भिंड। जहरीली शराब से 4 मौत के बाद इंदुर्खी गांव राजनीति का अखाड़ा बनता जा रहा है. कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में सीएम शिवराज ने भिंड एसपी पर नाराजगी जाहिर की है. कांग्रेस भी मुख्यमंत्री को अवैध शराब मिलने पर संबंधित एसपी को दोषी मानते हुए उन पर कार्रवाई करने के निर्देश की याद दिला रही है. कांग्रेस की मांग है कि एसपी की भूमिका संदिग्ध है, इसलिए निष्पक्ष जांच की जरूरत है. ऐसी स्थिति दोबारा न बने, इसलिए मामले की CID या सीबीआई जांच होनी चाहिए.
Ground Report: जहरीली शराब पीने से 4 की मौत, 6 की आंखों की गई रोशनी, 1000 पौवा पुलिस की पहुंच से दूर
जहरीली शराब से मौत पर सीएम का आदेश बेकार
भूता कोठी पर जिला कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ. अनिल भारद्वाज ने कहा कि इंदुर्खी गांव में जहरीली शराब पीने से 4 लोगों की जान चली गई. एसपी बिना सबूत के ही दो-दो थाना प्रभारियों को निलंबित कर दिए, कुछ पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच भी किया गया है, ऐसा करके वह अपना दोष छिपाने का प्रयास कर रहे हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को अपना आदेश याद करना चाहिए. उन्होंने कहा था कि अगर किसी क्षेत्र में अवैध शराब से एक भी मौत का मामला सामने आता है तो इसका दोषी वहां के SP को ही माना जाएगा. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सीएम इस मामले में SP पर कार्रवाई करेंगे या उनके आदेश भी हवा हवाई हैं.
सीमा विवाद के बाद भी निलंबन का क्या है आधार?
अनिल ने कहा कि शहर कोतवाली के प्रभारी राजकुमार शर्मा को निलबिंत किया गया, जबकि स्वतंत्र नगर इलाके में पकड़ी गई शराब फैक्ट्री को लेकर सीमा विवाद चल रहा है. अब तक कार्रवाई स्थल को लेकर पुलिस यह स्पष्ट नहीं कर सकी है कि वह क्षेत्र देहात थाने के अंतर्गत आता है या शहर कोतवाली क्षेत्र में. फिर किस आधार पर दोषी मानते हुए सिर्फ कोतवाली प्रभारी को निलंबित किया गया. यदि सीमा स्पष्ट नहीं है तो शहर और देहात दोनों कोतवाली पर कार्रवाई होनी चाहिए थी. सीमा को लेकर थानों से पुलिस अधीक्षक कार्यालय तक कोई नक्शा तक उपलब्ध नहीं है. राजस्व अधिकारी से सीमा निर्धारित कराएं, उसके बाद कार्रवाई करें.
रौन थाना प्रभारी को कांग्रेस की 'क्लीनचिट'
रौन थाना प्रभारी को क्लीन चिट देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि रौन क्षेत्र में न तो शराब बनी थी और न ही बिकी. रौन थाना प्रभारी को निलंबित करने के पीछे क्या कारण थे. ग्रामीणों का कहना था कि शराब का निर्माण स्वतंत्र नगर में हुआ था और वहीं शराब के कुछ क्वाटर गांव में पहुचे थे, जिन्हें पीकर लोगों की जान गई. पुलिस बुधवार को इंदुर्खी गांव में 10 पेटी अवैध शराब पकड़ी थी. इस कार्रवाई को कांग्रेस ने फर्जी बताया है. अनिल भारद्वाज ने कहा कि सूत्रों से ये पता चला है कि पहले उन निर्दोष लोगों के घर पुलिस ने शराब रखवाई, फिर छापेमारी की और निर्दोषों को गिरफ्तार कर वाहवाही लूटने का प्रयास की.
शराब माफियाओं को मिल रहा सरकारी संरक्षण
अनिल भारद्वाज ने मंत्री ओपीएस भदौरिया पर भी निशाना साधते हुए कहा कि बीते महीनों में 3 बार पुलिस राज्य मंत्री और मेहगांव विधायक ओपीएस भदौरिया के गृह गांव अकलौनी में अवैध शराब बनाने वाली फैक्ट्रियां पकड़ी है, जहां से भारी मात्रा में शराब बनाने वाला केमिकल ओपी, पैकिंग मटेरियल और अवैध शराब पकड़ी है, फिर भी वहां अवैध शराब निर्माण पर रोक नहीं लगाई जा सकी है. क्या मंत्री का शराब माफिया को संरक्षण मिल रहा है.
मृतकों के परिवारों को मुआवजा दे सरकार
कांग्रेस ने इंदुर्खी गांव में जहरीली शराब पीने से असमय काल के गाल में समाए मृतकों के परिवारों को मुआवजे के तौर पर सरकार से 5-5 लाख रुपए की सहायता राशि दिए जाने की मांग की है और मामले की निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई (Congress demands CBI inquiry) या सीआईडी को सौंपने की मांग की है.