भिंड। जिला जेल एडीजी शनिवार अलसुबह हुए बड़े हादसे के बाद हालात का जायजा लेने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने प्रदेश भर की पुरानी जिलों के इंस्पेक्शन और भिंड में आगे की व्यवस्थाओं की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जिला जेल कैंपस के अंदर बने जेल प्रहरियों के जर्जर क्वार्टरों को भी खाली कराने के निर्देश दिए गए हैं.
दीवार गिरने के बाद जेल प्रशासन में मचा हड़कंप
भिंड जिला जेल की बैरक का एक हिस्सा गिरने से घायल हुए 21 कैदियों की खबर के बाद समूचे जेल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. खुद जेल एडीजी गाजीराम मीणा भिंड जिला जेल का निरीक्षण करने पहुंचे. उन्होंने बताया कि प्रदेश की सभी पुरानी जेलों का इंस्पेक्शन करवाया जा रहा है. साथ ही जिला जेल कैंपस के अंदर बने जेल प्रहरी यों के जर्जर क्वार्टरों को भी खाली कराने के निर्देश जेल प्रहरियों को दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि कहीं भी अच्छी जगह देखकर प्रहरी मकान किराए से लें, जिससे उनका जीवन भी सुरक्षित रह सके.
किराए के भवन में अस्थाई जेल बनाने पर विचार
वर्तमान जिला जेल के धराशाई होने के बाद जेल एडीजी गाजीराम मीणा ने नई जेल बनने तक नई आमद और वर्तमान बंदियों के लिए जल्द किराए का भवन लेकर जेल संचालित करने का विचार के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि जेल का एक हिस्सा गिरने की जांच कराई जा रही है. साथ ही नई जेल 13 साल का वक्त बीत जाने के बाद भी नहीं बनी है. उसकी भी जांच कराई जाएगी.
नवीन जेल का भी किया निरीक्षण
जिला जेल के निरीक्षण के बाद एडीजी एसपी कलेक्टर और जेल सुपरिटेंडेंट के साथ भिंड के रतनपुरा स्थित निर्माणाधीन नवीन जेल का दौरा करने पहुंचे. वैसे पहले भी कई बार इस जेल के निर्माण की स्थिति का निरीक्षण कर चुके हैं, लेकिन 13 साल से ज्यादा का समय गुजरने के बाद भी अब तक नवीन जेल बनकर तैयार नहीं हो सकी है. वहीं एडीजी जिला अस्पताल भी पहुंचे और कैदियों से मुलाकात कर हालचाल भी जाना.
बारिश के चलते बड़ा हादसा, भिंड जिला जेल की बिल्डिंग धराशायी, 21 कैदी घायल
तेज बारिश के चलते हुआ है जेल हादसा
बता दें कि शनिवार सुबह करीब 5:00 बजे तेज बारिश के चलते बैरक नंबर-6 की दीवार भराभरा कर गिर गई. जिसकी जद में 21 कैदी आ गए. सभी कैदियों को इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया. बताया जा रहा है कि 1958 में बनी इस जेल के खस्ताहाल को लेकर जेलर ने तीन दिन पहले ही खत लिखकर प्रबंधन को जानकारी दी थी. जिस पर अगर समय पर कार्रवाई हो गई होती तो हादसा टल सकता था. इस घटना का एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है. साथ ही सुरक्षित बचे कैदियों को तत्काल प्रभाव से ग्वालियर की सेंट्रल जेल में भी शिफ्ट कराया गया है.