भिंड। अब तक आपने एटीएम बदलकर या एटीएम मशीन के जरिए ठगी के मामले सुने होंगे. लेकिन, भिंड में एक या दो नहीं बल्कि अलग अलग बैंक के 15 एटीएम मशीनों से करोड़ों का पैसा गबन होने का खुलासा हुआ है. जिले में एटीएम मशीनों में पैसा लोड करने वाली CMS इंफ़ो सिस्टम लिमिटेड कम्पनी के दो कर्मचारियों ने मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया. इसका खुलासा एटीएम ऑडिट के जरिए हुआ. खुलासा होने के बाद कम्पनी के 2 कर्मचारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया है. (Bhind ATM scam exposed)
मशीन में कम लोड किया कैश: इस घोटाले को बड़ी ही चालाकी के साथ अंजाम दिया गया. दरअसल सीएमएस इंफ़ो लिमिटेड कम्पनी भिंड जिले में एसबीआई, पीएनबी, ऐक्सिस बैंक और ICICI बैंकों के ATM मशीनों में पैसा भरने का काम करती है. भिंड के रूट नम्बर एक पर इन बैंक के 18 एटीएम बूथ हैं. इनके पैसा डालने की ज़िम्मेदारी कम्पनी के कस्टोडियन आशीष जादौन और सतेंद्र चौहान समेत 3 कर्मचारियों को सौंपी गयी थी. ये कर्मचारी यह बात जान चुके थे कि, मशीन में रखे गए कैश की काउंटिंग खुद से नहीं कर सकती. कर्मचारी द्वारा ही मैन्यूअल एंट्री फीड की जाती है. ऐसे में कस्टोडियन सतेंद्र और आशीष दोनों ने इस बात का फायदा उठाते हुए एटीएम मशीनों में मेनुअल दर्ज किए जाने के बाद भी कम पैसा लोड किया. आरोपियों ने दो माह में 1 करोड़ 22 लाख रुपय का गबन कर दिया.
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स्वीकार किया घोटाला: ऑडिट के दौरान 15 एटीएम में कम मिला पैसा: कम्पनी की पॉलिसी के अनुसार 24-28 जनवरी के बीच ऑडिट कराया गया तो 18 में से 15 मशीनों में पैसे कम मिले. पूछताछ करने पर आशीष और सतेंद्र ने घोटाला करना स्वीकार किया. कम्पनी ने जब दोनो को जेल कराने की धमकी दी तो गबन किए गए रुपये की रिकवरी के लिए दोनों आरोपियों ने समय मांगा. फरवरी अंत तक दोनों ने 10 लाख रुपये लौटा भी दिए. इसके बाद दोनों आरोपियों ने पैसा वापस नहीं किए जाने पर कम्पनी ने मामले की शिकायत पुलिस के पास कर दी.
आधी रात आरोपी गिरफ्तार: शिकायत दर्ज होने के बाद भिंड एसपी के निर्देश पर सतेंद्र की गिरफ्तारी की गई. इससे आशीष के बारे में पता चला कि, वह वीरेंद्र नगर में रहता है. आरोपी आशीष जादौन की गिरफ्तारी के लिए पुलिस गुरुवार देर रात वीरेंद्र नगर पहुंची. यहां बताए गए इलाके में साइबर टीम की मदद से आरोपी आशीष के मोबाइल की लोकेशन के आधार पर हिरासत में लिया गया. स्थानीय लोगों के मुताबिक 50 से ज्यादा पुलिसकर्मी आरोपी को गिरफ्तार करने रात में पहुंचे थे.
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एसपी ने की मामले की पुष्टि: भिंड पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र सिंह चौहान के मुताबिक, उन्हें जनवरी में सूचित किया गया था. लेकिन बाद में दोनों पार्टियों के बीच कुछ बात हुई तो इस पर एफआईआर नहीं दर्ज कराई गई थी. हाल ही में मामले की शिकायत प्राप्त होने के बाद एफआईआर कराई गई. जिसके बाद पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया. पूछताछ की जा रही है. आरोपियों ने अब तक चुराए गए करोड़ों से ज्यादा राशि नहीं लौटाई है. इस पैसे का उन्होंने क्या किया इस बात की जानकारी जुटाई जा रही है.