भिंड। चंबल अंचल दुग्ध उत्पादों के मामले में मिलावट का गढ़ बन चुका है. खासकर भिंड में मिलावट माफिया दूध के नाम पर लोगों को जहर परोस रहे हैं. शनिवार देर शाम भिंड साइबर पुलिस ने एक ऐसी ही डेयरी पर तैयार हो रही भारी मात्रा में अमानक और मिलावटी दुग्ध सामग्री पर छापामार कार्रवाई की. जबकि बाद में सैम्पल की कार्रवाई करने पहुंची खाद्य सुरक्षा विभाग को टीम इस कार्रवाई पर लीपापोती करती नजर आयी. (adulterated milk in bhind)
सड़ा हुआ दूध और क्रीम बरामदः जिला मुख्यालय से करीब 7 किलोमीटर दूर ग्राम चंदुपुरा में साइबर सेल की टीम ने मुखबिर की सूचना पर गोपाल डेयरी पर छापा मारा. मौके पर साइबर और देहात पुलिस की टीम को भारी गंदगी के बीच तैयार की जा रही मिलावटी दुग्ध सामग्री मिली. टीम को 500 लीटर दूध, 400 किलो सड़ी हुई क्रीम जिसमें गंदगी और मक्खियां भी पड़ी थीं. करीब 25 किलो पनीर, एक क्विंटल मावा, 30 से 40 किलो घी, करीब 25 पैकेट स्किम्ड मिल्क पाउडर और नकली दूध तैयार करने के लिए पॉम ऑयल और डिटेरजेंट भी मौके पर मिला. (food department raid in bhind)
कार्रवाई से बचती नजर आया खाद्य विभागः साइबर सेल ने आगे की कार्रवाई के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम को सूचित किया, जिस पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी रेखा सोनी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंची. संदेहास्पद स्थिति बनाते हुए उन्होंने सिर्फ मौके से मावा के सैम्पल लिए. छापा की कार्रवाई पर बट्टा लगाते हुए वापस जाने लगी. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस तरह की स्थिति देख साइबर सेल प्रभारी शिव प्रताप सिंह ने पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर सतीश कुमार को मामले से अवगत कराया. इसके बाद उन्होंने मौके से दूध, पनीर, क्रीम और अन्य सामग्री की सैंपलिंग देर रात तक की.
कलेक्टर के निर्देशों को भी किया दरकिनारः भिंड कलेक्टर द्वारा खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम को मौके पर मिली सभी अमानक सामग्री को नष्ट करने के निदेश दिए थे, लेकिन कार्रवाई करने गयी खाद्य सुरक्षा अधिकारी रेखा सोनी ने किसी वजह से कलेक्टर के निर्देशों को दरकिनार करते हुए सिर्फ किसी तरह का तरल पदार्थ ही नष्ट कराया. यह देखने में महज पानी नजर आ रहा था. पूरी कार्रवाई के संबंध में जब उनसे जानकारी ली गयी, तो उन्होंने मौके से बरामद सामग्री में 57 किलो सामग्री नष्ट कराया जाना बताया. बाक़ी सामग्री का कोई जिक्र नहीं किया.
कार्रवाई में खाद्य सुरक्षा अधिकारी की लीपापोतीः लिखा-पढ़ी में भी फूड सेफ्टी टीम ने लीपा पोती की है. उन्होंने एक क्विंटल की जगह सिर्फ 36 किलो मावा दर्शाया है. वहीं 400 किलो क्रीम की जगह महज 160 किलो बतायी. स्किम्ड मिल्क पाउडर की संख्या भी 30 की जगह सिर्फ 12 पैकेट दर्शाए हैं. वहीं पनीर 25 किलो पाया गया था, जिसे 9 किलो बताते हुए नष्ट कराया जाना बताया. उसकी जब्ती नहीं दिखायी गयी. वही मौके पर तैयार किया जा रहा गंदगी भरा और अमानक घी का कार्रवाई में कहीं नामोंनिशान नहीं है. सवाल पूछने पर भी अधिकारी रेखा सोनी ने किसी तरह के केमिकल न मिलने की बात कही, जबकि मौके पर कपड़े धोने का डिटेरजेंट भी मिला था.
अधिकारियों से सांठगांठ, कार्रवाई दिखावटी! : मिलावटी सामग्री के अलावा डेयरी संचालक गोपाल शर्मा द्वारा मौके पर लाइसेन्स भी उपलब्ध नहीं कराया जा सका. हालांकि सूत्रों ने यह भी बताया कि कार्रवाई करने साथ नहीं आयी. अन्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी रीना बंसल और डेयरी संचालक के बीच लाइसेंस के संबंध में फोन पर बातचीत हुई. आरोपी गोपाल शर्मा ने अपने फोन से रीना बंसल की बात मौके पर मौजूद उनकी सहयोगी साथी रेखा सोनी से कराने का प्रयास किया. बाद में उन्होंने अपने मोबाइल से रीना बंसल से बात की, जिसके बाद पूरी कार्रवाई महज दिखावटी नजर आयी.
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लगते रहे हैं मिलीभगत के आरोपः अब इस मामले में मिलावट के खेल में खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्रवाई पर सवालिया निशान और मिलीभगत के आरोप भी लग रहे हैं. इससे पूर्व भी इन अधिकारियों पर कई बार गम्भीर आरोप लगे हैं. बावजूद इसके आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. मिलावट माफिया लगातार लोगों के स्वास्थ्य और जान से खिलवाड़ कर रहे हैं.