भिंड। मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के लिए 3 नवंबर को मतदान हो चुके है. अब जनता के साथ प्रत्याशी भी नतीजों का इंतजार कर रहे हैं. भिंड जिले की 2 विधानसभा सीट, गोहद और मेहगांव में उपचुनाव हुए है. मेहगांव विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी ओपीएस भदौरिया ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. भदौरिया का कहना है कि, मतदान के बाद अब उन कार्यकर्ताओं पर ध्यान केंद्रित करना है, जिन्होंने मेरा साथ दिया है. ईटीवी भारत के माध्यम से उन्होंने कार्यकर्ताओं का अभार व्यक्त किया. उनका कहना है कि, मैं कभी अपने कार्यकर्ताओं का ऋण नहीं चुका पाऊंगा और चुनाव के बाद अब पूरा ध्यान कार्यकर्ताओं को मजबूत करने पर दूंगा.
कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होने पर ज्योतिरादित्य सिंधिया और ओपीएस भदौरिया पर जनता के साथ धोखा करने और अपनी सीट बेचने के आरोप लगाए गए. बावजूद इसके मेहगांव क्षेत्र में हुए मतदान के बाद ओपीएस भदौरिया अपनी जीत को लेकर काफी आश्वस्त नजर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि, जनता उनके साथ थी इसलिए उन्हें इस बात की फिक्र नहीं है. उन्हें पता है कि, जनता ने उन्हें बंपर वोट दिए हैं और जिसकी वजह से 10 तारीख को जीत उनकी ही होगी.
चुनाव प्रभावित करने के आरोपों को किया खारिज
मेहगांव विधानसभा मतदान के दौरान सबसे ज्यादा चर्चा में रही, मुरैना और भिंड जिले में असामाजिक तत्वों द्वारा चुनाव प्रभावित करने की खबरें आई थीं. मेहगांव विधानसभा के लिलोई गांव में तो बूथ कैपचरिंग की कोशिश हुई, ईवीएम तक तोड़ी गई. जिसके आरोप बीजेपी पर लगे, इन आरोपों को खारिज करते हुए बीजेपी प्रत्याशी ओपीएस भदौरिया ने कहा कि, शुरुआत से ही कांग्रेस ने उन्हें बदनाम करने की कोशिश की. असामाजिक तत्वों ने मेहगांव में चुनाव प्रभावित करने की कोशिश की. जिसकी वजह से उनका नुकसान हुआ है और यह सब कुछ कांग्रेस के इशारे पर हुआ है.
भतीजे रिंकू पर लगे आरोपों को बताया निराधार
ओपीएस भदौरिया के भतीजे रिंकू भदौरिया पर चुनाव के दिन कई गंभीर आरोप लगे. मेहगांव क्षेत्र में बूथ कैपचरिंग, फर्जी वोटिंग और ईवीएम तोड़ने जैसे मामलों में रिंकू का नाम सामने आया. ड्यूटी पर तैनात एक निरीक्षक द्वारा ऑन रिकॉर्ड आरोप लगाए गए कि, रिंकू भदौरिया बूथ कैप्चरिंग के लिए आए थे, लेकिन जब उन्हें ऐसा करने से रोका गया, तो उन्होंने कई जगह से फोन कर निरीक्षक को ड्यूटी से हटाने की कोशिश की. जिसमें गवर्नमेंट थाना प्रभारी तक ने अपनी भूमिका निभाई. जब इन सभी आरोपों को लेकर राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया से सवाल किया गया, तो उन्होंने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि, पुलिस ने सुबह वोटिंग शुरू होने के समय पर ही उनके भतीजे को अपनी कस्टडी में ले लिया था और शाम 5:00 बजे के बाद उसे छोड़ा है. ऐसे में वो कैसे किसी बूथ को प्रभावित कर सकता था. इसके अलावा उन्होंने पुलिस पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि, कांग्रेस ने उनके पोलिंग एजेंटों के साथ मारपीट की. कई जगह फर्जी मतदान किया. साथ ही पुलिस द्वारा जहां उनके पक्ष में मतदान हो रहा था. वहां मतदान भी प्रभावित करवाया गया. उनका कहना है कि, इस संबंध में जहां जहां उनके पोलिंग एजेंट के साथ मारपीट हुई है, वे शिकायत दर्ज कराएंगे.
पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
निर्वाचन के दिन जिला प्रशासन द्वारा बनाई गई पुलिस व्यवस्था पर भी बीजेपी प्रत्याशी ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि, इस बार पुलिसकर्मियों ने अपनी मनमर्जी से ड्यूटी की. चुनाव कांग्रेस के पक्ष में जाए इसलिए मतदान को प्रभावित करने का काम किया. लोकल पुलिसकर्मी, जिनकी ड्यूटी निश्चित की जानी थी, वो अपनी मनमर्जी से किसी भी बूथ पर किसी भी मतदान केंद्र पर पहुंचकर काम करते दिखे. ऐसी कई अनियमितताएं उस दिन सामने आईं, जो नहीं होनी चाहिए थीं. इन सब की वजह से वोटरों पर असर पड़ा. उनके पक्ष का मतदान प्रभावित हुआ, अब उसको लेकर भी वे चुनाव आयोग में जल्द ही शिकायत करेंगे.
फुर्सत के पलों में कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग
जनता के फैसले का खुलासा 10 नवंबर को होगा, ऐसे में मतदान के बाद और रिजल्ट आने से पहले के पल प्रत्याशियों के लिए फुर्सत के होते हैं, लेकिन ओपीएस भदौरिया का कहना है कि, वो अब भी कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं. समीक्षा कर रहे हैं कि, कहां उनका मतदान कितना हुआ है. अपने कार्यकर्ताओं से मिलकर उनका हौसला बढ़ा रहे हैं और अपने फुर्सत के पलों को अपने कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचकर गुजार रहे हैं.