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टेरर फंडिंग मामले में कमलनाथ सरकार लेने जा रही ये एक्शन

सीएम कमलनाथ ने निर्देश दिए हैं कि सतना टेरर फंडिंग मामले की गंभीरता से जांच की जाए, टेरर फंडिंग और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाए.

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Published : Aug 24, 2019, 3:16 AM IST

सीएम कमलनाथ (फाइल )

भोपाल। सतना में टेरर फंडिंग में लिप्त 5 लोगों की गिरफ्तारी के मामले को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गंभीरता से लिया है. सीएम ने निर्देश दिए हैं कि इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जाए, टेरर फंडिंग और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाए, चाहे वह किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ा हो.


गौरतलब है कि 8 फरवरी 2017 को आतंकी गतिविधियों से जुड़े एक मामले का खुलासा हुआ था, इस मामले में जो आरोपी पकड़े गए थे, वह बजरंग दल से जुड़े हुए थे. लेकिन बाद में ये आरोपी बाहर भी आ गए और फिर से इन्हीं गतिविधियों में लिप्त हो गए. कमलनाथ की सख्ती के बाद लग रहा है कि इस मामले में कोई बड़े खुलासे की उम्मीद है.

टेरर फंडिंग मामले में दिखी सीएम कमलनाथ की गंभीरता


सीएम ने साफ निर्देश दिए हैं कि मामले की गंभीरता से जांच की जाए और पूरे रैकेट का पर्दाफाश किया जाए. इस तरह की गतिविधि से जुड़े हुए किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाए. उन्होंने कहा है कि प्रदेश की धरती पर टेरर फंडिंग व पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी का कृत्य बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, इस कांड से जुड़े किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह किसी राजनीतिक दल से जुड़ा हो या कितना भी बड़ा शख्स हो.


मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस बात को गंभीरता से लिया है आखिर क्या कारण रहे कि जब 8 फरवरी 2017 को पहली बार इस मामले का खुलासा हुआ और पकड़े गए लोगों पर तुरंत कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं की गई और कैसे वे वापस आकर देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने लगे, सीएम ने इसकी भी जांच करने की बात कही है. सीएम कमलनाथ का कहना है प्रदेश की धरती पर देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त लोगों को सरकार बख्शेगी नहीं.

भोपाल। सतना में टेरर फंडिंग में लिप्त 5 लोगों की गिरफ्तारी के मामले को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गंभीरता से लिया है. सीएम ने निर्देश दिए हैं कि इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जाए, टेरर फंडिंग और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाए, चाहे वह किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ा हो.


गौरतलब है कि 8 फरवरी 2017 को आतंकी गतिविधियों से जुड़े एक मामले का खुलासा हुआ था, इस मामले में जो आरोपी पकड़े गए थे, वह बजरंग दल से जुड़े हुए थे. लेकिन बाद में ये आरोपी बाहर भी आ गए और फिर से इन्हीं गतिविधियों में लिप्त हो गए. कमलनाथ की सख्ती के बाद लग रहा है कि इस मामले में कोई बड़े खुलासे की उम्मीद है.

टेरर फंडिंग मामले में दिखी सीएम कमलनाथ की गंभीरता


सीएम ने साफ निर्देश दिए हैं कि मामले की गंभीरता से जांच की जाए और पूरे रैकेट का पर्दाफाश किया जाए. इस तरह की गतिविधि से जुड़े हुए किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाए. उन्होंने कहा है कि प्रदेश की धरती पर टेरर फंडिंग व पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी का कृत्य बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, इस कांड से जुड़े किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह किसी राजनीतिक दल से जुड़ा हो या कितना भी बड़ा शख्स हो.


मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस बात को गंभीरता से लिया है आखिर क्या कारण रहे कि जब 8 फरवरी 2017 को पहली बार इस मामले का खुलासा हुआ और पकड़े गए लोगों पर तुरंत कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं की गई और कैसे वे वापस आकर देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने लगे, सीएम ने इसकी भी जांच करने की बात कही है. सीएम कमलनाथ का कहना है प्रदेश की धरती पर देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त लोगों को सरकार बख्शेगी नहीं.

Intro:भोपाल। सतना में टेरर फंडिंग में पकड़े गए 5 लोगों के मामले को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने निर्देश दिए हैं कि इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जाए और टेरर फंडिंग और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाए, चाहे वह किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ा हो। दरअसल 8 फरवरी 2017 को यह खुलासा सामने आया था और इसमें जो आरोपी पकड़े गए थे, वह बजरंग दल से जुड़े हुए थे। लेकिन बाद में यह आरोपी बाहर भी आ गए और फिर से इन्हीं गतिविधियों में लिप्त हो गए। कमलनाथ की सख्ती के बाद लग रहा है कि इस मामले में कोई बड़े खुलासे की उम्मीद है।


Body:सतना टेरर फंडिंग मामले में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गंभीरता दिखाई है। मुख्यमंत्री की गंभीरता से लग रहा है कि इस मामले में आगे बड़े खुलासे होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने साफ निर्देश दिए हैं कि मामले की गंभीरता से जांच की जाए और पूरे रैकेट का पर्दाफाश किया जाए। इस तरह की गतिविधि से जुड़े हुए किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाए। उन्होंने कहा है कि प्रदेश की धरती पर टेरर फंडिंग व पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी का कृत्य बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस कांड से जुड़े किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा,चाहे वह किसी राजनीतिक दल से जुड़ा हो या कितना भी बड़ा शख्स हो।


Conclusion:मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस बात को गंभीरता से लिया है कि क्या कारण रहे कि जब 8 फरवरी 2017 को पहली बार इस मामले का खुलासा हुआ था और कुछ लोग इस कांड में पकड़े गए थे। तो उन पर उस समय कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं की गई। कैसे वह वापस आकर देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने लगे, इसकी भी जांच हो। इसमें किसी भी लापरवाही सामने आए तो उस पर कार्यवाही की जाए। मध्यप्रदेश की धरती पर देश विरोधी गतिविधियां बर्दाश्त नहीं की जाएगी।ऐसे तत्वों को सरकार बख्शेगी नहीं,ऐसे लोगों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी।
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