भिंड। किसी को मरने के बाद भी दो गज जमीन ना मिले इंसानियत के लिए इससे बड़ा मजाक क्या होगा. देश भर में लाखों करोड़ों खर्च कर बड़े बड़े मुक्तिधाम बनवाए जाते हैं, लेकिन मध्यप्रदेश में इन्ही मुक्तिधाम के अभाव में कभी खुले खेतों में तो कभी सड़क पर अंतिम संस्कार की तस्वीरें देखने को मिल जाती है. मीडिया जब इस तरह के मामले को प्रकाश में लाती है तब प्रशासन हड़बड़ा कर जल्द मुक्तिधाम बनवाने के दावे कर देता है(Bhopal agriculture department sado died), लेकिन महीनों बीतने के बाद भी हालत जस के तस रहते हैं. कुछ ऐसे स्थिति भिंड जिले का भी है. यहां कृषि विभाग के एक अधिकारी को मौत के बाद मुक्तिधाम तक नसीब नहीं हुआ.
एसएडीओ को नहीं नसीब हुआ मुक्तिधाम: 6 माह पहले दो से तीन पंचायतों में बुजुर्गों के अंतिम संस्कार खुले खेत और सड़क किनारे किए जाने की तस्वीरें सामने आई थी. मीडिया ने खबर दिखाई तो आनन फानन में सचिवों पर कार्रवाई हुई और पूरे जिले में 2 महीने में मुक्तिधाम बनाने के दावे करते हुए जिला पंचायत सीईओ ने आदेश जारी कर दिए थे, लेकिन आज तक मुक्तिधाम तो तैयार नहीं हुए लेकिन एक और तस्वीर सामने आ गई. जहां कृषि विभाग में पदस्थ एक एसएडीओ को मौत के बाद मुक्तिधाम तक नसीब नहीं हुआ.
मुक्तिधाम का आजतक नहीं हुआ निमार्ण: मामला जिले के गोरमी क्षेत्र का है. यहां महदौली पंचायत के ग्राम बरका पुरा में रहने वाले विजय सिंह करोरिया की मौत शनिवार को हार्ट अटैक से हो गई थी. मृतक भोपाल विंध्याचल में कृषि विभाग के एसएडीओ के पद पर पदस्थ थे. इन दिनों अपने गांव आए हुए थे. ऐसे में परिवार में उनका अंतिम संस्कार रविवार को गांव में ही करने का फैसला लिया, लेकिन बड़ी समस्या तब सामने आई जब पता चला कि गांव में आजादी से अब तक मुक्तिधाम का निर्माण ही नहीं किया गया(Bhind man death not get muktidham for funeral). ऐसे मजबूरन परिवारजनों ने अपने ही खेत में खड़ी फसल बर्बाद करते हुए चिता लिए जगह बनाई और मुक्तिधाम के अभाव में खुले आसमान के नीचे शव का अंतिम संस्कार किया.
जल्द पीड़ित परिवार मुक्तिधाम बनवाने की लगाएगा गुहार: पीड़ित परिवार से बात करने पर मृतक के बेटे अभिषेक ने बताया कि, इस गांव में अब तक मुक्तिधाम नहीं है ये बहुत दुखद है. वे अपने पिता को शमशान तक भी नहीं ले जा सके. आज जब दुनिया विकास की बात करती है तब ग्रामीण क्षेत्रों में ये हाल है. अभिषेक कहते हैं कि कम से कम हर व्यक्ति को मरने के बाद मुक्तिधाम में जलाने की व्यवस्था तो होनी ही चाहिए, इसलिए उनका परिवार प्रशासन से जल्द मुक्तिधाम बनवाने की गुहार लगाएगा.
Morena: दबंगों ने मुक्तिधाम की जमीन पर किया कब्जा, अंत्येष्टि के लिए ग्रामीण हो रहे परेशान
कलेक्टर से लेकर मंत्री तक लगाई गुहार गांव के पवन प्रजापति का कहना है कि इस संबंध में प्रशासन को अवगत कराया गया है, लेकिन उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला. उन्होंने अपने क्षेत्रीय विधायक और मंत्री ओपीएस भदौरिया से भी तीन बार गुहार लगाई, लेकिन आज भी मुक्तिधाम बनवाने के लिए किसी ने प्रयास नहीं किए. ऐसे में अब वे मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
सरपंच से मुक्तिधाम की गुहार: गांव के सरपंचपति और प्रतिनिधि गिर्राज व्यास से जब हमने सवाल किया, तो उनका कहना था कि वे तीन महीने पहले ही सरपंच बने हैं. गांव में आज तक मुक्तिधाम बना ही नहीं. पूर्व सरपंच ने भी इसके लिए प्रयास नहीं किए. उन्होंने कहा ये प्रस्ताव बनाकर जल्द प्रशासन और शासन को भेजेंगे. सरपंच पति का कहना था कि गांव में सरकारी जमीन नहीं है. इस समस्या के चलते भी मुक्तिधाम का अभाव बना हुआ है. हालांकि ग्रामीण पवन ने उनकी बात का खंडन करते हुए बताया कि गांव में सरकारी जमीन है, लेकिन उस पर दबंगों का कब्जा है. ऐसे में सरपंच ने झूठ क्यों कहा ये संदेहास्पद है.