भिंड। जेल की बिल्डिंग गिरने से भिंड में 21 कैदी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. जिनका इलाज किया जा रहा है. इसके बाद घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है. इस वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि कैसे पिल्लर टूटने के बाद जेल की बिल्डिंग भर-भराकर गिर गई. जिस बैरक की बिल्डिंग गिरी है, उसमें 66 कैदी मौजूद थे. हादसे में 21 कैदी घायल हुए हैं, जिनका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है. गंभीर रूप से घायल एक कैदी को ग्वालियर रेफर किया गया है.
घटना का सीसीटीवी वीडियो सामने आ चुका है, वहीं एक कैदी ने घटना की आंखोंदेखी और वह भयानक मंजर ईटीवी भारत को बताया है. एक कैदी ने बताया कि रात में हुई बारिश से 7 नंबर बैरक पूरी तरह ध्वस्त हो गई थी. इस दौरान कई कैदी नींद में थे. हादसे के बाद लॉकअप खोला गया और बाकी कैदियों को जेल कर्मचारी की मदद से बाहर निकाला गया.
जेल विभाग को ठहराया जिम्मेदार
कैदी ने इस घटना के लिए जेल प्रशासन की जगह जेल विभाग के दोषी ठहराया है. कैदी का आरोप है कि 8 साल से जेल जर्जर हालत में है इस संबंध में जेल प्रशासन को कई बार जानकारी दी गई. जेल प्रशासन ने भी जेल विभाग को इस बारे में कई बार जानकारी दी, लेकिन फिर भी नई जेल बनकर तैयार नहीं हो पाई. कैदियों ने बताया कि जेल का ज्यादातर हिस्सा जर्जर हो चुका है.
बैरक खाली कराने से पहले ही ढहा
वही जेल अधीक्षक ओपी पांडेय ने बताया कि सुबह 5 बजे के करीब बैरक की छत का प्लास्टर गिरा था. जिसकी सूचना जेल प्रहरी ने दी थी, बैरकों के खाली करवाया जा रहा था. इसी दौरान 7 नंबर बैरक गिर गई और हादसा हो गया. जेल के जर्जर हालत के सवाल पर जेल अधीक्षक ने बताया कि बारिश में कोई भी परेशानी आने पर लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखा जाता है, पिछले साल भी मेंटेनेंस करवाया गया था. इस बार भी 3 दिन पहले पत्र लिखा गया था.
ग्वालियर सेंट्रल जेल में ट्रांसफर किए 234 कैदी
हादसे के बाद जिला प्रशासन का अमला मौके पर पहुंचा और मोर्चा संभाला. घायल कैदियों को अस्पताल पहुंचाया गया, वहीं बचे हुए 234 कैदियों को 3 वाहनों के माध्यम से ग्वालियर सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया है. कैदियों के पूरी सुरक्षा के साथ भिंड जेल से ग्वालियर जेल ले जाकर शिफ्ट किया गया.
भिंड जेल के बाहर कैदियों के परिजनों का हंगामा, दीवार गिरने से 21 कैदी हुए थे घायल
जेल के बाहर परिजनों का हंगामा
घटना के बाद कई कैदियों के परिजन भिंड जेल के बाहर इकट्ठा हो गए थे. हादसे में घायल हुए कैदियों की जानकारी नहीं मिलने से परेशान कई कैदियों के परिजनों ने जेल के बाहर हंगामा कर दिया. हंगामा कर रहे कुछ लोगों को उनके परिजनों को दूर से देखने की अनुमति दी गई. तब जाकर मामला शांत हुआ. वहीं इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए भिंड कलेक्टर और एसपी ने बताया कि जेल में हुए हादसे में कैदी घायल हुए हैं, कोई जनहानि नहीं हुई है. कलेक्टर ने इस मामले में जांच की बात कही है.
तेरह साल से निर्माणाधीन नवीन जेल
बता दें कि भिंड में कैदियों की बढ़ती संख्या के हिसाब से 13 साल पहले नई जेल का निर्माण शुरू किया गया था, लेकिन 13 सालों में नई जेल का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका. बताया जा रहा है कि समय पर भुगतान नहीं होने से जेल का निर्माण कार्य रुका हुआ है. कई बार जेल का दौरा जेल मंत्री से लेकर जेल डीजी तक कर चुके हैं लेकिन नई जेल तैयार नहीं हो सकी.