भिंड| राष्ट्रीय घड़ियाल चंबल सेंचुरी में डॉल्फिन और घड़ियालों की सुरक्षा को लेकर विभाग अलर्ट हो गया है. चंबल नदी में पाई जाने वाली गंगेटिक डॉल्फिन की गणना अब पानी के अंदर ड्रोन और पनडुब्बी कैमरे से की जाएगी.
भिंड-मुरैना के बीच बनी चंबल सेंचुरी में पिछले 1 सप्ताह से भारतीय वन्य संस्थान देहरादून की टीम सेंचुरी के अधिकारियों और कर्मचारियों को ड्रोन के इस्तेमाल की ट्रेनिंग दे रही है. ये ड्रोन पानी के भीतर जाकर जलीय जीवों की तस्वीरें और वीडियो बनाएगा, जिससे जीवों की सही गणना हो सकेगी. सेंचुरी में पहली बार नदी के भीतर पनडुब्बी कैमरे की मदद से गणना की जाएगी. जिसे लेकर सेंचुरी अफसर और कर्मचारी भी काफी उत्साह में हैं.
चंबल सेंचुरी में आसमान में जाकर उड़ने वाला ड्रोन पहले से ही है. इससे पहले एरियल सर्वे करने की बात कही गई थी. लेकिन पानी के भीतर से तस्वीरें लाने वाला पनडुब्बी कैमरा पहली बार इस्तेमाल किया जाएगा जो पानी के 5 सौ मीटर गहराई तक तस्वीरें खींच सकेगा. ऐसे में जलीय जीवों की निगरानी के साथ सटीक आंकड़े भी जुटाए जा सकेंगे.