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'जल पुरुष' राजेंद्र सिंह ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत, नदी बचाओ पदयात्रा में हुए शामिल

रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड से सम्मानित और देश में 'जल पुरुष' के नाम से पहचान बनाने वाले डॉक्टर राजेंद्र सिंह भी भिंड में नदी बचाओ पदयात्रा में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से भी खास बातचीत की है.

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डॉ. राजेंद्र सिंह
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Published : Sep 8, 2020, 6:35 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 6:19 PM IST

भिंड। जिले में चल रही डॉक्टर गोविंद सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस की अवैध खनन के विरोध में नदी बचाओ पदयात्रा में शामिल होने कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के साथ प्रसिद्ध हस्तियां भी भिंड पहुंच रही हैं इस दौरान रेमन मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित और देश में 'जल पुरुष' के नाम से पहचान बनाने वाले डॉक्टर राजेंद्र सिंह भी भिंड में इस यात्रा का हिस्सा बने. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से भी खास बातचीत की है.

जल पुरुष' डॉ. राजेंद्र सिंह से ईटीवी भारत की खास बातचीत

आयुर्वेद के डॉक्टर से जल पुरुष तक की कहानी

कहते हैं जल ही जीवन है और इसी सिद्धांत पर जिस व्यक्ति ने अपने जीवन के 45 वर्ष लगा दिए जिन्होंने 18 से ज्यादा नदियों को पुनर्जीवित कर दिया और आज देश में 'जल पुरुष' के नाम से विख्यात हैं. रमन मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित डॉ. राजेंद्र सिंह जो भिंड में कांग्रेस की अवैध खनन के खिलाफ चल रही नदी बचाओ सत्याग्रह के पदयात्रा में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बताया कि आयुर्वेदिक डॉक्टर से जल पुरुष तक कि उनकी जर्नी बहुत ही रोचक रही है.

नीर, नारी और नदी

'जल पुरुष' डॉ. राजेंद्र सिंह का कहना है कि पहले वह आदमी के डॉक्टर थे और अब वह जमीन के डॉक्टर हैं, लेकिन आदमी की डॉक्टरी एक निजी काम है. लेकिन अभी वह जो कर रहे हैं वह सब के भविष्य के लिए बड़ा काम है. उनका कहना है कि वे लोगों को यह सिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि भारत एक ऐसा देश है जो अपने पंच तत्वों को अपने भगवान को जानता था और जब भगवान को जानता था तब तक नीर, नारी और नदी का सम्मान करता था, आजकल हमारा नीर बाजार में बिकने लग गया है इसलिए हमें यह जल साक्षरता के लिए अभियान चलाना जरूरी है. और धीरे-धीरे इसका असर भी दिखाई दे रहा है.

भिंड़ में है काम करने की जरुरत

वहीं भिंड जिले को लेकर डॉ. राजेंद्र सिंह ने कहा है कि भिंड जिला चंबल का बहुत खास जिला है. यहां करीब 800 एमएम तक बारिश होती है. तो अगर इस पानी को हम रिजर्व कर वापस जमीन में अंडरफ्लो करेंगे तो जिस दिन नदियों का बहाव कम हो जाएगा, वह खुद-ब-खुद अच्छे पानी के साथ बहने लग जाएंगे.

वहीं नदी बचाओ सत्याग्रह के तहत चल रही इस यात्रा में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह यात्रा निश्चित ही देश में एक नई प्रेरणा देगी. खासकर राजनीतिक परिवेश में क्योंकि गोविंद सिंह एक सफल नेता हैं. कई बार चुनाव जीतकर जनप्रतिनिधि बने हैं और जब कोई सफल राजनेता नई राजनीति करता है तो इससे देश को एक नई प्रेरणा मिलती है.

भिंड। जिले में चल रही डॉक्टर गोविंद सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस की अवैध खनन के विरोध में नदी बचाओ पदयात्रा में शामिल होने कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के साथ प्रसिद्ध हस्तियां भी भिंड पहुंच रही हैं इस दौरान रेमन मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित और देश में 'जल पुरुष' के नाम से पहचान बनाने वाले डॉक्टर राजेंद्र सिंह भी भिंड में इस यात्रा का हिस्सा बने. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से भी खास बातचीत की है.

जल पुरुष' डॉ. राजेंद्र सिंह से ईटीवी भारत की खास बातचीत

आयुर्वेद के डॉक्टर से जल पुरुष तक की कहानी

कहते हैं जल ही जीवन है और इसी सिद्धांत पर जिस व्यक्ति ने अपने जीवन के 45 वर्ष लगा दिए जिन्होंने 18 से ज्यादा नदियों को पुनर्जीवित कर दिया और आज देश में 'जल पुरुष' के नाम से विख्यात हैं. रमन मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित डॉ. राजेंद्र सिंह जो भिंड में कांग्रेस की अवैध खनन के खिलाफ चल रही नदी बचाओ सत्याग्रह के पदयात्रा में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बताया कि आयुर्वेदिक डॉक्टर से जल पुरुष तक कि उनकी जर्नी बहुत ही रोचक रही है.

नीर, नारी और नदी

'जल पुरुष' डॉ. राजेंद्र सिंह का कहना है कि पहले वह आदमी के डॉक्टर थे और अब वह जमीन के डॉक्टर हैं, लेकिन आदमी की डॉक्टरी एक निजी काम है. लेकिन अभी वह जो कर रहे हैं वह सब के भविष्य के लिए बड़ा काम है. उनका कहना है कि वे लोगों को यह सिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि भारत एक ऐसा देश है जो अपने पंच तत्वों को अपने भगवान को जानता था और जब भगवान को जानता था तब तक नीर, नारी और नदी का सम्मान करता था, आजकल हमारा नीर बाजार में बिकने लग गया है इसलिए हमें यह जल साक्षरता के लिए अभियान चलाना जरूरी है. और धीरे-धीरे इसका असर भी दिखाई दे रहा है.

भिंड़ में है काम करने की जरुरत

वहीं भिंड जिले को लेकर डॉ. राजेंद्र सिंह ने कहा है कि भिंड जिला चंबल का बहुत खास जिला है. यहां करीब 800 एमएम तक बारिश होती है. तो अगर इस पानी को हम रिजर्व कर वापस जमीन में अंडरफ्लो करेंगे तो जिस दिन नदियों का बहाव कम हो जाएगा, वह खुद-ब-खुद अच्छे पानी के साथ बहने लग जाएंगे.

वहीं नदी बचाओ सत्याग्रह के तहत चल रही इस यात्रा में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह यात्रा निश्चित ही देश में एक नई प्रेरणा देगी. खासकर राजनीतिक परिवेश में क्योंकि गोविंद सिंह एक सफल नेता हैं. कई बार चुनाव जीतकर जनप्रतिनिधि बने हैं और जब कोई सफल राजनेता नई राजनीति करता है तो इससे देश को एक नई प्रेरणा मिलती है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 6:19 PM IST
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