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CCTNS RANKING: कोरोना में घटे अपराध, अव्वल आयी भिंड पुलिस

प्रदेशभर के जिलों को पछाड़ते हुए भिंड जिले की पुलिस ने (Crime and Criminal Tracking Network & Systems ) रैकिंग में पहली बार अव्वल दर्जा प्राप्त किया है. भिंड पुलिस ने अपनी छवि को सुधारा है.

SP Office Bhind
एसपी ऑफिस भिंड
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Published : May 5, 2021, 6:52 AM IST

भिंड। हमेशा अपराधों के लिए बदनाम भिंड आखिरकार बेहतर पुलिसिंग में प्रदेश अव्वल आया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश के CCTNS (crime and criminal tracking network and system) यानी अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम के रिपोर्ट कार्ड में पूरे प्रदेश के सभी जिलों को पीछे करते हुए भिंड पुलिस पहले पायदान पर आयी है. जिस भिंड में अपराध और अपराधियों पर लगाम नहीं थी, जिस जिले की पुलिस कभी केंद्र द्वारा बनाए गए CCTNS यानि अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग में निचले पायदान पर रहती थी. वही भिंड पुलिस पहली बार 51 जिलों को पीछे करते हुए प्रदेश में पहले नंबर पर आयी है. यह रैकिंग हासिल करने के लिए भिंड पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से लेकर आरोपी की गिरफ्तारी और 30 दिन के भीतर कोर्ट में पेश करने के काम में तेजी लायी है. जिसकी वजह से हाल ही जारी हुए रिपोर्ट कार्ड में भिंड टॉप पर है. जिसमें बताया गया है कि इस साल अब तक भिंड जिले में 729 FIR दर्ज की गयी थी. जिनमें से 713 केस डायरी बनकर तैयार हो चुकी हैं. इस रिपोर्ट कार्ड के विभिन्न रैंकिंग में जिले का टोटल अंक 91.12 है.

CCTNS RANKING
सीसीटीएसएन रैंकिंग
किन मापदंडों पर होती है रैंकिंग

किसी भी अपराध या शिकायत पर काम करने के लिए अब पुलिस विभाग कम्प्यूटरीकृत हो चुका है. हर राज्य की पुलिस के पास अपना स्वेटर बेस्ड यूजर इंटरफेस है. जिसमें FIR से लेकर सभी कार्रवाईयां ऑनलाइन माध्यम से दर्ज की जाती हैं. जिससे रिकॉर्ड भी अप-टू-डेट रहते हैं. CCTSN की रैंकिंग भी विभिन्न मापदंडों के आधार पर होती है. इसमें 16 प्रकार के मामलों में पुलिस की कार्रवाई का आधार देख जाता है. सबसे पहले किसी भी शिकायत पर FRV (first response vehicle) को 22 मिनट में शिकायतकर्ता या घटना स्थल तक पहुंचना होता है. इसके बाद सम्बंधित थाना पुलिस को मौके पर पहुंचने के लिए तकरीबन 20 से 30 मिनट में पहुंचना होता है. यदि अपराध या हादसा है और उसमें कोई घायल हुआ है तो पुलिस पार्टी के पहुंचने के अगले एक घंटे में MLC यानी मैडीकल चैकअप कराना अनिवार्य होता है. अगले मापदंड में यह भी देखा जाता है कि जवाब 30 दिन के भीतर पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय के सामने पेश करे. क्योंकि आगे की प्रक्रिया न्यायालयीन है.

ये क्या हो रहा है! अंतिम संस्कार का सामान बेच रहे नगर निगम कर्मचारी

रैंकिंग सुधरने की एक बड़ी वजह यह भी

सीसीटीएसएन में दर्ज मामलों में और पुलिस कार्रवाई का पूरा लेखा-जोखा देखा जाता है. लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि इस बार भिंड जिले की रैंकिंग सुधारने में कोरोना महामारी का भी महत्वपूर्ण योगदान है क्योंकि भिंड जिले के 27 थानों में पिछले कई दिनों सेदिन भर में सात इस प्रकरण अभी दर्ज नहीं हो पा रहे हैं और यह संख्या पूरे ज़िले में मिलाकर है क्योंकि कोरोना कर्फ्यू के दौरान है. पुलिस के पास से चोरी हत्या जैसे संगीन अपराधों की घटनाएं इक्का दुक्का ही आयी है. पुलिस द्वारा दर्ज किए जा रहे ज़्यादातर के इन दिनों कोविड कर्फ्यू के उल्लंघन को लेकर हैं. ऐसे में कहीं न कहीं अपराध में कमी आयी है और पुलिस को उन पर कार्रवाई करने के लिए पर्याप्त समय मिल पा रहा है. हालांकि सड़क हादसों में अब पुलिस का रिस्पॉन्स अब भी कम है. यहां कई बार देखा गया है कि सूचना के बाद भी FRV समय पर नहीं पहुंच पाती है.

मोटे तौर पर इस योजना के उद्देश्य

पुलिस की कार्यप्रणाली को नागरिक हितैषी बनाना और थानों की कार्यप्रणाली को स्वचालित कर उसे अधिक पारदर्शी बनाना.

आई.सी.टी. के प्रभावी प्रयोग से नागरिक-केन्द्रित सेवाओं के वितरण को बेहतर बनाना.

पुलिस के जांच अधिकारियों, अपराध की जांच और अपराधियों की खोजबीन सुगम बनाने के लिए उपकरण, प्रौधोगिकी एवं सुचना मुहैया कराना.

नियम एवं कानून, यातायात प्रबंधन जैसे दूसरे विभिन्न क्षेत्रों में पुलिस की कार्यप्रणालियों को उत्कृष्ट बनाना.

पुलिस थानों, जिलों, राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यालयों तथा अन्य पुलिस अभिकरणों के मध्य में पारस्परिक व्यवहार तथा सूचना के आदान-प्रदान को सुगम बनाना.

वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को पुलिस बल के उत्कृष्ठ प्रबंधन में सहयोग करना.

मुकदमों की प्रगति, न्यायालयों में विचारराधीन मुकदमें पर नजर रखना.

मैनुअल और अनावश्यक अभिलेखों के रख-रखाव को कम करना.

आम नागरिकों को फायदे

पुलिस से सेवाओं का उपयोग करने के लिए विविध माध्यम.

याचिकाओं को पंजीकृत करने का सरलीकृत प्रक्रिया.

प्रमाणपत्रों, सप्यापनों तथा मंजूरी जैसी आम सेवाओं की पहुंच का सरलीकृत प्रक्रिया.

सुनवाई के दौरान केस की ट्रैकिंग के अचूक तरीके तथा सरलीकृत प्रक्रिया.

लावारिस/ जब्त गाड़ियों तथा परिसंपतियों का अचूक तरीके से पहुंच तथा सरलीकृत प्रक्रिया.

शिकायतों के पंजीयन के माध्यम तथा सरलीकृत प्रक्रिया.

पीड़ितों तथा गवाहों के संबंध में उन्नत प्रबंधन.

आपात स्थिति में सहायता के लिए पुलिस द्वारा त्वरित एवं निश्चित जवाबदेही.

भिंड। हमेशा अपराधों के लिए बदनाम भिंड आखिरकार बेहतर पुलिसिंग में प्रदेश अव्वल आया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश के CCTNS (crime and criminal tracking network and system) यानी अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम के रिपोर्ट कार्ड में पूरे प्रदेश के सभी जिलों को पीछे करते हुए भिंड पुलिस पहले पायदान पर आयी है. जिस भिंड में अपराध और अपराधियों पर लगाम नहीं थी, जिस जिले की पुलिस कभी केंद्र द्वारा बनाए गए CCTNS यानि अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग में निचले पायदान पर रहती थी. वही भिंड पुलिस पहली बार 51 जिलों को पीछे करते हुए प्रदेश में पहले नंबर पर आयी है. यह रैकिंग हासिल करने के लिए भिंड पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से लेकर आरोपी की गिरफ्तारी और 30 दिन के भीतर कोर्ट में पेश करने के काम में तेजी लायी है. जिसकी वजह से हाल ही जारी हुए रिपोर्ट कार्ड में भिंड टॉप पर है. जिसमें बताया गया है कि इस साल अब तक भिंड जिले में 729 FIR दर्ज की गयी थी. जिनमें से 713 केस डायरी बनकर तैयार हो चुकी हैं. इस रिपोर्ट कार्ड के विभिन्न रैंकिंग में जिले का टोटल अंक 91.12 है.

CCTNS RANKING
सीसीटीएसएन रैंकिंग
किन मापदंडों पर होती है रैंकिंग

किसी भी अपराध या शिकायत पर काम करने के लिए अब पुलिस विभाग कम्प्यूटरीकृत हो चुका है. हर राज्य की पुलिस के पास अपना स्वेटर बेस्ड यूजर इंटरफेस है. जिसमें FIR से लेकर सभी कार्रवाईयां ऑनलाइन माध्यम से दर्ज की जाती हैं. जिससे रिकॉर्ड भी अप-टू-डेट रहते हैं. CCTSN की रैंकिंग भी विभिन्न मापदंडों के आधार पर होती है. इसमें 16 प्रकार के मामलों में पुलिस की कार्रवाई का आधार देख जाता है. सबसे पहले किसी भी शिकायत पर FRV (first response vehicle) को 22 मिनट में शिकायतकर्ता या घटना स्थल तक पहुंचना होता है. इसके बाद सम्बंधित थाना पुलिस को मौके पर पहुंचने के लिए तकरीबन 20 से 30 मिनट में पहुंचना होता है. यदि अपराध या हादसा है और उसमें कोई घायल हुआ है तो पुलिस पार्टी के पहुंचने के अगले एक घंटे में MLC यानी मैडीकल चैकअप कराना अनिवार्य होता है. अगले मापदंड में यह भी देखा जाता है कि जवाब 30 दिन के भीतर पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय के सामने पेश करे. क्योंकि आगे की प्रक्रिया न्यायालयीन है.

ये क्या हो रहा है! अंतिम संस्कार का सामान बेच रहे नगर निगम कर्मचारी

रैंकिंग सुधरने की एक बड़ी वजह यह भी

सीसीटीएसएन में दर्ज मामलों में और पुलिस कार्रवाई का पूरा लेखा-जोखा देखा जाता है. लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि इस बार भिंड जिले की रैंकिंग सुधारने में कोरोना महामारी का भी महत्वपूर्ण योगदान है क्योंकि भिंड जिले के 27 थानों में पिछले कई दिनों सेदिन भर में सात इस प्रकरण अभी दर्ज नहीं हो पा रहे हैं और यह संख्या पूरे ज़िले में मिलाकर है क्योंकि कोरोना कर्फ्यू के दौरान है. पुलिस के पास से चोरी हत्या जैसे संगीन अपराधों की घटनाएं इक्का दुक्का ही आयी है. पुलिस द्वारा दर्ज किए जा रहे ज़्यादातर के इन दिनों कोविड कर्फ्यू के उल्लंघन को लेकर हैं. ऐसे में कहीं न कहीं अपराध में कमी आयी है और पुलिस को उन पर कार्रवाई करने के लिए पर्याप्त समय मिल पा रहा है. हालांकि सड़क हादसों में अब पुलिस का रिस्पॉन्स अब भी कम है. यहां कई बार देखा गया है कि सूचना के बाद भी FRV समय पर नहीं पहुंच पाती है.

मोटे तौर पर इस योजना के उद्देश्य

पुलिस की कार्यप्रणाली को नागरिक हितैषी बनाना और थानों की कार्यप्रणाली को स्वचालित कर उसे अधिक पारदर्शी बनाना.

आई.सी.टी. के प्रभावी प्रयोग से नागरिक-केन्द्रित सेवाओं के वितरण को बेहतर बनाना.

पुलिस के जांच अधिकारियों, अपराध की जांच और अपराधियों की खोजबीन सुगम बनाने के लिए उपकरण, प्रौधोगिकी एवं सुचना मुहैया कराना.

नियम एवं कानून, यातायात प्रबंधन जैसे दूसरे विभिन्न क्षेत्रों में पुलिस की कार्यप्रणालियों को उत्कृष्ट बनाना.

पुलिस थानों, जिलों, राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यालयों तथा अन्य पुलिस अभिकरणों के मध्य में पारस्परिक व्यवहार तथा सूचना के आदान-प्रदान को सुगम बनाना.

वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को पुलिस बल के उत्कृष्ठ प्रबंधन में सहयोग करना.

मुकदमों की प्रगति, न्यायालयों में विचारराधीन मुकदमें पर नजर रखना.

मैनुअल और अनावश्यक अभिलेखों के रख-रखाव को कम करना.

आम नागरिकों को फायदे

पुलिस से सेवाओं का उपयोग करने के लिए विविध माध्यम.

याचिकाओं को पंजीकृत करने का सरलीकृत प्रक्रिया.

प्रमाणपत्रों, सप्यापनों तथा मंजूरी जैसी आम सेवाओं की पहुंच का सरलीकृत प्रक्रिया.

सुनवाई के दौरान केस की ट्रैकिंग के अचूक तरीके तथा सरलीकृत प्रक्रिया.

लावारिस/ जब्त गाड़ियों तथा परिसंपतियों का अचूक तरीके से पहुंच तथा सरलीकृत प्रक्रिया.

शिकायतों के पंजीयन के माध्यम तथा सरलीकृत प्रक्रिया.

पीड़ितों तथा गवाहों के संबंध में उन्नत प्रबंधन.

आपात स्थिति में सहायता के लिए पुलिस द्वारा त्वरित एवं निश्चित जवाबदेही.

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