलिंग होगी.
'बिकाऊ प्रत्याशी मंजूर नहीं'
मेहगांव विधानसभा सीट पर कभी किसी राजनीतिक दल का दबदबा नहीं रहा. मतदाताओं ने यहां निर्दलियों को भी बराबर मौका दिया है. यही कारण है कि जनता भी सिर्फ अपने विकास की बात करती है, लेकिन पिछले 15 सालों में बीजेपी सरकार के दौरान स्थानीय समस्याएं हल ना होना इस बार बीजेपी की राह में रोड़े अटका रहा है, लेकिन ओपीएस भदौरिया की खिलाफत और बगावत ने मेहगांव विधानसभा सीट पर जनता के बीच गहरा असर डाला है और यह एक बड़ा कारण है कि इस बार मेहगांव विधानसभा सीट पर मतदाताओं का रुख काफी हद तक कांग्रेस की ओर झुका नजर आ रहा है.