भिंड/गुना। एक तरफ गुना जिले के विजयपुर में खाद की कालाबाजारी चल रही है, तो वहीं दूसरी तरफ भिंड में इसकी काफी किल्लत है. खाद की कमी होने की वजह से अब किसानों की फसलें बर्बाद होने की कगार पर हैं. केंद्र पर उपलब्धता के बावजूद खाद नहीं मिलने से नाराज किसानों ने नेशनल हाईवे-719 पर चक्काजाम कर दिया, और जमकर नारेबाजी भी की. मामले की जानकारी के बाद मौके पर पहुंची पुलिस और तहसीलदार के आश्वासन के बाद जाम खोला गया. लेकिन विरोध प्रदर्शन के दौरान करीब 3 घंटे तक हाईवे पर गाड़ियों की लंबी कतार लगी रही.
NH-719 पर दस किमी लंबा जाम
हजारों की संख्या में मौजूद किसानों ने अपना रोष व्यक्त करते हुए जमकर नारेबाजी की. साथ ही ट्रैक्टर से रास्ता बंद कर दिया. जिसके चलते ग्वालियर और भिंड हाईवे पर करीब 5-5 किलोमीटर लंबा जाम लग गया. मौके पर भारी पुलिसबल भी मौजूद रहा, लेकिन तीन घंटे बीत जाने के बाद भी कोई भी प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा. हालांकि बाद में तहसीलदार किसानों से मिलने पहुंचे थे.
सता रहा फसल खराब होने का डर
किसानों का आरोप है कि गोदाम में हजारों बोरी यूरिया और डीएपी रखी हुई है, लेकिन उसे मनमाने तरीके से अपने लोगों को बांटा जा रहा है. कुछ किसानों का कहना है कि वे लोग कई दिनों से चक्कर काट रहे हैं, उन्हें टोकन काट कर दे दी गई है, लेकिन खाद नहीं दी जा रही है. खाद की कमी से फसल खराब होने लगी है, अगर दो दिन बाद खाद मिलेगा तो फसल बराबर होने के बाद उसका क्या करेंगें.
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‘मंत्री के इशारे पर चल रहा सब'
चक्काजाम कर रहे एक किसान विशाल तिवारी का कहना है कि वह पिछले 20 दिन से खाद के लिए खड़े हैं लेकिन खाद नहीं मिल पा रही है. जबकि मंडी से 200 मीटर की दूरी पर मंत्री ओपीएस भदौरिया का बंगला है. लेकिन ना तो मंत्री और ना ही उनका कोई कार्यकर्ता किसानों का हालचाल जानने आया. हर रोज एसडीएम-तहसीलदार कार्यालय के चक्कर लगाते-लगाते थक गए है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
उसने आरोप लगाते हुए कहा कि बाहर किसान लाइन में लगकर खड़ा है लेकिन मंत्री के लोग गोदाम के पीछे के गेट से बोरियां भर कर ले जा रहे हैं. यहां पूरा खेल मंत्री ओपीएस भदौरिया के कहने पर चल रहा है, उनके कार्यकर्ता उनके लोग ट्रैक्टर से कालाबाजारी कर रहे हैं.
अवैध वसूली कर रहे कर्मचारी
वहीं एक किसानों ने आरोप लगाया है कि पुलिस के सामने ही कर्मचारी कमिशनखोरी कर रहे हैं. जान पहचान के लोगों को मन मुताबिक खाद दिया जा रहा है. जब उसने कर्मचारी से खाद के लिए पूछा तो कर्मचारी द्वारा अलग से पैसे देने की बात कही गई. किसानों का यह भी कहना है कि जब तक खाद नहीं बंटना शुरू होगा, तब तक यह जाम ऐसे ही जारी रहेगा, फिर चाहे कोई भी परिस्थिति ही क्यूं ना आ जाए.
रात 3 बजे से लग जाती है किसानों की लाइन
गौरतलब है कि मेहगांव में मंडी में बनाए गए वितरण केंद्र पर बीते कुछ दिनों से किसान रात 3 बजे से ही लाइन लगाकर खाद का इंतजार करने लगते हैं. लेकिन किसानों के मुताबिक हर दिन दोपहर में ही खाद खत्म होने की बात कह कर्मचारी वितरण बंद कर देते हैं. ऐसे में हजारों किसान परेशान हो रहे हैं. उन्होंने जरूरत के हिसाब से खाद वितरण किए जाने तक चक्काजाम जारी रखने की चेतावनी दी.
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तहसीलदार ने खुलवाया जाम
पूरे हंगामे के बाद तहसीलदार रंजीत सिंह मौके पर पहुंचे. उन्होंने किसानों के लिए खाद की व्यवस्था कराने के लिए अतिरिक्त काउंटर शुरू कराए. साथ ही आश्वासन दिया कि रात 11 बजे तक खाद वितरण होगा, और खाद की व्यवस्था की जा रही है. सोमवार तक स्थिति काफी हद तक सामान्य हो जाएगी. तब जाकर कहीं 3 घंटे के हंगामें के बाद किसानों ने चक्काजाम खत्म किया.
गुना में खाद की कालाबाजारी
गुना के विजयपुर में यूरिया-डीएपी खाद बेचने का काम करने वाले कारोबारी किसानों से 200-300 रुपए ज्यादा लेकर इसकी कालाबाजारी कर रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम ने इसका खुलासा किया है. गौरतलब है कि, यूरिया खाद के 50 किलो वजन बोरे की कीमत 266 रुपए निर्धारित की गई है. जिसे खाद्य कारोबारी 400-450 रुपए में किसानों को बेच रहे हैं. इसके अलावा डीएपी की बात करें, तो इसके 50 किलो के बोरे की कीमत 1200 रुपये निर्धारित है, लेकिन कारोबारी इसे 1400-1500 रुपये में बेच रहे हैं.
खाद की कालाबाजारी की शिकायतें गुना जिला मुख्यालय के बाजार से लेकर दूसरे बाजारों से भी आ रही हैं. जिसे लेकर किसान अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंप चुके हैं. लेकिन, जिम्मेदार खाद की कालाबाजारी करके किसानों से ज्यादा रुपए ऐंठने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.