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भिंड: रिश्वत मांगने वाले लिपिक को 3 साल की जेल, 10 हजार का जुर्माना भी लगाया - Court First Additional Sessions Judge

कोर्ट ने एक लिपिक को 3 साल की सजा और 10000 रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है. लिपिक ने काम करने के एवज में फरियादी से 12000 की रिश्वत की मांगी थी.

Clerk accused of seeking bribe imprisoned for 3 years
रिश्वत मांगने के आरोपी लिपिक को 3 साल की जेल
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Published : Jan 16, 2021, 2:21 AM IST

भिंड। कहते हैं कोर्ट में कई बार इंसाफ की लड़ाई लड़ने में सालों बीत जाते हैं, लेकिन आखिरकार जीत सच्चाई की होती है. ठीक उसी तरह गलत काम करने वालों को भी सजा हर हाल में मिलती है. यह दोनों ही कहावतें भिंड जिले में सच साबित हुई है, क्योंकि यहां 7 साल बाद एक रिश्वतखोर कर्मचारी को न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार बाजोलिया ने 3 साल की सजा और 10000 रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है.

लिपिक ने मांगी थी 12 हजार की रिश्वत

एडीपीओ इंद्रेश कुमार प्रधान द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक मामला 7 साल पुराना है, जहां मालनपुर क्षेत्र के ग्राम सिंधवारी के रहने वाले बृजेंद्र सिंह के पिता शिव सिंह धाकड़ सीआरपीएफ में कार्यरत थे. शासन के नियमानुसार उन्हें शासकीय जमीन मिलने की पात्रता थी जिसके लिए बृजेंद्र के पिता शिव सिंह ने अपने कमांडेंट के माध्यम से तत्कालीन भिंड कलेक्टर को दस्तावेज भिजवाए थे जिन्हें तहसील गोहद में भिजवाया गया जब आवेदक जमीन से संबंधित कार्य के लिए गोहद तहसील में पदस्थ लिपिक हर विलास हिंडोलिया से मिला तो लिपिक द्वारा काम करने के एवज में 12000 की रिश्वत की मांग की गई.

रिश्वत देने की जगह की लोकायुक्त में शिकायत

रिश्वत देने की जगह शिव सिंह ने घूसखोर लिपिक को सबक सिखाने और उसकी शिकायत करने का फैसला लिया और शिव सिंह के बेटे बृजेंद्र ने विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त संगठन इकाई ग्वालियर में 26 मार्च 2013 को लिखित शिकायत कर दी.

लोकायुक्त ने दर्ज किया था रिश्वत की मांग का केस

फरियादी द्वारा रिश्वत का लेनदेन पूरा नहीं किया गया था. ऐसे में रिश्वत की मांग के आधार पर पूरी जांच करने के बाद आरोपी लिपिक हरविलास हिंडोलिया के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत माननीय विशेष न्यायालय के समक्ष अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया.

कोर्ट ने माना दोषी, घोसखोर लिपिक को 3 साल के लिए भेज जेल

केस में लंबे समय तक सभी पक्षों पर प्रस्तुत किए गए सभी मौके दस्तावेज और वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर आरोपी हिंडोलिया पर लगे आरोपों में न्यायलय ने सीडीपीओ अमोल सिंह तोमर के तर्क से सहमत होते हुए आरोपी को दोषी करार करते हुए और धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत शुक्रवार को न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश जिला भिंड जितेंद्र कुमार बाजोलिया ने घूसखोर लिपिक हर विलास हिंडोलिया पर 10000 का जुर्माना लगाते हुए 3 साल सश्रम कारावास की सजा मुकर्रर कर दी है.

भिंड। कहते हैं कोर्ट में कई बार इंसाफ की लड़ाई लड़ने में सालों बीत जाते हैं, लेकिन आखिरकार जीत सच्चाई की होती है. ठीक उसी तरह गलत काम करने वालों को भी सजा हर हाल में मिलती है. यह दोनों ही कहावतें भिंड जिले में सच साबित हुई है, क्योंकि यहां 7 साल बाद एक रिश्वतखोर कर्मचारी को न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार बाजोलिया ने 3 साल की सजा और 10000 रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है.

लिपिक ने मांगी थी 12 हजार की रिश्वत

एडीपीओ इंद्रेश कुमार प्रधान द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक मामला 7 साल पुराना है, जहां मालनपुर क्षेत्र के ग्राम सिंधवारी के रहने वाले बृजेंद्र सिंह के पिता शिव सिंह धाकड़ सीआरपीएफ में कार्यरत थे. शासन के नियमानुसार उन्हें शासकीय जमीन मिलने की पात्रता थी जिसके लिए बृजेंद्र के पिता शिव सिंह ने अपने कमांडेंट के माध्यम से तत्कालीन भिंड कलेक्टर को दस्तावेज भिजवाए थे जिन्हें तहसील गोहद में भिजवाया गया जब आवेदक जमीन से संबंधित कार्य के लिए गोहद तहसील में पदस्थ लिपिक हर विलास हिंडोलिया से मिला तो लिपिक द्वारा काम करने के एवज में 12000 की रिश्वत की मांग की गई.

रिश्वत देने की जगह की लोकायुक्त में शिकायत

रिश्वत देने की जगह शिव सिंह ने घूसखोर लिपिक को सबक सिखाने और उसकी शिकायत करने का फैसला लिया और शिव सिंह के बेटे बृजेंद्र ने विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त संगठन इकाई ग्वालियर में 26 मार्च 2013 को लिखित शिकायत कर दी.

लोकायुक्त ने दर्ज किया था रिश्वत की मांग का केस

फरियादी द्वारा रिश्वत का लेनदेन पूरा नहीं किया गया था. ऐसे में रिश्वत की मांग के आधार पर पूरी जांच करने के बाद आरोपी लिपिक हरविलास हिंडोलिया के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत माननीय विशेष न्यायालय के समक्ष अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया.

कोर्ट ने माना दोषी, घोसखोर लिपिक को 3 साल के लिए भेज जेल

केस में लंबे समय तक सभी पक्षों पर प्रस्तुत किए गए सभी मौके दस्तावेज और वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर आरोपी हिंडोलिया पर लगे आरोपों में न्यायलय ने सीडीपीओ अमोल सिंह तोमर के तर्क से सहमत होते हुए आरोपी को दोषी करार करते हुए और धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत शुक्रवार को न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश जिला भिंड जितेंद्र कुमार बाजोलिया ने घूसखोर लिपिक हर विलास हिंडोलिया पर 10000 का जुर्माना लगाते हुए 3 साल सश्रम कारावास की सजा मुकर्रर कर दी है.

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