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बजट 2021: अधूरे वादों से नाराज युवाओं की बजट से उम्मीद - Expectantly with anger to Budget

मंगलवार को मध्य प्रदेश का बजट पेश होने जा रहा है, ऐसे प्रदेश के सभी वर्गों की राय और उम्मीद को जानने के लिए ईटीवी भारत पहुंचा लोगों के बीच.

Budget 2021 Madhya Pradesh
नाराज युवाओं की बजट से उम्मीद
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Published : Mar 1, 2021, 4:19 PM IST

भिंड। मंगलवार को मध्य प्रदेश का बजट पेश होने जा रहा है. केंद्र सरकार ने तो अपना पिटारा पहले ही खोल दिया, लेकिन मध्य प्रदेश की सरकार इस बार जनता के लिए क्या कुछ सौगातें लेकर आने वाली है, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है. ऐसे प्रदेश के सभी वर्गों की राय और उम्मीद को जानने के लिए ईटीवी भारत पहुंचा लोगों के बीच.

नाराज युवाओं की बजट से उम्मीद

इस बार भी उम्मीद जतायी जा रही है कि मध्य प्रदेश सरकार 2 लाख करोड़ से ज़्यादा का बजट सदन में पेश करेगी. इस बजट को लेकर जब हमने भिंड के युवा वर्ग से बात की और जानना चाहा कि इस बार आगामी बजट से उन्हें क्या कुछ उम्मीद है तो युवाओं का कहना था कि उन्हें हर साल आने वाले बजट से उम्मीद होती है, लेकिन बर साल उनकी उम्मीदें अधूरी रह जाती है.

बेरोजगारी दूर करने पर करें फोकस

पिछले बजट की बात की जाए तो कोरोना काल में भी न तो बेरोजगार युवाओं को लाभ मिला और ना ही व्यापारी वर्ग को और न ही किसानों कोई फायदा मिला. सरकार ने रोजगार लाने की बात कही, लेकिन आज भी जिले में लाखों युवा बेरोज़गार घूम रहे हैं.

प्रदेश के मुखिया शिवराज ने छह साल पहले प्रतिवर्ष 2 करोड़ युवाओं को रोज़गार देने की बात कही थी. उस हिसाब से अब तक प्रदेश में 12 करोड़ युवाओं को रोज़गार उपलब्ध होना चाहिए था, लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं. छह साल में विभिन्न माध्यमों से निकाली गई नियुक्तियों में महज 22-23 लाख युवाओं को ही रोज़गार दिया जा सका है. अब युवा उम्मीद कर रहे हैं कि आगे कुछ अच्छा हो.

क्षेत्र में उच्च शिक्षा संस्थानों की दरकार

युवाओं का कहना है कि सरकार को कुछ ऐसा व्यवस्था बनानी चाहिए जिससे कि छात्रों को रोज़गार उपलब्ध हो सके. युवाओं ने बताया कि जिले में मालनपुर इंडस्ट्रियल एरिया बना हुआ है, लेकिन अभी मात्र नाम के लिए उसका लाभ नहीं मिला.

बता दें कि इंडस्ट्रियल एरिया होने के बावजूद युवाओं को लाभ नहीं मिला. जनप्रतिनिधियों द्वारा भी कभी कोई प्रयास नहीं किए गए हैं. वहीं बात अगर शिक्षा के क्षेत्र की जाए तो जिले में कोई ऐसी व्यवस्था नहीं है. यहां तक कि BCA-BBA जैसी छोटी डिग्रियां के लिए भी छात्रों को दूसरे शहरों में जाना पड़ता है.

छात्रों को ध्यान में रख कर बनाया जाए बजट

युवाओं ने उम्मीद जताई है कि इस बार सरकार बजट कहीं न कहीं छात्रों को भी ध्यान रखते हुए बनाए, जिसमें अच्छी शिक्षा की व्यवस्था हो. बेरोजगारी दूर करने के लिए प्लानिंग हो और बेरोज़गारी भत्ते जैसी सुविधाएं दी जाएं. युवा चाहते हैं कि कुछ व्यवस्थाएं हो जिससे कृषि के क्षेत्र में भी युवाओं की रुचि बढ़े.

उम्मीद से ज्यादा सरकार पर गुस्सा

युवाओं से बातचीत के दौरान एक बुजुर्ग ने कहा कि इस बार बजट भी खून पीने वाला होगा. उन्होंने कहा कि देश में पेट्रोल डीज़ल के दाम बढ़ रहे हैं, जिसकी वजह से लोग परेशान हैं. महंगाई बढ़ी हुई है. आने वाले बजट में सरकार को इन पर ध्यान देना चाहिए. लेकिन उनका ध्यान इस ओर है ही नहीं.

जब भी कोई योजना भिंड जिले के लिए आती तो जन प्रतिनिधियों की जिद की वजह से वह दूसरे जिलों में चली जाती है. पहले मेडिकल कॉलेज दतिया गया और अब मालनपुर में बनने वाले सैनिक स्कूल को लेकर भी खींचतान की जा रही है. हालांकि यह बात सही है कि मध्य प्रदेश का दूसरा सैनिक स्कूल भिंड जिले में बन रहा है, लेकिन उसका निर्माण पहले भिंड की डिढ़ी गांव में होना था अब मालनपुर चला गया है.

बुजुर्ग ने कहा कि भिंड के इंडस्ट्रियल एरिया का पूरा लाभ मुरैना और ग्वालियर जिले को मिल रहा है. वैसे ही एक बार फिर भिंड हाथ मलकर रह जाएगा. जब सरकार का ध्यान ही भिंड जिले पर नहीं है तो इस बजट से उन्हें ज़्यादा उम्मीद भी नहीं है.

गुस्से के साथ उम्मीद

बहरहाल उम्मीद और गुस्सा सरकार को लेके युवकों की बातों में साफ झलक रहा है. इस बजट से खास उन्हें उम्मीद तो नहीं है फिर भी चाहते है की शिक्षा और बेरोजगारी जैसे अहम मुद्दों पर सरकार काम करे और बेहतर बजट के साथ इस बार सभी वर्गों को लाभ दे.

भिंड। मंगलवार को मध्य प्रदेश का बजट पेश होने जा रहा है. केंद्र सरकार ने तो अपना पिटारा पहले ही खोल दिया, लेकिन मध्य प्रदेश की सरकार इस बार जनता के लिए क्या कुछ सौगातें लेकर आने वाली है, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है. ऐसे प्रदेश के सभी वर्गों की राय और उम्मीद को जानने के लिए ईटीवी भारत पहुंचा लोगों के बीच.

नाराज युवाओं की बजट से उम्मीद

इस बार भी उम्मीद जतायी जा रही है कि मध्य प्रदेश सरकार 2 लाख करोड़ से ज़्यादा का बजट सदन में पेश करेगी. इस बजट को लेकर जब हमने भिंड के युवा वर्ग से बात की और जानना चाहा कि इस बार आगामी बजट से उन्हें क्या कुछ उम्मीद है तो युवाओं का कहना था कि उन्हें हर साल आने वाले बजट से उम्मीद होती है, लेकिन बर साल उनकी उम्मीदें अधूरी रह जाती है.

बेरोजगारी दूर करने पर करें फोकस

पिछले बजट की बात की जाए तो कोरोना काल में भी न तो बेरोजगार युवाओं को लाभ मिला और ना ही व्यापारी वर्ग को और न ही किसानों कोई फायदा मिला. सरकार ने रोजगार लाने की बात कही, लेकिन आज भी जिले में लाखों युवा बेरोज़गार घूम रहे हैं.

प्रदेश के मुखिया शिवराज ने छह साल पहले प्रतिवर्ष 2 करोड़ युवाओं को रोज़गार देने की बात कही थी. उस हिसाब से अब तक प्रदेश में 12 करोड़ युवाओं को रोज़गार उपलब्ध होना चाहिए था, लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं. छह साल में विभिन्न माध्यमों से निकाली गई नियुक्तियों में महज 22-23 लाख युवाओं को ही रोज़गार दिया जा सका है. अब युवा उम्मीद कर रहे हैं कि आगे कुछ अच्छा हो.

क्षेत्र में उच्च शिक्षा संस्थानों की दरकार

युवाओं का कहना है कि सरकार को कुछ ऐसा व्यवस्था बनानी चाहिए जिससे कि छात्रों को रोज़गार उपलब्ध हो सके. युवाओं ने बताया कि जिले में मालनपुर इंडस्ट्रियल एरिया बना हुआ है, लेकिन अभी मात्र नाम के लिए उसका लाभ नहीं मिला.

बता दें कि इंडस्ट्रियल एरिया होने के बावजूद युवाओं को लाभ नहीं मिला. जनप्रतिनिधियों द्वारा भी कभी कोई प्रयास नहीं किए गए हैं. वहीं बात अगर शिक्षा के क्षेत्र की जाए तो जिले में कोई ऐसी व्यवस्था नहीं है. यहां तक कि BCA-BBA जैसी छोटी डिग्रियां के लिए भी छात्रों को दूसरे शहरों में जाना पड़ता है.

छात्रों को ध्यान में रख कर बनाया जाए बजट

युवाओं ने उम्मीद जताई है कि इस बार सरकार बजट कहीं न कहीं छात्रों को भी ध्यान रखते हुए बनाए, जिसमें अच्छी शिक्षा की व्यवस्था हो. बेरोजगारी दूर करने के लिए प्लानिंग हो और बेरोज़गारी भत्ते जैसी सुविधाएं दी जाएं. युवा चाहते हैं कि कुछ व्यवस्थाएं हो जिससे कृषि के क्षेत्र में भी युवाओं की रुचि बढ़े.

उम्मीद से ज्यादा सरकार पर गुस्सा

युवाओं से बातचीत के दौरान एक बुजुर्ग ने कहा कि इस बार बजट भी खून पीने वाला होगा. उन्होंने कहा कि देश में पेट्रोल डीज़ल के दाम बढ़ रहे हैं, जिसकी वजह से लोग परेशान हैं. महंगाई बढ़ी हुई है. आने वाले बजट में सरकार को इन पर ध्यान देना चाहिए. लेकिन उनका ध्यान इस ओर है ही नहीं.

जब भी कोई योजना भिंड जिले के लिए आती तो जन प्रतिनिधियों की जिद की वजह से वह दूसरे जिलों में चली जाती है. पहले मेडिकल कॉलेज दतिया गया और अब मालनपुर में बनने वाले सैनिक स्कूल को लेकर भी खींचतान की जा रही है. हालांकि यह बात सही है कि मध्य प्रदेश का दूसरा सैनिक स्कूल भिंड जिले में बन रहा है, लेकिन उसका निर्माण पहले भिंड की डिढ़ी गांव में होना था अब मालनपुर चला गया है.

बुजुर्ग ने कहा कि भिंड के इंडस्ट्रियल एरिया का पूरा लाभ मुरैना और ग्वालियर जिले को मिल रहा है. वैसे ही एक बार फिर भिंड हाथ मलकर रह जाएगा. जब सरकार का ध्यान ही भिंड जिले पर नहीं है तो इस बजट से उन्हें ज़्यादा उम्मीद भी नहीं है.

गुस्से के साथ उम्मीद

बहरहाल उम्मीद और गुस्सा सरकार को लेके युवकों की बातों में साफ झलक रहा है. इस बजट से खास उन्हें उम्मीद तो नहीं है फिर भी चाहते है की शिक्षा और बेरोजगारी जैसे अहम मुद्दों पर सरकार काम करे और बेहतर बजट के साथ इस बार सभी वर्गों को लाभ दे.

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