भिंड।एक ओर जहां प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों की देखते हुए कई जिलों और महानगरों में शादी समारोह के आयोजनों पर पाबंदी लगा दी गई है. वहीं भिंड जिले में अब शादी समारोह आयोजित करने के लिए किसी अनुमति की जरुरत नहीं होगी. शादी का कार्ड ही अनुमति पत्र माना जाएगा. हालांकि अब भी पहले की तरह कोरोना गाइडलाइन का पालन करना होगी.
शादी के लिए अब अलग से अनुमति की नहीं जरुरत
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए हाल ही भिंड जिले में धारा 144 लागू की गई थी . जिसमें कई अहम पाबंदियों के साथ ही शादी समारोह के लिए भी पूर्व अनुमति लिए जाने के निर्देश थे .जिसके बाद से लगातार आयोजकों की भीड़ कलेक्ट्रेट स्थिति एसडीएम कार्यालय में जुट रही थी. अनुमति ना मिलने पर लोग शादियां भी बिना पर्मिशन कर रहे थे इस तरह यह व्यवस्था धीरे धीरे परेशानी का सबब बनती जा रही थी. भिंड कलेक्टर ने क्राइसिस मेनेजमेंट की बैठक के दौरान अनुमति के लिए शादी का कार्ड दिखाने की बात कही.
कोरोना नियमों का करना होगा पालन
शादी के लिए भले ही अब अनुमति की जरुरत नहीं पड़ेगी .शादी आयोजकों को इस बात का पूरा खयाल रखना होगा. धारा 144 में लगाए गए प्रतिबंध और कोरोना गाइडलाइन का पालन अब भी जरुरी होगा. लोगों को शादी समारोह के लिए गार्डन में सिर्फ़ 100 लोगों के शामिल होने की अनुमति रहेगी. घर से होने वाली शादी में सिर्फ 50 लोग ही शामिल हो सकेंगे. सभी को मास्क लगाना अनिवार्य होगा. नियमों का उल्लंघन होने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
मंत्री ने दिए कोरोना गाइडलाइन पालन करने के निर्देश
आपदा प्रबंधन के समूह की वर्चूअल बैठक में मंत्री अरविंद भदौरिया भी शामिल हुए. जिन्होंने भिंड कलेक्टर को निर्देश देते हुए सख्ती से कोरोना कर्फ्यू का पालन कराने के निर्देश दिए. मंत्री भदौरिया ने कलेक्टर को निर्देशित किया है शादियों में होने वाली भीड़ पर रोक लगाए. मंत्री भदौरिया ने स्वास्थ्य विभाग को भी निर्देशित करते हुए कहा है कि जो भी लोग जांच कराने आते हैं उन्हें जांच के बाद आइसोलेट किया जाए. जिससे कि वे बाहर घूम कर और लोगों को संक्रमित न कर सकें. अगर उनकी रिपोर्ट निगेटिव आती है तो उन्हें जाने दिया जाए .
राशन के लिए हितग्राही का अंगूठा जरुरी नहीं
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए जिसमें पात्र हितग्राहियों को एक साथ 3 महीने का राशन देने की बात कही गई है. बैठक में हितग्राहियों की भी समस्याओं पर भी चर्चा की गयी.
प्रचार प्रसार और जागरूकता पर फोकस
सहकारिता मंत्री ने बैठक के दौरान यह भी निर्देश दिए के लगातार लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जाए जिसमें स्लोगन जीवन है तो दुनिया है.