भिंड। एक तरफ सरकार लोगों के स्वास्थ्य के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर योजनाएं लागू करती है. वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन की लापरवाही इन योजनाओं में पलीता लगा रही है. ऐसा ही नजारा शहर के आरोग्य स्वास्थ्य केंद्र में देखने को मिला. विभागीय उपेक्षा और नगरपालिका की अनदेखी की मार झेल रहा शहर के भवानीपुरा स्थित आरोग्यं स्वास्थ्य केंद्र पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है .यहां दवा लेना तो दूर, लोगों का खड़ा रहना भी दूभर हो गया है.
मामले को लेकर स्थानीय लोगों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि केंद्र पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई स्वीपर नहीं आता है. अस्पताल में मौजूद नर्स ही या मोहल्ले के लोग पैसे देकर सफाई करवा लेते हैं.
वहीं केंद्र में पदस्थ स्टाफ नर्स का कहना है कि हम मरीज देखें या सफाई करें. कई बार वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया गया है. लेकिन कोई ध्यान नहीं देता. उन्होंने बताया कि इस केंद्र में शाम होते ही असामाजिक तत्वों का जमावड़ा हो जाता है.
आरोग्यं केंद्र के मुआयने के दौरान हैरान करने वाली तस्वीरें भी सामने आई. केंद्र में 12 कर्मचारी पदस्थ हैं, लेकिन मौके पर महज 2 स्टाफ नर्स ही मौजूद मिले. पूछने पर पता चला कि अन्य कर्मचारी फील्ड में हैं. इसी बीच हमने देखा कि केंद्र में पदस्थ एक महिला कर्मचारी अचानक केंद्र में आई और अटेंडेंस रजिस्टर में एक साथ 5 दिन की उपस्थिति दर्ज करने लगी. वहीं जब रजिस्टर में अन्य कर्मचारियों की उपस्थिति देखी गई तो कोई कर्मचारी 8 दिन से नहीं आया था तो कोई 10 दिन से.
जब केंद्र की समस्याओं और स्टाफ की अनुपस्थिति को लेकर स्वास्थ्य विभाग से संपर्क किया गया तो अधिकारी ने कोई जबाव नहीं दिया. वहीं कलेक्टर छोटे सिंह ने मामले में जांट कराने की बात की.