भिंड। मध्यप्रदेश में आसमान से बरस रही आफत ने कई गांवों को टापू बना दिया है. नदियां रौद्र रूप धारण कर चुकी हैं, नाले भी उफान पर हैं, सड़कें जलमग्न हो गयी हैं और घर भी पानी-पानी हो गये हैं. भिंड जिले में बारिश ने ऐसा कोहराम मचाया है कि गांव के गांव जलसमाधि लेते जा रहे हैं. चंबल नदी में आई बाढ़ मानो सबकुछ बहा ले जाने पर आमादा है. हालात इतने बिगड़ गए हैं कि बचाव कार्य के लिए सेना की मदद लेनी पड़ गयी.
बाढ़ के चलते अटेर तहसील के 20 गांव पूरी तरह पानी में डूबते जा रहे हैं. वहां के बाशिंदों को बचाने की जंग शुरू हो गयी है. जिसके लिए सेना की टुकड़ी ने भी मोर्चा संभाल लिया है. स्थानीय लोगों ने बताया कि वे पिछले तीन दिनों से गांव में फंसे हुए हैं, जहां धीरे-धीरे हालत बद से बदतर होते जा रहे थे. सेना के जवानों ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन सुबह पांच बजे से चल रहा है, अब तक 200 से 300 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, जबकि अभी भी राहत कार्य युद्ध स्तर पर जारी है.
तस्वीरें देखकर साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि बाढ़ ने लोगों का क्या हाल बना दिया. क्या बुजुर्ग, क्या बच्चे और क्या जवान, सब आसमानी आफत से परेशान हैं. चंबल नदी के उफान के चलते चारों तरफ सिर्फ पानी ही पानी दिख रहा है. ऐसे में जवान मोटर बोट के सहारे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं. जबकि स्थानीय प्रशासन उन्हें राहत शिविरों में भेजने का काम कर रहा है.
सेना की कुल 6 टीमें राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई हैं. जहां लगातार ग्रामीणों का रेस्क्यू किया जा रहा है. चंबल में इस बार ऐसा उफान आया है कि मानों सबकुछ बहा ले जाएगा. चंबल नदी अब भी खतरे के निशान से उपर बह रही है, जबकि आसमान से बरस रही आफत थमने का नाम नहीं ले रही है. ऐसे में पता नहीं लोगों को इस बारिश से कब राहत मिलेगी. लेकिन इतना तो तय है कि सिंतबर का ये सितम यहीं नहीं रुका तो सबकुछ तबाह हो जाएगा.