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जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद किया डिस्चार्ज, लॉकडाउन में रात में भटकते रहे मजदूर

भिंड जिला अस्पताल में शुक्रवार को करीब 8 बजे बुरहानपुर से आए मजदूरों की रिपोर्ट निगेटिव आते ही अस्पताल प्रबंधन में इन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर से डिस्चार्ज कर दिया.

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Published : May 2, 2020, 9:59 AM IST

laborers wandering in the night under lockdown
लॉकडाउन में रात में भटकते रहें मजदूर

भिंड। लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों और जिलों से आने वाले मजदूरों को भिंड जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा क्वॉरेंटाइन करने की व्यवस्था तो कर ली गई है, लेकिन क्वॉरेंटाइन पूरा होने के बाद उन्हें अपने घरों तक पहुंचाने के लिए कोई इंतजाम नहीं किया जा रहा है, जिसके चलते डिस्चार्ज होने के बाद भी कई मजदूर इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं.

लॉकडाउन में रात में भटकते रहें मजदूर

बता दें कि भिंड जिला अस्पताल में शुक्रवार को करीब 8 बजे बुरहानपुर से आए मजदूरों की रिपोर्ट निगेटिव आते ही अस्पताल प्रबंधन में इन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर से डिस्चार्ज कर दिया. इनमें से किसी को बुरहानपुर जाना था, तो किसी को दमोह जाना था. लेकिन रात में वाहन नहीं मिलने से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा. वहीं इस मामले में अस्पताल प्रबंधन ने मजदूरों से कहा कि जैसे जाना चाहो जाओ हम क्या कर सकते हैं.


वहीं दूसरी ओर मजदूरों को हो रही परेशानी को लेकर जिला अस्पताल में पदस्थ नोडल अधिकारी डॉ. देवेश शर्मा का कहना है कि किसी को भी रात में डिस्चार्ज नहीं किया जा सकता है. ऐसा हो सकता है कि इन लोगों को दिन में डिस्चार्ज किया गया हो और किसी कारण से ये रात तक रुके रह गए हों.

भिंड। लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों और जिलों से आने वाले मजदूरों को भिंड जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा क्वॉरेंटाइन करने की व्यवस्था तो कर ली गई है, लेकिन क्वॉरेंटाइन पूरा होने के बाद उन्हें अपने घरों तक पहुंचाने के लिए कोई इंतजाम नहीं किया जा रहा है, जिसके चलते डिस्चार्ज होने के बाद भी कई मजदूर इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं.

लॉकडाउन में रात में भटकते रहें मजदूर

बता दें कि भिंड जिला अस्पताल में शुक्रवार को करीब 8 बजे बुरहानपुर से आए मजदूरों की रिपोर्ट निगेटिव आते ही अस्पताल प्रबंधन में इन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर से डिस्चार्ज कर दिया. इनमें से किसी को बुरहानपुर जाना था, तो किसी को दमोह जाना था. लेकिन रात में वाहन नहीं मिलने से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा. वहीं इस मामले में अस्पताल प्रबंधन ने मजदूरों से कहा कि जैसे जाना चाहो जाओ हम क्या कर सकते हैं.


वहीं दूसरी ओर मजदूरों को हो रही परेशानी को लेकर जिला अस्पताल में पदस्थ नोडल अधिकारी डॉ. देवेश शर्मा का कहना है कि किसी को भी रात में डिस्चार्ज नहीं किया जा सकता है. ऐसा हो सकता है कि इन लोगों को दिन में डिस्चार्ज किया गया हो और किसी कारण से ये रात तक रुके रह गए हों.

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