भिंड। मध्यप्रदेश शासन द्वारा रबी फसल की एमएसपी रेट पर शासकीय खरीद पंजीयन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, इस पंजीयन में किसानों को कई प्रकार की समस्याएं आ रही हैं. किसानों के समर्थन में भाजपा नेता डॉ. रमेश दुबे ने कलेक्टर से मिलकर किसानों की समस्याओं से अवगत कराया. साथ ही उन्होंने कलेक्टर को पत्र सौंपकर उक्त समस्याओं को तत्काल दूर करने की मांग की है.
पंजीयन और आधार लिंक के फेर में फंसा किसान
किसान की समस्याओं को लेकर जिला कलेक्टर से मुलाकात करने पहुंचे बीजेपी नेता रमेश दुबे ने कहा कि बीजेपी सरकार किसान हितैषी है. वहीं किसानों के उत्थान के लिए सरकार प्रतिबद्ध हैं, इसके बावजूद किसानों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. डॉ. दुबे ने बताया कि ई-उपार्जन प्रक्रिया के अंतर्गत प्रशासन द्वारा जो व्यवस्थाएं की गई है, उसकी वजह से किसानों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ई-उपार्जन प्रक्रिया में आधार लिंक के लिए किसान राजस्व कर्मचारियों के पास जा रहा है और उसके बाद पंजीयन केन्द्रों के चक्कर काट रहा है, जिसकी वजह से वह बीच में फंस गया है. ऐसे में बड़ी तादात में किसान पंजीयन कराने में निष्फल रहेगा.
कलेक्टर से बीजेपी नेता ने रखी मांग
इस मामले में बीजेपी नेता ने बताया कि उन्होंने कलेक्टर से भी मांग रखी है कि आधार लिंक और फसल पंजीयन के लिए एकीकृत व्यवस्था होनी चाहिए और एकल खिड़की से ही किसान पंजीयन कराए, ताकि किसानों को ज्यादा चक्कर न लगाना पड़े.
समय सीमा और खरीद केंद्र बढ़ाने की ज़रूरत
वहीं किसानों का मानना है कि प्रशासन ने फसल पंजीयन की अंतिम तिथि 20 फरवरी निर्धारित की है, जो नाकाफी है, इतने कम समय में किसान अपनी फसलों का पंजीयन और आधार लिंक प्रक्रिया दोनों नहीं करवा सकेंगे, जिसके लिए समयसीमा में वृद्धि की आवश्यक है. बता दें कि प्रशासन ने भिंड जिले में 51 पंजीयन केंद्र बनाए हैं, लेकिन किसानों की अधिकता देखते हुए पंजीयन केंद्रों की संख्या बहुत कम है, इसलिए केंद्रों की संख्या भी बढ़ाई जाना चाहिए.
कलेक्टर ने दिया आश्वासन
इस मामले में कलेक्टर ने आश्वासन देते हुए कहा कि पंजीयन प्रक्रिया में आधार लिंक तथा पंजीयन विषयक मांगो के लिए शासन को तत्काल प्रस्ताव भेजा जाएगा और केंद्रों की संख्या बढ़ाने की भी कार्रवाई की जाएगी.