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स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के लिए कितना तैयार भिंड ?

स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के सर्वे से पहले भिंड नगर पालिका टॉप 100 शहरों की लिस्ट में शामिल होने का दावा कर रही हैं. इन दावों की हकीकत जानने के लिए ईटीवी भारत ने जांच पड़ताल की. देखिए ये खास रिपोर्ट...

भिंड में गंदगी का अंबार
भिंड में गंदगी का अंबार
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Published : Jan 11, 2021, 2:13 PM IST

Updated : Jan 11, 2021, 8:24 PM IST

भिंड। महात्मा गांधी के सपनों को पूरा करने के लिए स्वच्छ भारत मिशन का आगाज प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में किया था. तब से हर साल देशभर में स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए सर्वे कराया जाता है. जिसकी टॉप लिस्ट में देश के सबसे स्वच्छ शहरों को शामिल किया जाता है. पिछले चार साल से लगातार इंदौर शहर देश का सबसे स्वच्छ शहर बना हुआ है, लेकिन भिंड अब तक देश के टॉप 100 की सूची में भी जगह नहीं बना पाया है. इस साल भी मार्च के महीने में स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के लिए सर्वे होने जा रहा है. वहीं भिंड नगरपालिका इस बार ओडीएफ प्लस के साथ स्वच्छता सर्वेक्षण में देश के सबसे स्वच्छ शहरों की टॉप 100 सूची में शामिल होने का दावा कर रही है, लेकिन खुद भिंड शहर की हालत और जमीनी हकीकत इन दावों की पोल खोल रही है. साल 2020 के स्वच्छता सर्वेक्षण में 114 के पायदान पर रही भिंड नगरपालिका की रैंकिंग भी इस बार शहर वासियों के फीडबैक पर निर्भर करेगी. जो भिंड शहर की स्थिति से ज्यादा खुश नजर नहीं आ रहे हैं.


विकास कार्य बने मुसीबत

स्वच्छ शहर की कल्पना करे तो जहन में साफ सुथरे पार्क, चमचमाती सड़कें, सार्वजनिक स्थानों पर सफाई जैसी तस्वीरें आती हैं, लेकिन भिंड शहर में विकास कार्यों के नाम पर ही लोगों के चेहरे के रंग उड़ने लगे हैं. क्योंकि चमचमाती सड़कें तो छोड़िए शहर में एक सड़क ऐसी भी नहीं है जिस पर लोग ठीक से चल भी सकें. शहर का लगभग हर एक वार्ड में इन दिनों सड़कों पर खुदाई चल रही है. भिंड जिले में चल रहे विकास कार्य सीवर और आरओ प्रोजेक्ट की वजह से नगर पालिका द्वारा दिए गए टेंडर में समय निकलने के बाद भी अब तक ठेकेदार द्वारा काम पूरा नहीं किया गया है. जिसकी वजह से आज भी कई वार्ड और मुख्य सड़कों में खुदाई कर पाइप लाइन बिछाने का काम चल रहा है. काम पूरा होने पर मिट्टी से गड्ढे तो भर दिए जाते हैं लेकिन नियमानुसार दोबारा कंक्रीट सड़क नहीं बनाई जा रही. नतीजा हर तरफ कीचड़ और गंदगी का अंबार है. ऐसे में भिंड स्वच्छता के पायदान पर ऊपर आने की बजाय नीचे खिसकता दिखाई दे रहा है.

Road condition
सड़क का हाल



इस बार वार्ड में नहीं रखे जाएंगे डस्टबिन

भिंड नगर पालिका द्वारा इस बार फैसला लिया गया है कि इस साल शहर के वार्डो में कहीं भी डस्टबिन नहीं रखे जाएंगे. इन सभी वार्डों में कचरा के लिए व्यवस्था डोर टू डोर कचरा कलेक्शन वाहन के जरिए होगी. हालांकि भिंड स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि वार्ड में डस्टबिन नहीं रखे जाएंगे तो वह लोग कचरा कहां फैंकेगे. अक्सर देखा गया है कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन वाहन बिना रुके ही आगे बढ़ जाते हैं. ऐसे में अगर कोई कचरा लेकर आता भी है तब तक गाड़ी चले जाने की वजह से वह अपना कचरा नहीं डाल पाते. एक बड़ी समस्या इस बात को लेकर भी है कि शहर में कई लोग सिंगल भी रहते हैं. जो जॉब करते हैं ऐसे में उनका जॉब टाइमिंग सुबह का होता है इसलिए लोग जल्दी घर से निकल जाते हैं जबकि कचरा कलेक्शन के लिए वाहन 9 बजे के आसपास पहुंचते हैं. ऐसे में बाहर नौकरी करने वाला व्यक्ति अपने घर से कचरा कलेक्शन गाड़ी में नहीं डाल सकता. वार्ड में डस्टबिन नहीं होने पर वह कचरा डस्टबिन में भी नहीं डाल सकता, तो आखिर वह व्यक्ति अपने घर का कचरा कहां लेकर जाएगा. स्थानीय निवासी अभिषेक पाराशर कहते हैं कि शहर को स्वच्छ बनाए रखने के लिए लोगों के साथ ही प्रशासन को भी सभी चीजों का ध्यान रखना जरूरी है. डोर टू डोर कचरा कलेक्शन अच्छी बात है लेकिन वार्ड में डस्टबिन रखना भी बेहद जरूरी है.

dirt
गंदगी



नपा का तर्क- वार्ड से चोरी हो जाते हैं डस्टबिन

भिंड नगर पालिका सीएमओ सुरेंद्र शर्मा से हमने स्वच्छता सर्वेक्षण के संबंध में बात की तो डस्टबिन की बात आने पर सीएमओ का तर्क था कि इस बार सिर्फ डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की व्यवस्था वार्डों में की जा रही है. पिछले साल उन्होंने डस्टबिन सभी वार्डों में रखवाए थे, लेकिन ज्यादातर डस्टबिन या तो असामाजिक तत्वों ने तोड़ दिए या जला दिए. इसलिए इस बार फैसला किया गया है कि किसी भी वार्ड में डस्टबिन नहीं रखवाए जाएंगे. हालांकि करीब 80 हैंगिंग डस्टबिन लोहे के बनवाए जा रहे हैं जो आने वाले 20 दिन में शहर के सार्वजनिक स्थानों पर रखवाए जाएंगे.

गंदगी का अंबार
गंदगी का अंबार

हर जगह गंदगी का अंबार

भिंड में स्वच्छता के हाल बेहाल सिर्फ सड़कों और वार्ड के डस्टबिन तक ही सीमित नहीं है. भिंड शहर में आप जहां नजर डालेंगे आपको गंदगी नजर आएगी. ना तो नगरपालिका की ओर से सफाई के लिए कुछ उचित कदम उठाए जा रहे हैं. ना ही व्यवस्थाएं जिस स्तर पर बनना चाहिए बनाई जा रही हैं. शहर में ज्यादातर नाले चौक पड़े हैं. जिनकी वजह से नालियों गंदे पानी से ओवरफ्लो हो रही हैं. इन नालों से कचरा हटाने की बजाए नगर पालिका महल गंदे पानी को पंप के द्वारा आगे बढ़ाने का काम कर रही हैं. वहीं चौराहे हो या गलियां हर जगह लोगों द्वारा कचरा फेंका नजर आता है, लेकिन समय से नगर पालिका द्वारा इसे उठाया नहीं जाता. जिसकी वजह से हर तरफ गंदगी नजर आती है.

Bhind Municipality
भिंड नगर पालिका


स्वच्छता के लिए लोगों की भी जिम्मेवारी

किसी भी काम का जिम्मा सरकार और प्रशासन पर थोप देना भी ठीक नहीं है. खासकर जब बात स्वच्छता से जुड़ी हो क्योंकि स्वच्छ वातावरण हम सभी के जीवन और स्वास्थ्य के लिए जरूरी है. इस वातावरण को साफ सुथरा बनाए रखना भी हम सभी की जिम्मेदारी भी है. ऐसे में लोगों को भी सफाई और स्वच्छता के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए.

  1. अपने शहर को स्वच्छ बनाए रखने में मददगार साबित हो. इसके लिए इस बात को सुनिश्चित करें कि कचरा सिर्फ डस्टबिन में ही डालें, यदि कोई और सड़क पर या डस्टबिन के आसपास कचरा फेंक रहा है, तो उसे टोकना भी हम सभी की जिम्मेदारी हैं.
  2. लोगों को शौचालय का प्रयोग करने के लिए जागरूक करें.
  3. शहर में पान गुटखा तमाकू जैसे उत्पादों का सेवन करने वालों की भी कमी नहीं है. इनमें से ज्यादातर इन उत्पादों का सेवन करते समय सड़कों पर और सार्वजनिक स्थानों पर थूकने का काम करते हैं. ऐसे लोगों को भी जागरूक करें ऐसा करने वालों को टोकें.
  4. शहर में गंदगी दिखाई देने पर नगर पालिका को सूचित करें

रैंकिंग का मुख्य आधार होगा सिटीजन फीडबैक

स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में खास बात यह भी है कि इस बार सरकार शहर के लोगों से फोन पर किसी तरह की जानकारी नहीं लेगी. इस बार शहर वासियों को ही स्वच्छता का फीडबैक देना होगा. जिसके लिए केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा पांच माध्यमों के जरिए ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. जिससे लोग घर बैठे ही सफाई की व्यवस्था को लेकर अपनी राय दे सकते हैं. यह फीडबैक 31 मार्च तक चलने वाला है.


ऐसे दे सकते है फीडबैक

  1. ऑनलाइन फीडबैक देने के लिए सबसे पहले इंटरनेट ब्राउजर या जो भी एक्स्प्लोर आप इस्तेमाल करते हों. उसे ओपन कर वेब एड्रेस में टाइप करेX "http://swachhsurvekshan2021.org/CitizenFeedback"
  2. इसके बाद आप 'राज्य' या 'State' के सामने क्लिक कर "मध्यप्रदेश" चुनें
  3. इसके बाद डिस्ट्रिक्ट 'भिंड' चुनें.
  4. Name of urban local body में भिंड चुनना होगा.
  5. इसके बाद आप सवालों का जवाब देते हुए सर्वे में अपना फीडबैक दे सकते हैं.
  6. इसके अलावा स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए बनाई गई 'वोट फॉर योर सिटी ऐप' के माध्यम से भी लोग अपना फीडबैक दे सकते हैं.



घर-घर बांटे जाएंगे फीडबैक पर्चे

नगर पालिका की ओर से स्वच्छता के फीडबैक के लिए घर-घर पर्चे बांटकर लोगों को जागरूक करने भी योजना तैयार की गई है. जिसके तहत इस पर्चे में सवाल होंगे. जिनका लोगों को जवाब देना होगा. यह जवाब वे अपनी मर्जी से दे सकते हैं. इस पर्चे में दिए गए सात सवाल भी कुछ इस प्रकार होंगे-

  • क्या आप जानते हैं कि आपका शहर स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में भाग ले रहा है?
  • क्या आप स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में अपने शहर की रैंक जानते हैं ?
  • आप अपने आसपास के स्वच्छता स्तर पर 0 से 10 के पैमाने पर शहर को कितने अंक देना चाहेंगे ?
  • आप अपने शहर को अपने व्यवसाय सार्वजनिक क्षेत्रों के स्वच्छता स्तर पर 0 से 10 के पैमाने पर कितने अंक देना चाहेंगे ?
  • क्या आप से हमेशा अपने कचरा संग्रहक को सूखा और गीला कचरा अलग देने के लिए कहा जाता है ?
  • क्या आप अपने शहर के सार्वजनिक या सामुदायिक शौचालय मूत्रालय के स्वच्छता स्तर पर 0 से 10 के पैमाने पर अपने शहर को कितने अंक देना चाहेंगे ?
  • क्या आप जानते हैं कि आप गूगल पर निकटतम सार्वजनिक शौचालय खोज सकते हैं ?
  • क्या आप जानते हैं क्या आप स्वच्छता के बारे में अपनी शिकायतों को उठाने और आगे बढ़ाने के लिए स्वच्छता ऐप या स्थानीय ऐप का उपयोग कर सकते हैं ?

फीडबैक से तय होगी शहर की रैंकिंग

भले ही भिंड नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा देश के सबसे स्वच्छ शहरों में शामिल होने का दावा पेश किया जा रहा हो, लेकिन शहरवासियों के लिए भी इस बार स्थिति धर्म संकट जैसी हो गई है. क्योंकि एक ओर जहां सवाल शहर के स्वाभिमान का है तो वहीं जमीनी हकीकत लोगों का मनोबल गिरा रही है. अब उनका फीडबैक तय करेगा कि भिंड शहर की रैंकिंग अच्छी होती है या स्तर नीचे गिरता है. यह फैसला करने का और अपना फीडबैक देने के लिए भिंड शहर वासियों को 31 मार्च 2021 तक का समय मिला हुआ है.

भिंड। महात्मा गांधी के सपनों को पूरा करने के लिए स्वच्छ भारत मिशन का आगाज प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में किया था. तब से हर साल देशभर में स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए सर्वे कराया जाता है. जिसकी टॉप लिस्ट में देश के सबसे स्वच्छ शहरों को शामिल किया जाता है. पिछले चार साल से लगातार इंदौर शहर देश का सबसे स्वच्छ शहर बना हुआ है, लेकिन भिंड अब तक देश के टॉप 100 की सूची में भी जगह नहीं बना पाया है. इस साल भी मार्च के महीने में स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के लिए सर्वे होने जा रहा है. वहीं भिंड नगरपालिका इस बार ओडीएफ प्लस के साथ स्वच्छता सर्वेक्षण में देश के सबसे स्वच्छ शहरों की टॉप 100 सूची में शामिल होने का दावा कर रही है, लेकिन खुद भिंड शहर की हालत और जमीनी हकीकत इन दावों की पोल खोल रही है. साल 2020 के स्वच्छता सर्वेक्षण में 114 के पायदान पर रही भिंड नगरपालिका की रैंकिंग भी इस बार शहर वासियों के फीडबैक पर निर्भर करेगी. जो भिंड शहर की स्थिति से ज्यादा खुश नजर नहीं आ रहे हैं.


विकास कार्य बने मुसीबत

स्वच्छ शहर की कल्पना करे तो जहन में साफ सुथरे पार्क, चमचमाती सड़कें, सार्वजनिक स्थानों पर सफाई जैसी तस्वीरें आती हैं, लेकिन भिंड शहर में विकास कार्यों के नाम पर ही लोगों के चेहरे के रंग उड़ने लगे हैं. क्योंकि चमचमाती सड़कें तो छोड़िए शहर में एक सड़क ऐसी भी नहीं है जिस पर लोग ठीक से चल भी सकें. शहर का लगभग हर एक वार्ड में इन दिनों सड़कों पर खुदाई चल रही है. भिंड जिले में चल रहे विकास कार्य सीवर और आरओ प्रोजेक्ट की वजह से नगर पालिका द्वारा दिए गए टेंडर में समय निकलने के बाद भी अब तक ठेकेदार द्वारा काम पूरा नहीं किया गया है. जिसकी वजह से आज भी कई वार्ड और मुख्य सड़कों में खुदाई कर पाइप लाइन बिछाने का काम चल रहा है. काम पूरा होने पर मिट्टी से गड्ढे तो भर दिए जाते हैं लेकिन नियमानुसार दोबारा कंक्रीट सड़क नहीं बनाई जा रही. नतीजा हर तरफ कीचड़ और गंदगी का अंबार है. ऐसे में भिंड स्वच्छता के पायदान पर ऊपर आने की बजाय नीचे खिसकता दिखाई दे रहा है.

Road condition
सड़क का हाल



इस बार वार्ड में नहीं रखे जाएंगे डस्टबिन

भिंड नगर पालिका द्वारा इस बार फैसला लिया गया है कि इस साल शहर के वार्डो में कहीं भी डस्टबिन नहीं रखे जाएंगे. इन सभी वार्डों में कचरा के लिए व्यवस्था डोर टू डोर कचरा कलेक्शन वाहन के जरिए होगी. हालांकि भिंड स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि वार्ड में डस्टबिन नहीं रखे जाएंगे तो वह लोग कचरा कहां फैंकेगे. अक्सर देखा गया है कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन वाहन बिना रुके ही आगे बढ़ जाते हैं. ऐसे में अगर कोई कचरा लेकर आता भी है तब तक गाड़ी चले जाने की वजह से वह अपना कचरा नहीं डाल पाते. एक बड़ी समस्या इस बात को लेकर भी है कि शहर में कई लोग सिंगल भी रहते हैं. जो जॉब करते हैं ऐसे में उनका जॉब टाइमिंग सुबह का होता है इसलिए लोग जल्दी घर से निकल जाते हैं जबकि कचरा कलेक्शन के लिए वाहन 9 बजे के आसपास पहुंचते हैं. ऐसे में बाहर नौकरी करने वाला व्यक्ति अपने घर से कचरा कलेक्शन गाड़ी में नहीं डाल सकता. वार्ड में डस्टबिन नहीं होने पर वह कचरा डस्टबिन में भी नहीं डाल सकता, तो आखिर वह व्यक्ति अपने घर का कचरा कहां लेकर जाएगा. स्थानीय निवासी अभिषेक पाराशर कहते हैं कि शहर को स्वच्छ बनाए रखने के लिए लोगों के साथ ही प्रशासन को भी सभी चीजों का ध्यान रखना जरूरी है. डोर टू डोर कचरा कलेक्शन अच्छी बात है लेकिन वार्ड में डस्टबिन रखना भी बेहद जरूरी है.

dirt
गंदगी



नपा का तर्क- वार्ड से चोरी हो जाते हैं डस्टबिन

भिंड नगर पालिका सीएमओ सुरेंद्र शर्मा से हमने स्वच्छता सर्वेक्षण के संबंध में बात की तो डस्टबिन की बात आने पर सीएमओ का तर्क था कि इस बार सिर्फ डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की व्यवस्था वार्डों में की जा रही है. पिछले साल उन्होंने डस्टबिन सभी वार्डों में रखवाए थे, लेकिन ज्यादातर डस्टबिन या तो असामाजिक तत्वों ने तोड़ दिए या जला दिए. इसलिए इस बार फैसला किया गया है कि किसी भी वार्ड में डस्टबिन नहीं रखवाए जाएंगे. हालांकि करीब 80 हैंगिंग डस्टबिन लोहे के बनवाए जा रहे हैं जो आने वाले 20 दिन में शहर के सार्वजनिक स्थानों पर रखवाए जाएंगे.

गंदगी का अंबार
गंदगी का अंबार

हर जगह गंदगी का अंबार

भिंड में स्वच्छता के हाल बेहाल सिर्फ सड़कों और वार्ड के डस्टबिन तक ही सीमित नहीं है. भिंड शहर में आप जहां नजर डालेंगे आपको गंदगी नजर आएगी. ना तो नगरपालिका की ओर से सफाई के लिए कुछ उचित कदम उठाए जा रहे हैं. ना ही व्यवस्थाएं जिस स्तर पर बनना चाहिए बनाई जा रही हैं. शहर में ज्यादातर नाले चौक पड़े हैं. जिनकी वजह से नालियों गंदे पानी से ओवरफ्लो हो रही हैं. इन नालों से कचरा हटाने की बजाए नगर पालिका महल गंदे पानी को पंप के द्वारा आगे बढ़ाने का काम कर रही हैं. वहीं चौराहे हो या गलियां हर जगह लोगों द्वारा कचरा फेंका नजर आता है, लेकिन समय से नगर पालिका द्वारा इसे उठाया नहीं जाता. जिसकी वजह से हर तरफ गंदगी नजर आती है.

Bhind Municipality
भिंड नगर पालिका


स्वच्छता के लिए लोगों की भी जिम्मेवारी

किसी भी काम का जिम्मा सरकार और प्रशासन पर थोप देना भी ठीक नहीं है. खासकर जब बात स्वच्छता से जुड़ी हो क्योंकि स्वच्छ वातावरण हम सभी के जीवन और स्वास्थ्य के लिए जरूरी है. इस वातावरण को साफ सुथरा बनाए रखना भी हम सभी की जिम्मेदारी भी है. ऐसे में लोगों को भी सफाई और स्वच्छता के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए.

  1. अपने शहर को स्वच्छ बनाए रखने में मददगार साबित हो. इसके लिए इस बात को सुनिश्चित करें कि कचरा सिर्फ डस्टबिन में ही डालें, यदि कोई और सड़क पर या डस्टबिन के आसपास कचरा फेंक रहा है, तो उसे टोकना भी हम सभी की जिम्मेदारी हैं.
  2. लोगों को शौचालय का प्रयोग करने के लिए जागरूक करें.
  3. शहर में पान गुटखा तमाकू जैसे उत्पादों का सेवन करने वालों की भी कमी नहीं है. इनमें से ज्यादातर इन उत्पादों का सेवन करते समय सड़कों पर और सार्वजनिक स्थानों पर थूकने का काम करते हैं. ऐसे लोगों को भी जागरूक करें ऐसा करने वालों को टोकें.
  4. शहर में गंदगी दिखाई देने पर नगर पालिका को सूचित करें

रैंकिंग का मुख्य आधार होगा सिटीजन फीडबैक

स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में खास बात यह भी है कि इस बार सरकार शहर के लोगों से फोन पर किसी तरह की जानकारी नहीं लेगी. इस बार शहर वासियों को ही स्वच्छता का फीडबैक देना होगा. जिसके लिए केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा पांच माध्यमों के जरिए ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. जिससे लोग घर बैठे ही सफाई की व्यवस्था को लेकर अपनी राय दे सकते हैं. यह फीडबैक 31 मार्च तक चलने वाला है.


ऐसे दे सकते है फीडबैक

  1. ऑनलाइन फीडबैक देने के लिए सबसे पहले इंटरनेट ब्राउजर या जो भी एक्स्प्लोर आप इस्तेमाल करते हों. उसे ओपन कर वेब एड्रेस में टाइप करेX "http://swachhsurvekshan2021.org/CitizenFeedback"
  2. इसके बाद आप 'राज्य' या 'State' के सामने क्लिक कर "मध्यप्रदेश" चुनें
  3. इसके बाद डिस्ट्रिक्ट 'भिंड' चुनें.
  4. Name of urban local body में भिंड चुनना होगा.
  5. इसके बाद आप सवालों का जवाब देते हुए सर्वे में अपना फीडबैक दे सकते हैं.
  6. इसके अलावा स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए बनाई गई 'वोट फॉर योर सिटी ऐप' के माध्यम से भी लोग अपना फीडबैक दे सकते हैं.



घर-घर बांटे जाएंगे फीडबैक पर्चे

नगर पालिका की ओर से स्वच्छता के फीडबैक के लिए घर-घर पर्चे बांटकर लोगों को जागरूक करने भी योजना तैयार की गई है. जिसके तहत इस पर्चे में सवाल होंगे. जिनका लोगों को जवाब देना होगा. यह जवाब वे अपनी मर्जी से दे सकते हैं. इस पर्चे में दिए गए सात सवाल भी कुछ इस प्रकार होंगे-

  • क्या आप जानते हैं कि आपका शहर स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में भाग ले रहा है?
  • क्या आप स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में अपने शहर की रैंक जानते हैं ?
  • आप अपने आसपास के स्वच्छता स्तर पर 0 से 10 के पैमाने पर शहर को कितने अंक देना चाहेंगे ?
  • आप अपने शहर को अपने व्यवसाय सार्वजनिक क्षेत्रों के स्वच्छता स्तर पर 0 से 10 के पैमाने पर कितने अंक देना चाहेंगे ?
  • क्या आप से हमेशा अपने कचरा संग्रहक को सूखा और गीला कचरा अलग देने के लिए कहा जाता है ?
  • क्या आप अपने शहर के सार्वजनिक या सामुदायिक शौचालय मूत्रालय के स्वच्छता स्तर पर 0 से 10 के पैमाने पर अपने शहर को कितने अंक देना चाहेंगे ?
  • क्या आप जानते हैं कि आप गूगल पर निकटतम सार्वजनिक शौचालय खोज सकते हैं ?
  • क्या आप जानते हैं क्या आप स्वच्छता के बारे में अपनी शिकायतों को उठाने और आगे बढ़ाने के लिए स्वच्छता ऐप या स्थानीय ऐप का उपयोग कर सकते हैं ?

फीडबैक से तय होगी शहर की रैंकिंग

भले ही भिंड नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा देश के सबसे स्वच्छ शहरों में शामिल होने का दावा पेश किया जा रहा हो, लेकिन शहरवासियों के लिए भी इस बार स्थिति धर्म संकट जैसी हो गई है. क्योंकि एक ओर जहां सवाल शहर के स्वाभिमान का है तो वहीं जमीनी हकीकत लोगों का मनोबल गिरा रही है. अब उनका फीडबैक तय करेगा कि भिंड शहर की रैंकिंग अच्छी होती है या स्तर नीचे गिरता है. यह फैसला करने का और अपना फीडबैक देने के लिए भिंड शहर वासियों को 31 मार्च 2021 तक का समय मिला हुआ है.

Last Updated : Jan 11, 2021, 8:24 PM IST
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