भिंड। पांच दिवसीय चंद्रप्रभु पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के बारे में जानकारी देने और कार्यक्रम की अवधारणा के बारे में विस्तार से बताने के लिए एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गई थी, जिसमें क्रांतवीर दिगंबर मुनि प्रतीक सागर महाराज और गणाचार्य पुष्पदंत सागर महाराज के साथ मुनि आचार्य सौरभ सागर महाराज मौजूद रहे. इस दौरान बताया गया कि महावीर जयंती पर देव विभूतियों के आशीर्वाद, प्रवचन और पंचकल्याणक के महत्व के बारे में जानने और सुनने का अवसर भक्तगणों को मिलेगा. इस कार्यक्रम में भिंड के अलावा देश के कोने-कोने से लोगों के आने की संभावना जताई जा रही है.
पांच कल्याणक महोत्सव का बताया महत्व: कार्यक्रम को लेकर आचार्य सौरभ सागर महाराज ने बताया कि "मूर्तिमय मूर्तिमान की स्थापना का नाम है पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव. मानवीय जीवन में सभ्यता, संस्कृति, संस्कार, नैतिकता, धार्मिकता, सदाचार और दिव्यत्व के जागरण करने के लिए जो प्रेरणा हो वह किसी आयोजन के माध्यम से जान समूह तक पहुंचाया जाए, जिससे उनके जीवन में अतीत के महापुरुषों को सुनकर और देख कर उनके जीवन में भी वैसा ही बनाने के भाव पैदा हो. इसलिए भिंड में पांच दिवसीय गर्भ कल्याणक, जन्म कल्याणक, तप कल्याणक, ज्ञान कल्याणकारी और मोक्ष कल्याणक के माध्यम से महावीर स्वामी की जयंति मनाई जा रही है, जिसमें स्वयं गणाचार्य पुष्पदंत सागर महाराज का सानिध्य सर्वोपरि होगा."
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प्रकृति बचाने के लिए दो लाख पौधे लगाने का लक्ष्य: वहीं प्रेस कांफ्रेंस के दौरान गणाचार्य मुनि पुष्पदंत सागर महाराज ने भी पत्रकारों से चर्चा करते हुए पर्यावर्ण के संबंध में बात की. उन्होंने कहा कि "जनमानस को यह संदेश होना चाहिए कि हम प्रकृति के लिये क्या कर सकते हैं. हम जल्द ही करीब 1 से 1.30 किलोमीटर क्षेत्र में करीब 2 लाख पेड़ लगाने वाले हैं, इन पौधों में कई औषधीय महत्व के पौधे भी होंगे. इसके लिए प्लानिंग पूरी हो चुकी हैं, खास बात यह रहेगी कि ये पौधे उपलब्ध कराने वाले प्रत्येक व्यक्ति के पिता का नाम उस पौधे पर लगवाए जाएंगे. लोग सिर्फ उन पर खुद पानी डालने जाया करें, तो उन्हें शुद्ध हवा के साथ विरासत भी मिले.
30 अप्रैल से शुरू होगा आयोजन: बता दें कि इस कार्यक्रम में दूर-दूर से जैन समाज के अनुयायी और उससे जुड़े लोगों के पहुंचने की उम्मीद है, हालांकि मुनि आचार्य सौरभ सागर महाराज ने बताया कि "इसमें जो संघ विद्यमान हैं, वे तो रहेंगे ही उसके अलावा जिन श्रद्धालुओं का भाव होगा वे भी आएंगे. फिलहाल श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित नहीं की जा सकती है, ये 5 दिवसीय कार्यक्रम 30 मार्च से प्रारंभ होंगे जो 3 अप्रैल तक चलेंगे.