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Dr. Govind Singh: नेता प्रतिपक्ष ने राज्यपाल को बताया भाजपा का एजेंट, बोले- "खाना खाने आ रहे हैं चुनाव के समय ही मिली फुरसत"

एमपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने भिंड में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रदेश के राज्यपाल के भिंड प्रवास पर निशाना साधा है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि राज्यपाल अपने पद की गरिमा बनाये रखना चाहिए. डॉ. गोविंद सिंह ने भ्रष्टाचार का मुद्दा भी उठाया.

govind singh targete on governor
डॉ गोविंद सिंह ने राज्यपाल पर साधा निशाना
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Published : Mar 12, 2023, 6:57 PM IST

डॉ गोविंद सिंह ने राज्यपाल पर साधा निशाना

भिंड। मध्यप्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता यानी नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह इन दिनों गृह जिला भिंड में हैं. उन्होंने इस दौरान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें प्रदेश के राज्यपाल के 14 मार्च को प्रस्तावित भिंड के अटेर में अल्प प्रवास पर भी टिप्पणी करते हुए कहा है कि राज्यपाल अपने पद की गरिमा बनाये रखना चाहिए. वहीं नेता प्रतिपक्ष ने जिले में चल रहे भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया. नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद से ही डॉ गोविंद सिंह भिंड जिले में अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहे करोड़ों के घोटालों का मुद्दा उठाते रहे है.

राज्यपाल पर नेता प्रतिपक्ष कसा तंज: मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल 14 मार्च को भिंड के अल्प प्रवास पर आने वाले हैं वे अटेर क्षेत्र के परा गांव में स्थित आंगनबाड़ी का निरीक्षण करेंगे और प्रधानमंत्री आवास योजना के एक हितग्राही के घर भोजन भी करेंगे. इस बात का जिक्र करते हुए प्रेस वार्ता में डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि, पूरे देश के राज्यपाल आज भारतीय जनता पार्टी के एजेंट बनकर काम रहे हैं. भिंड में भी दो दिन बाद प्रदेश के राज्यपाल महोदय यहां खाना खाने आ रहे हैं उन्हें चुनाव के समय ही फुरसत मिली है. वे प्रदेश के महामहिम है उन्हें अपने पद की गरिमा के अनुरूप कार्य करना चाहिए. यह राज्यपाल का काम नही है कि वे उद्घाटन करने जाएं. आंगनबाड़ियों के राशन बांटने जाएं इनाम बांटने जाएं यह राज्यपाल का काम नही है. राज्यपाल महोदय को अपने पद की गरिमा बनाये रखना चाहिए.

घोटाले पर घोटाले: डॉ. गोविंद सिंह ने जिले में भ्रस्टाचार की गंगा पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के इशारे पर जिला प्रशासन प्रजातंत्र का गला घोट रहा है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि, तीन सालों में भिंड जिले में शिक्षा विभाग, महिला बल विकास, अनुसूचित जाति जनजाति विभाग के अधिकारियों ने भारतीय जनता पार्टी के नेताओ के सतब एक हजार करोड़ की राशि जिले में विभिन्न योजनाओं के उपभोगताओं के लिए जिले विकास के लिए जो राशि आयी उसे डकार गए. अब कांग्रेस ने तय किया है कि इस विधानसभा सत्र के बाद कलेक्ट्रेट का घेराव कर जिले भर में गांव गांव विशेष अभियान चलाकर भ्रष्टाचार की पोल खोलेगी.

जिम्मेदार डकार गए स्कूली छात्रों का हक: नेता प्रतिपक्ष ने सालभर पहले पूरे प्रदेश के साथ भिंड मे भी महिला बाल विकास विभाग में आंगनबाड़ियों में प्रदाय होने वाले टेकहोम राशन और रेडी टू ईट पैकेट्स में करोड़ों के घोटाले को उजागर किया था. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रतिवर्ष स्कूली छात्रों के लिए खेल सामग्री के लिए करोड़ों की राशि आती है जो शाला विकास समिति के खाते में जमा होने चाहिए थे लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी और जिले के अन्य अधिकारियों ने बच्चों के हक की पूरी राशि को लूट लिया. उन्होंने इन हालातो के लिए भिंड कलेक्टर को जिम्मेदार ठहराया है.

Also Read: एमपी की राजनीति से जुड़ी अन्य खबरें

केजरीवाल का समर्थन: नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह का कहना है कि हिंदुस्तान के राज्यपालों ने पद की गरिमा की धज्जियां उड़ा दी हैं. उन्होंने दिल्ली की केजरीवाल सरकार का जिक्र करते हुए कहा कि वह जानता कि चुनी हुई सरकार है लेकिन 2 वर्षों से काम ही नही करने दे रहे हैं. खुद सुप्रीमकोर्ट ने भी हस्तक्षेप करते हुए कहा है कि डे टू डे कार्यक्रम में राज्यपाल को हस्तक्षेप नही करना चाहिए. लेकिन मोदी सरकार में जो उमकी सरकार बता दे वही देश का कानून होगा.

डॉ गोविंद सिंह ने राज्यपाल पर साधा निशाना

भिंड। मध्यप्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता यानी नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह इन दिनों गृह जिला भिंड में हैं. उन्होंने इस दौरान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें प्रदेश के राज्यपाल के 14 मार्च को प्रस्तावित भिंड के अटेर में अल्प प्रवास पर भी टिप्पणी करते हुए कहा है कि राज्यपाल अपने पद की गरिमा बनाये रखना चाहिए. वहीं नेता प्रतिपक्ष ने जिले में चल रहे भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया. नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद से ही डॉ गोविंद सिंह भिंड जिले में अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहे करोड़ों के घोटालों का मुद्दा उठाते रहे है.

राज्यपाल पर नेता प्रतिपक्ष कसा तंज: मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल 14 मार्च को भिंड के अल्प प्रवास पर आने वाले हैं वे अटेर क्षेत्र के परा गांव में स्थित आंगनबाड़ी का निरीक्षण करेंगे और प्रधानमंत्री आवास योजना के एक हितग्राही के घर भोजन भी करेंगे. इस बात का जिक्र करते हुए प्रेस वार्ता में डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि, पूरे देश के राज्यपाल आज भारतीय जनता पार्टी के एजेंट बनकर काम रहे हैं. भिंड में भी दो दिन बाद प्रदेश के राज्यपाल महोदय यहां खाना खाने आ रहे हैं उन्हें चुनाव के समय ही फुरसत मिली है. वे प्रदेश के महामहिम है उन्हें अपने पद की गरिमा के अनुरूप कार्य करना चाहिए. यह राज्यपाल का काम नही है कि वे उद्घाटन करने जाएं. आंगनबाड़ियों के राशन बांटने जाएं इनाम बांटने जाएं यह राज्यपाल का काम नही है. राज्यपाल महोदय को अपने पद की गरिमा बनाये रखना चाहिए.

घोटाले पर घोटाले: डॉ. गोविंद सिंह ने जिले में भ्रस्टाचार की गंगा पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के इशारे पर जिला प्रशासन प्रजातंत्र का गला घोट रहा है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि, तीन सालों में भिंड जिले में शिक्षा विभाग, महिला बल विकास, अनुसूचित जाति जनजाति विभाग के अधिकारियों ने भारतीय जनता पार्टी के नेताओ के सतब एक हजार करोड़ की राशि जिले में विभिन्न योजनाओं के उपभोगताओं के लिए जिले विकास के लिए जो राशि आयी उसे डकार गए. अब कांग्रेस ने तय किया है कि इस विधानसभा सत्र के बाद कलेक्ट्रेट का घेराव कर जिले भर में गांव गांव विशेष अभियान चलाकर भ्रष्टाचार की पोल खोलेगी.

जिम्मेदार डकार गए स्कूली छात्रों का हक: नेता प्रतिपक्ष ने सालभर पहले पूरे प्रदेश के साथ भिंड मे भी महिला बाल विकास विभाग में आंगनबाड़ियों में प्रदाय होने वाले टेकहोम राशन और रेडी टू ईट पैकेट्स में करोड़ों के घोटाले को उजागर किया था. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रतिवर्ष स्कूली छात्रों के लिए खेल सामग्री के लिए करोड़ों की राशि आती है जो शाला विकास समिति के खाते में जमा होने चाहिए थे लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी और जिले के अन्य अधिकारियों ने बच्चों के हक की पूरी राशि को लूट लिया. उन्होंने इन हालातो के लिए भिंड कलेक्टर को जिम्मेदार ठहराया है.

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केजरीवाल का समर्थन: नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह का कहना है कि हिंदुस्तान के राज्यपालों ने पद की गरिमा की धज्जियां उड़ा दी हैं. उन्होंने दिल्ली की केजरीवाल सरकार का जिक्र करते हुए कहा कि वह जानता कि चुनी हुई सरकार है लेकिन 2 वर्षों से काम ही नही करने दे रहे हैं. खुद सुप्रीमकोर्ट ने भी हस्तक्षेप करते हुए कहा है कि डे टू डे कार्यक्रम में राज्यपाल को हस्तक्षेप नही करना चाहिए. लेकिन मोदी सरकार में जो उमकी सरकार बता दे वही देश का कानून होगा.

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