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ऋण माफी योजना में धोखाधड़ी, किसानों के नाम पर फर्जीवाड़ा कर गबन किए करोड़ों रुपए

भिंड में एक सोसायटी सचिव द्वारा किसानों की ऋण माफी योजना के करोड़ों रुपए गबन करने का मामला सामने आया है. मामले में जांच के बाद जिला कलेक्टर के आदेश पर सचिव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है.

फर्जीवाड़ा
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Published : Jul 9, 2019, 3:36 PM IST

भिंड। जिले में मेहगांव के गिर्जुरा गांव में सोसायटी सचिव प्रमोद शर्मा द्वारा किसानों की ऋण माफी योजना के करोड़ों रुपए गबन करने का मामला सामने आया है. मामले में 2 बार जांच के बाद जिला कलेक्टर ने सोसायटी सचिव पर FIR दर्ज कराने के आदेश जारी किए हैं.

ऋण माफी योजना में धोखाधड़ी

ग्रामीणों का कहना है कि सचिव ने 150 से अधिक किसानों के नाम पर फर्जीवाड़ा किया है. कई किसान जिनके पास एक एकड़ जमीन भी नहीं है और कई जो सालों पहले मर चुके हैं, उनके नाम पर कर्ज ले लिया गया. वहीं गांव का सरपंच भी फर्जीवाड़े का शिकार हुआ है. उसके नाम पर भी 3 बार में 8 लाख का कर्ज लिया गया है. आरोपी सचिव प्रमोद शर्मा ने कई बार बिना ग्रामीणों की जानकारी के बैंक अधिकारियों की सांठगांठ से पैसा निकाल लिया.

ऐसे सामने आया घोटाला

दरअसल सोसायटी सचिव के ऋण माफी योजना के अंतर्गत अलग-अलग रंगों के फॉर्म भरने पर ग्रामीणों को शक हुआ. कुछ दिन बाद जब उनके मोबाइल पर कर्ज माफी के SMS आए, तब उन्हें अपने साथ हुई धोखाधड़ी का पता चला. इसके बाद ग्रामीणों ने मामले की शिकायत जिला पंचायत में की, लेकिन कई दिनों तक कार्रवाई नहीं होने पर ग्रामीणों ने कलेक्टर से मिलकर न्याय की गुहार लगाई. इस पर कलेक्टर ने मामले की जांच के लिए दल गठित किया था.

दूसरी बार जांच में घोटाला हुआ उजागर

मामला कलेक्टर के संज्ञान में आने के बाद भ्रष्टाचारी सचिव के खिलाफ जांच दल बनाकर घोटाले के तथ्य जुटाए गए, लेकिन पहली बार हुई जांच में घोटाले की बात गलत बताई गई. जिस पर ग्रामीणों ने दोबारा कलेक्टर से मिलकर मामले की निष्पक्ष जांच के लिए आवेदन किया. जिस पर कलेक्टर छोटे सिंह ने दोबारा जांच करने का जिम्मा नायब तहसीलदार और सहकारी बैंक के शाखा प्रबंधक को सौंपा. दूसरी जांच में घोटाला सही साबित हुआ. फिलहाल कलेक्टर के आदेश पर मामले में आरोपी सचिव प्रमोद शर्मा पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है.

भिंड। जिले में मेहगांव के गिर्जुरा गांव में सोसायटी सचिव प्रमोद शर्मा द्वारा किसानों की ऋण माफी योजना के करोड़ों रुपए गबन करने का मामला सामने आया है. मामले में 2 बार जांच के बाद जिला कलेक्टर ने सोसायटी सचिव पर FIR दर्ज कराने के आदेश जारी किए हैं.

ऋण माफी योजना में धोखाधड़ी

ग्रामीणों का कहना है कि सचिव ने 150 से अधिक किसानों के नाम पर फर्जीवाड़ा किया है. कई किसान जिनके पास एक एकड़ जमीन भी नहीं है और कई जो सालों पहले मर चुके हैं, उनके नाम पर कर्ज ले लिया गया. वहीं गांव का सरपंच भी फर्जीवाड़े का शिकार हुआ है. उसके नाम पर भी 3 बार में 8 लाख का कर्ज लिया गया है. आरोपी सचिव प्रमोद शर्मा ने कई बार बिना ग्रामीणों की जानकारी के बैंक अधिकारियों की सांठगांठ से पैसा निकाल लिया.

ऐसे सामने आया घोटाला

दरअसल सोसायटी सचिव के ऋण माफी योजना के अंतर्गत अलग-अलग रंगों के फॉर्म भरने पर ग्रामीणों को शक हुआ. कुछ दिन बाद जब उनके मोबाइल पर कर्ज माफी के SMS आए, तब उन्हें अपने साथ हुई धोखाधड़ी का पता चला. इसके बाद ग्रामीणों ने मामले की शिकायत जिला पंचायत में की, लेकिन कई दिनों तक कार्रवाई नहीं होने पर ग्रामीणों ने कलेक्टर से मिलकर न्याय की गुहार लगाई. इस पर कलेक्टर ने मामले की जांच के लिए दल गठित किया था.

दूसरी बार जांच में घोटाला हुआ उजागर

मामला कलेक्टर के संज्ञान में आने के बाद भ्रष्टाचारी सचिव के खिलाफ जांच दल बनाकर घोटाले के तथ्य जुटाए गए, लेकिन पहली बार हुई जांच में घोटाले की बात गलत बताई गई. जिस पर ग्रामीणों ने दोबारा कलेक्टर से मिलकर मामले की निष्पक्ष जांच के लिए आवेदन किया. जिस पर कलेक्टर छोटे सिंह ने दोबारा जांच करने का जिम्मा नायब तहसीलदार और सहकारी बैंक के शाखा प्रबंधक को सौंपा. दूसरी जांच में घोटाला सही साबित हुआ. फिलहाल कलेक्टर के आदेश पर मामले में आरोपी सचिव प्रमोद शर्मा पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है.

Intro:मध्यप्रदेश में भले ही सरकार बदल गई हो लेकिन भ्रष्टाचार आज भी प्रदेश में अपने पैर जमाए हैं क्योंकि कांग्रेस की सरकार ने जैसे ही किसानों के लिए कर्ज माफी का तोहफा दिया वैसे ही किसानों के नाम हुआ ऋण माफी फर्जीवाड़ा सामने आने लगा भिंड जिले के मेहगांव में भी सोसायटी सचिव द्वारा करोड़ों के गबन का मामला सामने आया है जिस पर दो बार जांच के बाद जिला कलेक्टर ने सोसायटी सचिव पर एफ आई आर दर्ज कराने के आदेश जारी किए हैं


Body:ऋण माफी योजना में फर्जीवाड़ा
मेहगांव तहसील के अंतर्गत आने वाला गिर्जुरा गांव में सोसायटी सचिव प्रमोद शर्मा ने ऋण माफी योजना में जमकर फर्जीवाड़ा किया है ग्रामीणों का कहना है कि सचिव ने 150 से अधिक किसानों के नाम पर फर्जीवाड़ा किया है जिनमें कई किसानों के नाम बिना रेड के सूची में दर्ज मिले हैं इतना ही नहीं सूची मैं तो ऐसे भी नाम है जिनके पास 1 एकड़ जमीन भी नहीं साथ ही कुछ कर दे यार ऐसे हैं जो सालों पहले मर चुके हैं वहीं गांव का सरपंच भी इस फर्जीवाड़े का शिकार हो गया उसके नाम से भी तीन बार में 8 लाख का कर्ज निकाला गया आरोपी सचिव ने कई बार बिना ग्रामीणों की जानकारी के बैंक अधिकारियों की सांठगांठ से पैसा निकाल लिया

बाइट- पीड़ित ग्रामीण

ऐसे सामने आया घोटाला
दरअसल सोसायटी सचिव द्वारा ग्रामीणों के ऋण माफी योजना के अंतर्गत अलग-अलग रंगों के फार्म भरने पर ग्रामीणों को शक हुआ लेकिन कुछ दिन बाद जब उनके मोबाइल पर कर्ज माफी के एस एम एस आए तब उन्हें अपने साथ हुई धोखाधड़ी का पता चला इसके बाद ग्रामीणों ने मामले की शिकायत जिला पंचायत में की लेकिन कई दिनों तक कार्रवाई नहीं होने पर ग्रामीणों ने कलेक्टर से मिलकर न्याय की गुहार लगाई जिस पर कलक्टर ने मामले की जांच के लिए दल गठित किया था

कलेक्टर ने माना पहली जांच में हुई थी गड़बड़ी
मामला कलेक्टर के संज्ञान में आने के बाद भ्रष्टाचारी सचिव के खिलाफ जांच दल बनाकर घोटाले के तथ्य जुटाए गए लेकिन पहली बार में घोटाले की बात गलत बताई गई जिस पर ग्रामीणों ने दोबारा कलेक्टर से मिलकर मामले की निष्पक्ष जांच के लिए आवेदन किया वही कलेक्टर छोटे सिंह ने इस बार जांच का जिम्मा नायब तहसीलदार और सहकारी बैंक के शाखा प्रबंधक को सौंपा जिस पर घोटाला सही साबित हुआ वहीं कलेक्टर के आदेश पर मामले में आरोपी सचिव प्रमोद शर्मा पर एफ आई आर दर्ज कर ली गई है

बाइट- छोटे सिंह, कलेक्टर


Conclusion:कहा जाता है नई योजनाओं के साथ नए फर्जीवाड़े भी होते हैं और ऐसा ही कुछ हुआ पिंड के गिरे जोरा गांव में जहां एक बार फिर अन्नदाता धोखाधड़ी का शिकार हुआ ना तो ऋणदाता बैंक से ग्रामीणों को नोटिस गया ना ही रिकॉर्ड अपडेट हुए बस फर्जीवाड़ा करते हुए कर्ज पर कर्ज निकालते गए।

भिंड सिटी भारत के लिए पियूष श्रीवास्तव की रिपोर्ट
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