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भिंड: घड़ियाल चंबल सेंचुरी में ड्रोन और पनडुब्बी कैमरे से की जाएगी जलीय जीवों की गणना - चंबल सेंचुरी

राष्ट्रीय घड़ियाल चंबल सेंचुरी में डॉल्फिन और घड़ियालों की गणना अब पानी के अंदर ड्रोन और पनडुब्बी कैमरे से की जाएगी.

पनडुब्बी कैमरे से की जाएगी जलीय जीवों की गणना
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Published : May 30, 2019, 5:38 PM IST

भिंड| राष्ट्रीय घड़ियाल चंबल सेंचुरी में डॉल्फिन और घड़ियालों की सुरक्षा को लेकर विभाग अलर्ट हो गया है. चंबल नदी में पाई जाने वाली गंगेटिक डॉल्फिन की गणना अब पानी के अंदर ड्रोन और पनडुब्बी कैमरे से की जाएगी.

पनडुब्बी कैमरे से की जाएगी जलीय जीवों की गणना

भिंड-मुरैना के बीच बनी चंबल सेंचुरी में पिछले 1 सप्ताह से भारतीय वन्य संस्थान देहरादून की टीम सेंचुरी के अधिकारियों और कर्मचारियों को ड्रोन के इस्तेमाल की ट्रेनिंग दे रही है. ये ड्रोन पानी के भीतर जाकर जलीय जीवों की तस्वीरें और वीडियो बनाएगा, जिससे जीवों की सही गणना हो सकेगी. सेंचुरी में पहली बार नदी के भीतर पनडुब्बी कैमरे की मदद से गणना की जाएगी. जिसे लेकर सेंचुरी अफसर और कर्मचारी भी काफी उत्साह में हैं.

चंबल सेंचुरी में आसमान में जाकर उड़ने वाला ड्रोन पहले से ही है. इससे पहले एरियल सर्वे करने की बात कही गई थी. लेकिन पानी के भीतर से तस्वीरें लाने वाला पनडुब्बी कैमरा पहली बार इस्तेमाल किया जाएगा जो पानी के 5 सौ मीटर गहराई तक तस्वीरें खींच सकेगा. ऐसे में जलीय जीवों की निगरानी के साथ सटीक आंकड़े भी जुटाए जा सकेंगे.

भिंड| राष्ट्रीय घड़ियाल चंबल सेंचुरी में डॉल्फिन और घड़ियालों की सुरक्षा को लेकर विभाग अलर्ट हो गया है. चंबल नदी में पाई जाने वाली गंगेटिक डॉल्फिन की गणना अब पानी के अंदर ड्रोन और पनडुब्बी कैमरे से की जाएगी.

पनडुब्बी कैमरे से की जाएगी जलीय जीवों की गणना

भिंड-मुरैना के बीच बनी चंबल सेंचुरी में पिछले 1 सप्ताह से भारतीय वन्य संस्थान देहरादून की टीम सेंचुरी के अधिकारियों और कर्मचारियों को ड्रोन के इस्तेमाल की ट्रेनिंग दे रही है. ये ड्रोन पानी के भीतर जाकर जलीय जीवों की तस्वीरें और वीडियो बनाएगा, जिससे जीवों की सही गणना हो सकेगी. सेंचुरी में पहली बार नदी के भीतर पनडुब्बी कैमरे की मदद से गणना की जाएगी. जिसे लेकर सेंचुरी अफसर और कर्मचारी भी काफी उत्साह में हैं.

चंबल सेंचुरी में आसमान में जाकर उड़ने वाला ड्रोन पहले से ही है. इससे पहले एरियल सर्वे करने की बात कही गई थी. लेकिन पानी के भीतर से तस्वीरें लाने वाला पनडुब्बी कैमरा पहली बार इस्तेमाल किया जाएगा जो पानी के 5 सौ मीटर गहराई तक तस्वीरें खींच सकेगा. ऐसे में जलीय जीवों की निगरानी के साथ सटीक आंकड़े भी जुटाए जा सकेंगे.

Intro:राष्ट्रीय घड़ियाल चंबल सेंचुरी में डॉल्फिन और घड़ियालों की सुरक्षा को लेकर मैं महकमा ज्यादा अलर्ट हो गया है चंबल नदी में पाई जाने वाली गैंगेटिक डॉल्फिन की गणना भी अब नदी के पानी के अंदर ड्रोन और पनडुब्बी कैमरा से की जाएगी।


Body:दरअसल भिंड मुरैना के बीच बनी चंबल सेंचुरी मैं पिछले 1 सप्ताह से भारतीय वन्य संस्थान देहरादून की टीम सेंचुरी के अधिकारियों और कर्मचारियों को ड्रोन का इस्तेमाल की ट्रेनिंग दी है , यह ड्रोन पानी के भीतर जाकर जलीय जीवो की तस्वीरें और वीडियो बनाएगा जिससे इनकी सही गणना हो सकेगी। सेंचुरी में पहली बार नदी के भीतर पंडुब्बी कैमरे की मदद से गणना की जाएगी, जिसे लेकर सेंचुरी अफसर और कर्मचारी भी काफी उत्साह में हैं जिससे की घटना सही और जल्दी हो सकेगी।

भिंड वन मंडल अधिकारी ने भी बताया के इस बार जलीय जीवो के सर्वेक्षण के लिए देहरादून से आई टीम और मध्य प्रदेश फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के संयुक्त सर्वेक्षण में इस बार गणना की जा रही है। क्योंकि हर साल घड़ियालों और मगर के नम्बर लगातार सेंचुरी में बढ़ रहे है, जिसके लिए ड्रोन और पनडुब्बी कैमरों की मदद से आंकड़े जुटाए जाएंगे ।वहीं ऑनसाइट गणना भी की गई है जिसके आंकड़े कुछ ही दिन में आ जाएंगे। वहीं इस बार खास यह बात भी है कि इस बार डॉल्फिंस की गणना भी की जा रही है।


Conclusion:बता दें कि चंबल सेंचुरी में आसमान में जाकर उड़ने वाला ड्रोन पहले से ही है इससे पहले एरियल सर्वे करने की बात कही गई थी ड्रोन सुरक्षा के लिहाज से मंगाया गया था जो ऊंचाई से साफ वीडियो और तस्वीरें लेता है इससे सेंचुरी को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों को अहसास तक नहीं होगा लेकिन पानी के भीतर से तस्वीरें लाने वाला पनडुब्बी कैमरा पहली बार इस्तेमाल किया जाएगा जो पानी के 500 मीटर गहराई तक तस्वीरें खींच सकेगा ऐसे में जलीय जीवो की निगरानी के साथी सटीक आंकड़े भी जुटाए जा सकेंगे

बाइट - नवीन गर्ग, वन मंडल अधिकारी, भिंड
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