भिंड। जिले में रेत का अवैध उत्खनन सालों से चला आ रहा है. प्रदेश का पुलिस प्रशासन और शासन अब तक इस अवैध माइनिंग के खेल को रोक नहीं पाया है. माफियाओं के हौसले बुलंद हैं और नदियां रेत की वजह से अब खाली होती जा रही हैं.
भिंड जिले में अभी सिंध नदी से लगातार माफियाओं द्वारा बरसात में एनजीटी की रोक के बावजूद रेत का अवैध खनन मशीनों द्वारा किया जा रहा है. इसके खिलाफ कांग्रेस ने समय-समय पर विरोध जताया है. कांग्रेस सरकार में सहकारिता सामान्य प्रशासन और संसदीय कार्य मंत्री रहे डॉक्टर गोविंद सिंह एक बार फिर भिंड जिले के इस अवैध कारोबार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं. डॉक्टर गोविंद सिंह 1 दिन के उपवास पर बैठे हैं. इस मौके पर उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत की है.
इस दौरान उन्होंने बताया कि इस समस्या के लिए कई बार सीएम शिवराज को पत्र लिखकर जानकारी दे चुके हैं, बावजूद इसके अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. लगातार सिंध नदी में हो रहे रेत के अवैध उत्खनन के चलते नदी किनारे के कई गांव में वाटर लेवल 30 से 40 फीट तक नीचे जा चुका है.
इस अवैध खनन को रोकने के लिए सीएम शिवराज ने भी अधिकारियों को सख्त हिदायत दी थी कि अगर किसी जिले में अवैध उत्खनन पाया गया तो उस जिले के एसपी और कलेक्टर जिम्मेदार माने जाएंगे, बावजूद भिंड में अब तक किसी तरह की कार्रवाई नजर नहीं आ रही है.
हर रोज 1000 तक ट्रक सिंध नदी से रेत का अवैध उत्खनन कर परिवहन करते हुए, उत्तर प्रदेश ले जाए जा रहे हैं और बेचे जा रहे हैं. माफिया सरकार पर हावी हैं और इसी को लेकर उन्होंने पत्र भी लिखा था कि अगर 13 अगस्त तक कोई कड़े कदम नहीं उठाए गए तो वो 1 दिन का उपवास करेंगे और इसीलिए आज नदी बचाओ आंदोलन के तहत महात्मा गांधी के दिखाए रास्ते पर चलकर, एक दिवसीय उपवास पर बैठे हैं.
वहीं जब उनसे पूछा गया कि सरकार में मंत्री रहते हुए भी उन्होंने रेत के अवैध उत्खनन पर भिंड जिले में असफलता स्वीकारी थी और माफी भी जनता से मांगी थी. तब सरकार में रहते हुए जब ऐसा ना कर पाए तो अब तो बीजेपी की सरकार है, अब कैसे उम्मीद करते हैं तो इस बात पर डॉक्टर गोविंद सिंह का कहना है कि कि जब हमारी सरकार थी तब मेरे बयान के बाद भी मुख्यमंत्री ने मुझसे मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान पूछा था, मैंने भिंड जिले के अवैध उत्खनन को लेकर अपनी बात रखी था, तो तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पूरे प्रदेश में अवैध उत्खनन पर सख्ती से रोक लगवाई थी और आगे भी अगर बीजेपी सरकार नहीं मानेगी तो वो रणनीति के तहत कार्रवाई के लिए आगे बढ़ेंगे.
बता दें कि इससे पूर्व में भी कांग्रेस में मंत्री रहते हुए डॉक्टर गोविंद सिंह ने लहार में बयान देते हुए सरकार को रेत का अवैध उत्खनन भिंड जिले में रोकने पर नाकाम बताया था और जनता से इस बात के लिए माफी भी मांगी थी. इसके अलावा उन्होंने पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारियों की संलिप्तता भी रेत के अवैध खेल में जाहिर की थी, जिस पर राष्ट्रीय स्तर पर भी मीडिया में उनके बयान ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं.