भिंड। प्रदेश में एक महीने से आशा, ऊषा और सहयोगिनी कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर आंदोलन पर हैं. उनके इस आंदोलन को अब कांग्रेस का भी साथ मिल गया है. रविवार को महिला कांग्रेस की प्रदेश महासचिव कल्पना मिश्रा भिंड पहुंची और आंदोलन में शामिल हुईं. उनका कहना है कि आशा कार्यकर्ताओं की मांग वाजिब हैं, आंदोलन को खत्म करने के लिए सरकार को सभी मांगे स्वीकार कर लेनी चाहिए.
आंदोलन को राजनीतिक रूप देने की कोशिश
आशा, ऊषा और सहयोगिनी कार्यकर्ताओं के धरने को राजनीतिक रूप देने की कोशिश की जा रही है. रविवार को कांग्रेस की प्रदेश महासचिव कल्पना मिश्रा आंदोलन में शामिल हुईं. इस दौरान उन्होंने कहा कि, आशा कार्यकर्ताओं ने पूरे कोरोना काल में गांव-गांव घूमकर काम किया है. अब इनके हक की बारी है, तो सरकार कोई सुनवाई नहीं कर रही, जिससे बीजेपी की सीरत उजागर होती है.
जिला कांग्रेस ने कमलनाथ को भेजा प्रस्ताव
आशा, ऊषा कार्यकर्ताओं के समर्थन में कांग्रेस भी उतर गई. एक प्रस्ताव भी भिंड जिला कांग्रेस कमेटी ने प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को भेजा है. जिसमें उन्होंने पीसीसी चीफ कमलनाथ से सरकार से मांग पूरी कराने की अपील भी की है.
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एक महीने से धरना जारी
पिछले एक महीने से प्रदेश की 75 हजार से ज्यादा आशा, ऊषा और सहयोगिनी कार्यकर्ता धरना दे रही हैं. 6 सूत्रीय मांगों को लेकर भिंड में करीब 1500 कार्यकर्ता एक जून से प्रदर्शन कर रही हैं. इस दौरान उन्होंने कई बार प्रशासन को ज्ञापन सौंपा, मंत्री अरविंद भदोरिया के काफिला को तक रोक लिया, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं. अभी तक कार्यकर्ताओं की मांग पर कोई फैसला नहीं लिया गया है.