भिंड। कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन 2.0 शुरू किया है, वहीं राज्य सरकार ने किसानों को आज से फसल खरीदी बिक्री की बड़ी छूट दी है. सरकार ने 1950 रुपए समर्थन मूल्य के आधार पर गेंहू की फसल खरीदी के लिए जिले में 42 केंद्र बनाए हैं. बावजूद इसके फसल खरीदी के पहले दिन ही प्रशासन और किसान दोनों ही नदारद दिखें.
भिंड जिले में फसल खरीदी के लिए 42 केंद्र बनाए गए हैं, जहां प्रशासन ने किसानों की सुरक्षा और बचाव के भी इंतजाम किए हैं. जिसका जायजा लेने ईटीवी भारत की टीम शहर में स्थित कृषि उपज मंडी में बनाए गए केंद्र पर पहुंची. लेकिन दोपहर के दो बजे तक भी एक भी किसान अपनी फसल बेचने के लिए नहीं पहुंचा था, मंडी में पुलिसकर्मी और स्वास्थ्य अमला तो मौजूद था. लेकिन प्रशासन और मंडी सचिव कोई भी मौजूद नहीं था.
यहां तक कि कलेक्टर ने खरीदी केंद्रों पर पर्यवेक्षक के तौर पर कुछ शिक्षकों की ड्यूटी भी लगाई थी, लेकिन वह भी वहां नहीं पहुंचे. मंडी पहुंचे किसान नेता संजीव वर्मा ने बताया कि प्रशासन ने किसानों के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं की है, और ना ही सही तरीके से उन्हें बताया गया है कि फसल बेचने किस तरह आना है. जिला प्रशासन ने किसानों को एसएमएस के जरिए सूचित किया था, लेकिन किसान नेता का कहना है कि किसानों को किसी भी तरह का कोई मैसेज नहीं मिला है.
उपज मंडी में कर्मचारियों की अनुपस्थिति और लापरवाही साफ देखने को मिल रही है, सरकार की ओर से किसानों को बड़ी राहत दी गई है. लेकिन इस तरह की अनियमितताओं के कारण अन्नदाता को अपनी फसलें समय पर बेचने का मौका कैसे मिलेगा.