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Diwali 2023: लो आ गया दीपावली का त्योहार, जानिए 5 दिन पूजा के शुभ महूर्त, किस दिन कौन से भगवान की करें पूजा

Laxmi Puja On Diwali Significance: सनातन हिंदू धर्म में त्योहारों का बहुत महत्व होता है खासकर दीपावली ऐसा त्योहार है, जिसका उत्सव पांच दिनों तक मनाया जाता है. रोशनी और खुशियों का त्योहार दिवाली धनतेरस से शुरू होता है. जो भाई दूज तक चलता है. लोग चाहते हैं कि शुभ महूर्त में वे भगवान की पूजा अर्चना का कार्य संपन्न कर ले. आइए ज्योतिषाचार्य शिव मल्होत्रा से जानते हैं कि इस बार धनतेरस, दिवाली से लेकर भाई दूज तक किस दिन किस महूर्त में पूजा करना सबसे शुभ होगा.

Diwali 2023
दीवाली 2023
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 8, 2023, 10:09 PM IST

Updated : Nov 9, 2023, 8:09 AM IST

Diwali 2023। दीपावली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है इस दिन भगवान राम रावण को परास्त कर कर सीता जी को अपने साथ लेकर वनवास पूरा करने के बाद अयोध्या आए थे और तब पूरी अयोध्या नगरी ने दीप जलाकर खुशियां मनाई थी. तब से ही प्रतिवर्ष कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष अमावस्या के दिन दीपावली का त्योहार मनाया जाता है.

10 नवंबर को मनाया जाएगा धनतेरस: इस दिन हिन्दू पर्व की शुरुआत होती है. धनतेरस के दिन से कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष के 13वें दिन आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरी की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इसी दिन भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे. साथ ही धन के देवता कुबेर की उपासना भिनीसी दिन होती है. इसिलिए धनतेरस के दिन नयी चीजों की खरीदारी की जाती है.

ये रहेंगे धनतेरस के शुभ मुहूर्त: इस वर्ष धनतेरस 10 नवंबर को मनाया जाएगा. चूंकि इस त्योहार पर नयी चीजों की खरीदारी की जाती है. खासकर इस दिन ऐसे में ज्योतिषाचार्य शिव मल्होत्रा के अनुसार धनतेरस पूजा, कुबेर पूजा धन्वंतरि पूजा और बर्तन, सोना, चांदी, गाड़ी और वाहन खरीदने के लिए शुभ मुहूर्त
ये रहेंगे.

  1. कुंभ स्थिर लग्न मुहूर्त दोपहर 01:10 से 02:44 दोपहर तक रहेगा.
  2. अभिजीत सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त दोपहर 12:03 से 12:25 दोपहर तक.
  3. शुभ चौघड़िया मुहूर्त दोपहर 12:03 से 01:26 दोपहर तक.
  4. लाभ चौघड़िया मुहूर्त- रात 08:50 से रात 10:27 तक.
  5. वृषभ स्थिर लग्न मुहूर्त शाम 05:55 से 07:53 शाम तक.
  6. प्रदोष कालबेला मुहूर्त शाम 04:52 से 06:22 शाम तक.
  7. चर- सामान्य चौघड़िया मुहूर्त :- शाम 04:13 से 05:37 शाम तक.
  8. शुभ चौघड़िया मुहूर्त : रात 12:03 से 01:39 रात तक रहेगा.

रूप चतुर्दशी का महत्व और महूर्त: धनतेरस के अगले दिन रूप चतुर्दशी है. इसे नरक चौदस या छोटी दिवाली भी कहा जाता है. मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध किया था और उसके बाद उन्होंने तेल और उबटन से स्नान किया था. यहीं से उबटन लगाने की परंपरा शुरू हुई थी. माना जाता है कि नरक चतुर्दशी के दिन ऐसा करने से नरक से मुक्ति मिलती है और मृत्यु पश्चात स्वर्ग मिलता है. इसलिए इसदिन स्नान और उबटन का बहुत महत्व होता है.

इस वर्ष रूप चौदस 11 नवम्बर को मनायी जायेगी. वहीं बात पूजा अर्चना और स्नान के मुहूर्त की करें तो इस दिन दीपदान मुहूर्त: प्रदोष काल बेला शाम 04:52 से 06:22 शाम तक शुभ चौघड़िया मुहूर्त : रात 08:50 से 10:26 रात तक चर सामान्य चौघड़िया मुहूर्त : रात 12:03 से 1:40 रात तक रहेगा, शिव लाभ चौघड़िया मुहूर्त : शाम 05:37 से 07:13 रात तक अमृत चौघड़िया मुहूर्त : रात 10:26 से 12:03 रात तक रहेगा, वहीं रूप चतुर्दशी पर तेल उबटनके लिए 12 नवंबर रविवार 2023 को ब्रम्ह मुहूर्त प्रातः 04:46 से 05:38 प्रातः तक होगा.

दीपावली पर पूजा का शुभ महूर्त: दीपावली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. इस वर्ष दीपावली 12 नवम्बर को मनाई जाएगी. दिवाली के दिन पूजन के महूर्त इस प्रकार है. प्रदोष काल बेला शाम 05:36 से 06:21 शाम तक, गोधूलि बेला शाम 05:36 से 06:02 शाम तक, वृषभ अमृत चौघड़िया मुहूर्त : रात 07:13 से 08:50 रात तक, स्थिर लग्न मुहूर्त शाम 05:47 से 07:46 रात तक, शुभ चौघड़िया मुहूर्त : शाम 05:36 से 07:13 रात तक, चर सामान्य चौघड़िया महूर्त- रात 08:50 से 10:26 रात तक, महानिशिता मुहूर्त रात 11:37 से 12:29 रात तक, मध्य रात्रि सिंह स्थिर लग्न मुहूर्त रात 12:15 से 02:26 रात तक, रात्रि कालीन लाभ चौघड़िया मुहूर्त :- रात 01:40 से 03:17 रात तक रहेगा.

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गोवर्धन पूजा के महूर्त: दीपावली के अगले दिन यानी 13 नवंबर को कोई त्योहार नहीं है, बल्कि इस साल गोवर्धन पूजा 14 नवबर को होगी. कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है. इस दिन लोग घर की आंगन में या घर के बाहर गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाकर पूजा की जाती है. इस दिन गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाए और गाय माता का श्रृंगार करें साथ ही प्रदोष काल गोधूलि बेला में पूजन करें. इसके लिए शुभ मुहूर्त सुबह 06:43 से सुबह 08:52 बजे तक(2 घंटे 09 मिनट की अवधि) रहेगा. हालांकि अन्य महूर्त अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:41 से 12:25 तक, गोधूलि मुहूर्त शाम 04:51 से 06:21 तक, विजय मुहूर्त दोपहर 01:54 से दोपहर 02:38 तक, सायान्ह पूजा शाम 05:36 से 06:53 तक, लाभ चौघड़िया मुहूर्त शाम 07:13 से शाम 08:50 बजे तक और शुभ चौघड़िया मुहूर्त रात 10:27 से 12:04 रात तक रहेंगे.

भाई दूज के लिए पूजा महूर्त: इस वर्ष भई दूज 15 नवम्बर को मनायी जाएगी. इसके लिए भाई 'दूज तिलक मुहूर्त इस प्रकार रहेंगे- लाभ चौघड़िया मुहूर्त सुबह 06:31 से 07:54 सुबह तक, अमृत चौघड़िया मुहूर्त सुबह 07:54 से 09:17 सुबह तक, शुभ चौघड़िया मुहूर्त सुबह 10:40 से 12:03 दोपहर तक, चर सामान्य चौघड़िया मुहूर्त : दोपहर 02:49 से 04:12 शाम तक, लाभ : शाम 04:17 से 05:35 शाम तक रहेंगे.

(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं, ज्योतिष गणना और ज्योतिषविदों की जानकारी के आधार पर है, ETV Bharat इसके पूर्ण सत्य होने का दावा नहीं करता.)

Diwali 2023। दीपावली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है इस दिन भगवान राम रावण को परास्त कर कर सीता जी को अपने साथ लेकर वनवास पूरा करने के बाद अयोध्या आए थे और तब पूरी अयोध्या नगरी ने दीप जलाकर खुशियां मनाई थी. तब से ही प्रतिवर्ष कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष अमावस्या के दिन दीपावली का त्योहार मनाया जाता है.

10 नवंबर को मनाया जाएगा धनतेरस: इस दिन हिन्दू पर्व की शुरुआत होती है. धनतेरस के दिन से कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष के 13वें दिन आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरी की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इसी दिन भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे. साथ ही धन के देवता कुबेर की उपासना भिनीसी दिन होती है. इसिलिए धनतेरस के दिन नयी चीजों की खरीदारी की जाती है.

ये रहेंगे धनतेरस के शुभ मुहूर्त: इस वर्ष धनतेरस 10 नवंबर को मनाया जाएगा. चूंकि इस त्योहार पर नयी चीजों की खरीदारी की जाती है. खासकर इस दिन ऐसे में ज्योतिषाचार्य शिव मल्होत्रा के अनुसार धनतेरस पूजा, कुबेर पूजा धन्वंतरि पूजा और बर्तन, सोना, चांदी, गाड़ी और वाहन खरीदने के लिए शुभ मुहूर्त
ये रहेंगे.

  1. कुंभ स्थिर लग्न मुहूर्त दोपहर 01:10 से 02:44 दोपहर तक रहेगा.
  2. अभिजीत सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त दोपहर 12:03 से 12:25 दोपहर तक.
  3. शुभ चौघड़िया मुहूर्त दोपहर 12:03 से 01:26 दोपहर तक.
  4. लाभ चौघड़िया मुहूर्त- रात 08:50 से रात 10:27 तक.
  5. वृषभ स्थिर लग्न मुहूर्त शाम 05:55 से 07:53 शाम तक.
  6. प्रदोष कालबेला मुहूर्त शाम 04:52 से 06:22 शाम तक.
  7. चर- सामान्य चौघड़िया मुहूर्त :- शाम 04:13 से 05:37 शाम तक.
  8. शुभ चौघड़िया मुहूर्त : रात 12:03 से 01:39 रात तक रहेगा.

रूप चतुर्दशी का महत्व और महूर्त: धनतेरस के अगले दिन रूप चतुर्दशी है. इसे नरक चौदस या छोटी दिवाली भी कहा जाता है. मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध किया था और उसके बाद उन्होंने तेल और उबटन से स्नान किया था. यहीं से उबटन लगाने की परंपरा शुरू हुई थी. माना जाता है कि नरक चतुर्दशी के दिन ऐसा करने से नरक से मुक्ति मिलती है और मृत्यु पश्चात स्वर्ग मिलता है. इसलिए इसदिन स्नान और उबटन का बहुत महत्व होता है.

इस वर्ष रूप चौदस 11 नवम्बर को मनायी जायेगी. वहीं बात पूजा अर्चना और स्नान के मुहूर्त की करें तो इस दिन दीपदान मुहूर्त: प्रदोष काल बेला शाम 04:52 से 06:22 शाम तक शुभ चौघड़िया मुहूर्त : रात 08:50 से 10:26 रात तक चर सामान्य चौघड़िया मुहूर्त : रात 12:03 से 1:40 रात तक रहेगा, शिव लाभ चौघड़िया मुहूर्त : शाम 05:37 से 07:13 रात तक अमृत चौघड़िया मुहूर्त : रात 10:26 से 12:03 रात तक रहेगा, वहीं रूप चतुर्दशी पर तेल उबटनके लिए 12 नवंबर रविवार 2023 को ब्रम्ह मुहूर्त प्रातः 04:46 से 05:38 प्रातः तक होगा.

दीपावली पर पूजा का शुभ महूर्त: दीपावली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. इस वर्ष दीपावली 12 नवम्बर को मनाई जाएगी. दिवाली के दिन पूजन के महूर्त इस प्रकार है. प्रदोष काल बेला शाम 05:36 से 06:21 शाम तक, गोधूलि बेला शाम 05:36 से 06:02 शाम तक, वृषभ अमृत चौघड़िया मुहूर्त : रात 07:13 से 08:50 रात तक, स्थिर लग्न मुहूर्त शाम 05:47 से 07:46 रात तक, शुभ चौघड़िया मुहूर्त : शाम 05:36 से 07:13 रात तक, चर सामान्य चौघड़िया महूर्त- रात 08:50 से 10:26 रात तक, महानिशिता मुहूर्त रात 11:37 से 12:29 रात तक, मध्य रात्रि सिंह स्थिर लग्न मुहूर्त रात 12:15 से 02:26 रात तक, रात्रि कालीन लाभ चौघड़िया मुहूर्त :- रात 01:40 से 03:17 रात तक रहेगा.

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गोवर्धन पूजा के महूर्त: दीपावली के अगले दिन यानी 13 नवंबर को कोई त्योहार नहीं है, बल्कि इस साल गोवर्धन पूजा 14 नवबर को होगी. कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है. इस दिन लोग घर की आंगन में या घर के बाहर गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाकर पूजा की जाती है. इस दिन गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाए और गाय माता का श्रृंगार करें साथ ही प्रदोष काल गोधूलि बेला में पूजन करें. इसके लिए शुभ मुहूर्त सुबह 06:43 से सुबह 08:52 बजे तक(2 घंटे 09 मिनट की अवधि) रहेगा. हालांकि अन्य महूर्त अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:41 से 12:25 तक, गोधूलि मुहूर्त शाम 04:51 से 06:21 तक, विजय मुहूर्त दोपहर 01:54 से दोपहर 02:38 तक, सायान्ह पूजा शाम 05:36 से 06:53 तक, लाभ चौघड़िया मुहूर्त शाम 07:13 से शाम 08:50 बजे तक और शुभ चौघड़िया मुहूर्त रात 10:27 से 12:04 रात तक रहेंगे.

भाई दूज के लिए पूजा महूर्त: इस वर्ष भई दूज 15 नवम्बर को मनायी जाएगी. इसके लिए भाई 'दूज तिलक मुहूर्त इस प्रकार रहेंगे- लाभ चौघड़िया मुहूर्त सुबह 06:31 से 07:54 सुबह तक, अमृत चौघड़िया मुहूर्त सुबह 07:54 से 09:17 सुबह तक, शुभ चौघड़िया मुहूर्त सुबह 10:40 से 12:03 दोपहर तक, चर सामान्य चौघड़िया मुहूर्त : दोपहर 02:49 से 04:12 शाम तक, लाभ : शाम 04:17 से 05:35 शाम तक रहेंगे.

(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं, ज्योतिष गणना और ज्योतिषविदों की जानकारी के आधार पर है, ETV Bharat इसके पूर्ण सत्य होने का दावा नहीं करता.)

Last Updated : Nov 9, 2023, 8:09 AM IST
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