भिंड। बीते दिन सामाजिक संगठनों ने संयुक्त रूप से प्रेसवार्ता का आयोजन किया. जिसमें सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मालनपुर में बनाए जा रहे सैनिक स्कूल को लेकर विरोध दर्ज कराया है. उन्होंने सैनिक स्कूल को भिंड जिला मुख्यालय के आसपास बनाए जाने की मांग की है. साथ ही सभी वर्गों से जुड़े लोगों ने रविवार को ग्वालियर में सीएम शिवराज सिंह चौहान से मिलकर अपनी मांग रखने की बात कही है.
उन्होंने कहा कि इस बात से आपत्ति नहीं है कि स्कूल मालनपुर में बन रहा है. मालनपुर भी भिंड का अभिन्न हिस्सा है, लेकिन मालनपुर में स्कूल खोलने पर इसका फायदा जिले को नहीं मिल पाएगा. मालनपुर में स्कूल खुलने पर फायदा ग्वालियर और मुरैना जिले के लोगों को मिलेगा. आज भिंड जिले का नाम पिछड़े जिलों में आता है. इसका कारण है कि यहां कभी विकास के लिए कोई कार्य हुए ही नहीं. यहां के विकास के लिए कोई भी योजना नहीं लाई गई. जिले में इंडस्ट्रियल एरिया मालनपुर बनाया गया था, लेकिन आज भी युवा बेरोजगार हैं. फैक्ट्रियों में काम करने वाले ज्यादातर लोग ग्वालियर, मुरैना और शिवपुरी जिले के हैं. देशभर में भी शायद ही कोई जानता होगा कि भिंड जिले में भी इंडस्ट्रियल एरिया है. यदि यह सैनिक स्कूल भिंड शहर या उसके आसपास खुलता है, तो इससे जिले के विकास में मदद मिलेगी.
सामाजिक संगठनों ने चेतावनी भी दी है कि जिस तरह चंबल एक्सप्रेस-वे के लिए उन्होंने आंदोलन किया था. ठीक उसी तरह अब वह सैनिक स्कूल के लिए खड़े हैं. आने वाले समय में चुनाव भी हैं, जो जनप्रतिनिधि इस आंदोलन में उनके साथ नहीं होगा, वह चुनाव में भी कोई उम्मीद न रखें. हर हाल में वह सैनिक स्कूल भिंड जिला मुख्यालय पर लाकर रहेंगे. अगर गांधीवादी तरीके से सुनवाई नहीं हुई, तो भगत सिंह बनने में भी उन्हें कोई गुरेज नहीं है. बता दें कि रविवार को सामाजिक संगठनों से जुड़े यह लोग सीएम शिवराज से ग्वालियर में मुलाकात कर अपनी बात रखेंगे.