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Budhaditya Yoga 2023: सूर्य और बुध की युति से होगा बुधादित्य योग का निर्माण, शोहरत की बुलंदियां छुएंगी ये राशियां..

Budh Gochar 2023: जब सूर्य और बुध की युति से होती है तो बुधादित्य योग का निर्माण होता है. इस बुधादित्य योग का अलग और खास महत्व है. आइए जानते हैं बुधादित्य योग का निर्माण से जुड़ी अहम बातें और किन राशियों पर होगी बुधादित्य योग की मेहरबानी-

Budh Gochar 2023
बुधादित्य योग 2023
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Published : Jun 23, 2023, 1:15 PM IST

Budhaditya Yoga 2023: ग्रहों के राजा सूर्य का प्रताप किसी से छिपा नहीं है, ये ग्रह ऊर्जा का सबसे बड़ा स्त्रोत है. ज्योतिष में सूर्य ग्रह को शक्ति, बल, अधिकार, पिता का कारक माना गया है, वहीं ग्रहों के राजकुमार कहे जाने वाले बुध ग्रह भी किसी से कम नहीं है. इन्हें बुद्धि, भाषण संचार का स्वामी माना गया है और जब किसी राशि में इन दोनों ग्रहों की मौजूदगी होती है या कहें दोनों ग्रहों की युति बनती है, तब बुधादित्य योग का निर्माण होता है. आइये जानते हैं इस विशेष योग और इससे होने वाले लाभ के बारे में..

ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की दशा जातकों के जीवन में आने वाले समय की दिशा तय करती हैं. जब दो या उससे अधिक ग्रह किसी राशि या कुंडली के भाव में एक साथ आते हैं, तो उनकी युति विशेष योगों का निर्माण करती है. इनके फलस्वरूप राशि जातकों के जीवन पर शुभ और अशुभ प्रभाव पड़ते हैं, लेकिन जब बात शुभ और ऊर्जावान ग्रहों की होती है तो ऐसे ग्रहों की युति सकारात्मक रूप से फलदायी साबित होती है. ऐसी ही युति आने वाली 24 जून को बनने जा रही है और इसके असर से राशि चक्र की तीन राशियों की किस्मत राजाओं की तरह चमकने वाली है.

ज्योतिष में बुधादित्य योग का महत्व: जब कुंडली में सूर्य और बुध ग्रहों की एक ही भाव में एक साथ मौजूदगी होती है, तब बुधादित्य योग बनता है. इस योग को विशेष राज्यों की श्रेणी में माना गया है, हालाँकि यह बुध या सूर्य की महादशा में अपना लाभ देता है. माना जाता है कि जब कुंडली में गुरु या शुक्र के साथ बुध और सूर्य मौजूद हों तो यह योग जातक को अध्यात्म की और ले जाता है. ज्योतिषविदों का मानना है कि बुधादित्य योग के लाभों का जातक को सबसे अच्छा परिणाम तब प्राप्त होता है, जब यह योग अनुकूल भावों में स्थित हो. हालांकि इस योग का शुभ होना कुंडली में ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करता है.

बुधादित्य योग का निर्माण से जुड़ी अहम बातें: ज्योतिष शास्त्र में बुधादित्य योग निर्माण के शुभ फल तब प्राप्त होते हैं, जब कुंडली के लग्न भाव में हितकारी सूर्य और बुध दोनों ग्रह मौजूद हों तब यह योग बनता है. साथ ही दोनों ग्रह नक्षत्र और उनकी डिग्री के हिसाब से शुभ स्थिति में होना चाहिए, हालांकि माना जाता है कि बुधादित्य योग का निर्माण कुंडली के त्रिक भाव जैसे 6वें, 8वें या 12वें भाव में नहीं होना चाहिए. साथ ही दोनों ग्रहों की युति 10 डिग्री से दूर या 3 डिग्री से ज्यादा पास नहीं बननी चाहिए, इसके साथ ही कुंडली में शनि, राहु या केतु जैसे पापी ग्रहों की दृष्टि या इनके साथ सूर्य और बुध की युति नहीं बननी चाहिए. Surya Budh Yuti June 2023

इन राशियों पर होगी बुधादित्य योग की मेहरबानी

वृषभ: इस राशि के जातकों की कुंडली में चौथे भाव के स्वामी ग्रह सूर्य एवं दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी बुध ग्रह एक साथ कुंडली के दूसरे भाव में आ रहे हैं. चूंकि दूसरे भाव के स्वामी बुध है और उनके साथ सूर्य का आना इस राशि में बुधादित्य योग का निर्माण करने वाला है, जो बेहद शुभ स्थिति को दर्शाता है. इसके फल स्वरूप इस कुंडली के जातकों के लिए यह समय करियर के हिसाब से बहुत ही अच्छा रहने वाला है.

बुधादित्य योग के शुभ फल से नौकरी में प्रमोशन के आसार बनेंगे. इस दौरान जातक को उसके कार्यक्षेत्र में महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी और पद सौंपा जा सकता है, जो आपके करियर को बल प्रदान करेगा. चूंकि बुधादित्य योग कुंडली के दूसरे भाव यानी कमाई के भाव में बन रहा है, तो यह धन लाभ भी कराएगा. व्यवसायी जातक अपनी संचार कौशलता के माध्यम से व्यापार में भारी लाभ और प्रतिष्ठा कमायेंगे.

आपके लिए जरूरी खबरें:

मिथुन: इस राशि के जातकों की कुंडली में बुध और सूर्य ग्रह लग्न भाव में एक साथ मौजूद रहेंगे. चूकि इस राशि में सूर्य तृतीय भाव के और बुध पहले और चौथे भाव के स्वामी हैं, ऐसे में इन दोनों ग्रह की युति और इसके प्रभाव से बुधादित्य योग लग्न भाव में बनना मिथुन राशि वालों के लिए बेहद शुभ साबित होगा. इस योग के फलस्वरूप जातकों को भारी आर्थिक लाभ के साथ ज्ञान की प्राप्ति होगी जिससे मिथुन जातक अपने जीवन में आजीविका अर्जन में मज़बूती ला सकेंगे. जिसकी बदौलत जीवन में समृद्धि और खुशहाली आएगी.

सिंह: इस राशि के जातकों की कुंडली में भी सूर्य और बुध की शुभ युति बनने जा रही है यहां सिंह राशि में लग्न भाव के स्वामी सूर्य की, कुंडली के दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी बुध के साथ एकादश भाव में युति बनेगी, जिससे बुधादित्य योग का निर्माण होगा. इसके साथ ही सिंह राशि की कुंडली में धन योग और महालक्ष्मी योग भी बन रहा है, ऐसे में सिंह राशि के लिए यह समय प्रबल धन लाभ और वित्तीय मजबूती प्रदान करने वाला रहेगा. व्यवसाय के क्षेत्र से जुड़े लोग विलासिता वित्तीय प्रचुरता और शक्ति का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे, जिसके फलस्वरूप प्रशासनिक या निजी कंपनी में पद पर बैठे लोगो को लाभ मिलेगा. करियर को नई उड़ान मिलेगी, साथ ही इस राशि के जातकों को पदोन्नति, प्रतिष्ठा और बड़ी जिम्मेदारियां मिलेंगी, जो उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का काम करेंगी.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं, ज्योतिष गणना और ज्योतिषविदों की जानकारी के आधार पर है, ETV Bharat इसके पूर्ण सत्य होने का दावा नहीं करता.

Budhaditya Yoga 2023: ग्रहों के राजा सूर्य का प्रताप किसी से छिपा नहीं है, ये ग्रह ऊर्जा का सबसे बड़ा स्त्रोत है. ज्योतिष में सूर्य ग्रह को शक्ति, बल, अधिकार, पिता का कारक माना गया है, वहीं ग्रहों के राजकुमार कहे जाने वाले बुध ग्रह भी किसी से कम नहीं है. इन्हें बुद्धि, भाषण संचार का स्वामी माना गया है और जब किसी राशि में इन दोनों ग्रहों की मौजूदगी होती है या कहें दोनों ग्रहों की युति बनती है, तब बुधादित्य योग का निर्माण होता है. आइये जानते हैं इस विशेष योग और इससे होने वाले लाभ के बारे में..

ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की दशा जातकों के जीवन में आने वाले समय की दिशा तय करती हैं. जब दो या उससे अधिक ग्रह किसी राशि या कुंडली के भाव में एक साथ आते हैं, तो उनकी युति विशेष योगों का निर्माण करती है. इनके फलस्वरूप राशि जातकों के जीवन पर शुभ और अशुभ प्रभाव पड़ते हैं, लेकिन जब बात शुभ और ऊर्जावान ग्रहों की होती है तो ऐसे ग्रहों की युति सकारात्मक रूप से फलदायी साबित होती है. ऐसी ही युति आने वाली 24 जून को बनने जा रही है और इसके असर से राशि चक्र की तीन राशियों की किस्मत राजाओं की तरह चमकने वाली है.

ज्योतिष में बुधादित्य योग का महत्व: जब कुंडली में सूर्य और बुध ग्रहों की एक ही भाव में एक साथ मौजूदगी होती है, तब बुधादित्य योग बनता है. इस योग को विशेष राज्यों की श्रेणी में माना गया है, हालाँकि यह बुध या सूर्य की महादशा में अपना लाभ देता है. माना जाता है कि जब कुंडली में गुरु या शुक्र के साथ बुध और सूर्य मौजूद हों तो यह योग जातक को अध्यात्म की और ले जाता है. ज्योतिषविदों का मानना है कि बुधादित्य योग के लाभों का जातक को सबसे अच्छा परिणाम तब प्राप्त होता है, जब यह योग अनुकूल भावों में स्थित हो. हालांकि इस योग का शुभ होना कुंडली में ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करता है.

बुधादित्य योग का निर्माण से जुड़ी अहम बातें: ज्योतिष शास्त्र में बुधादित्य योग निर्माण के शुभ फल तब प्राप्त होते हैं, जब कुंडली के लग्न भाव में हितकारी सूर्य और बुध दोनों ग्रह मौजूद हों तब यह योग बनता है. साथ ही दोनों ग्रह नक्षत्र और उनकी डिग्री के हिसाब से शुभ स्थिति में होना चाहिए, हालांकि माना जाता है कि बुधादित्य योग का निर्माण कुंडली के त्रिक भाव जैसे 6वें, 8वें या 12वें भाव में नहीं होना चाहिए. साथ ही दोनों ग्रहों की युति 10 डिग्री से दूर या 3 डिग्री से ज्यादा पास नहीं बननी चाहिए, इसके साथ ही कुंडली में शनि, राहु या केतु जैसे पापी ग्रहों की दृष्टि या इनके साथ सूर्य और बुध की युति नहीं बननी चाहिए. Surya Budh Yuti June 2023

इन राशियों पर होगी बुधादित्य योग की मेहरबानी

वृषभ: इस राशि के जातकों की कुंडली में चौथे भाव के स्वामी ग्रह सूर्य एवं दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी बुध ग्रह एक साथ कुंडली के दूसरे भाव में आ रहे हैं. चूंकि दूसरे भाव के स्वामी बुध है और उनके साथ सूर्य का आना इस राशि में बुधादित्य योग का निर्माण करने वाला है, जो बेहद शुभ स्थिति को दर्शाता है. इसके फल स्वरूप इस कुंडली के जातकों के लिए यह समय करियर के हिसाब से बहुत ही अच्छा रहने वाला है.

बुधादित्य योग के शुभ फल से नौकरी में प्रमोशन के आसार बनेंगे. इस दौरान जातक को उसके कार्यक्षेत्र में महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी और पद सौंपा जा सकता है, जो आपके करियर को बल प्रदान करेगा. चूंकि बुधादित्य योग कुंडली के दूसरे भाव यानी कमाई के भाव में बन रहा है, तो यह धन लाभ भी कराएगा. व्यवसायी जातक अपनी संचार कौशलता के माध्यम से व्यापार में भारी लाभ और प्रतिष्ठा कमायेंगे.

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मिथुन: इस राशि के जातकों की कुंडली में बुध और सूर्य ग्रह लग्न भाव में एक साथ मौजूद रहेंगे. चूकि इस राशि में सूर्य तृतीय भाव के और बुध पहले और चौथे भाव के स्वामी हैं, ऐसे में इन दोनों ग्रह की युति और इसके प्रभाव से बुधादित्य योग लग्न भाव में बनना मिथुन राशि वालों के लिए बेहद शुभ साबित होगा. इस योग के फलस्वरूप जातकों को भारी आर्थिक लाभ के साथ ज्ञान की प्राप्ति होगी जिससे मिथुन जातक अपने जीवन में आजीविका अर्जन में मज़बूती ला सकेंगे. जिसकी बदौलत जीवन में समृद्धि और खुशहाली आएगी.

सिंह: इस राशि के जातकों की कुंडली में भी सूर्य और बुध की शुभ युति बनने जा रही है यहां सिंह राशि में लग्न भाव के स्वामी सूर्य की, कुंडली के दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी बुध के साथ एकादश भाव में युति बनेगी, जिससे बुधादित्य योग का निर्माण होगा. इसके साथ ही सिंह राशि की कुंडली में धन योग और महालक्ष्मी योग भी बन रहा है, ऐसे में सिंह राशि के लिए यह समय प्रबल धन लाभ और वित्तीय मजबूती प्रदान करने वाला रहेगा. व्यवसाय के क्षेत्र से जुड़े लोग विलासिता वित्तीय प्रचुरता और शक्ति का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे, जिसके फलस्वरूप प्रशासनिक या निजी कंपनी में पद पर बैठे लोगो को लाभ मिलेगा. करियर को नई उड़ान मिलेगी, साथ ही इस राशि के जातकों को पदोन्नति, प्रतिष्ठा और बड़ी जिम्मेदारियां मिलेंगी, जो उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का काम करेंगी.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं, ज्योतिष गणना और ज्योतिषविदों की जानकारी के आधार पर है, ETV Bharat इसके पूर्ण सत्य होने का दावा नहीं करता.

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