भिंड। भिंड नगर पालिका द्वारा पिछले साल शहरी क्षेत्र वार्ड 31 में नवीन सामुदायिक भवन, शौचालय और हैंडपंप खनन निर्माण के लिए टेंडर जारी किए गए थे. ये टेंडर भिंड के ही ठेकेदार अजीत भदौरिया की फर्म तिरूपति एसोसिएट को मिला था. जिसके कार्य आदेश 11 जून 2021 को जारी कर दिए गए थे. टेंडर की शर्त के मुताबिक़ धरोहर राशि के रूप में ठेकेदार द्वारा नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित शाखा भिंड की दो एफडीआर पहली 124000 रुपये और दूसरी 390000 रुपय जमा कराई गई थी. ये निर्माण कार्य 6 महीने में पूर्ण किया जाना था लेकिन क़रीब एक साल से ज्यादा का समय बीतने के बाद भी ठीक ठेकेदार ने काम शुरू नहीं किया गया.
राजसात करने बैंक भेजी थीं एफडीआर : नगर पालिका उपाध्यक्ष भानु भदौरिया के मुताबिक़ तिरूपति एसोसिएट द्वारा जब एक साल में भी कार्य नहीं किया गया तो उनसे पूर्व में काम को पूर्ण कराने के लिए नगर पालिका भिंड द्वारा नोटिस भी जारी किए गए लेकिन जब इनका जवाब नहीं दिया गया तो अंत में 19 सितम्बर 2022 को हुई नगर पालिका परिषद की पीआईसी की बैठक में इस कार्य आदेश को निरस्त कर दिया गया. इसके बाद ठेकेदार पर कार्रवाई करते हुए नियमानुसार धरोहर राशि को राजसात करते हुए नगर पालिका के खाते में ट्रांसफ़र कराने के लिए जब जमा एफडीआर को नागरिक सहकारी बैंक में पत्राचार के साथ भेजा गया तो बैंक द्वारा बताया गया कि दोनों ही एफडीआर उनके बैंक द्वारा जारी नहीं हुई हैं और फर्जी हैं.
क़रीब 18 लाख की 6 एफडीआर फर्जी : ठेका फर्म द्वारा नगर पालिका परेशान के साथ धरोहर राशि के नाम पर बैंक फ्रॉड सामने आने से हड़कम्प मच गया. ऐसे में आनन फानन में संबंधित ठेकेदार द्वारा अन्य कार्यों में जमा की गई 5 और एफडीआर नागरिक सहकारी बैंक के पास सत्यापन के लिए भेजी गईं. जो 4,00,000 रुपय, 11,05,000 रुपय, 95,200 रुपय, 2,01,000 रुपय और 65,000 रुपय की थीं. बैंक ने जब इन्हें वेरिफ़ाई किया तो पता चला कि 95,200 रुपये की एक एफडीआर ही बैंक द्वारा जारी की गई है अन्य सभी एफडीआर भी पहले की तरह फर्जी तैयार की गई हैं. इस बात की पुष्टि होने के बाद से ही नगर पालिका प्रशासन के अधिकारियों की नींदे उड़ी हुई है. इस मामले को लेकर नगर पालिका की ओर से बैंक अधिकारियों को बैंक के नाम पर की गई धोखाधड़ी से अवगत कराते हुए बैंक अधिनियम के तहत आरोपी ठेकेदार पर आवश्यक कार्रवाई कराने के लिए पत्र लिखा गया है.
पल्ला झाड़ रही सहकारी बैंक : वहीं, जब इस पूरे मामले का खुलासा हो जाने पर नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित शाखा भिंड के मैनेजर संजीव कुमार सोनी से जानकारी ली गई तो उनका कहना था कि इस लेनदेन से बैंक का कोई लेना -देना नहीं है. ये दस्तावेज बैंक द्वारा जारी नहीं किए गए हैं. फ्रॉड से संबंधित कुछ भ्रांतियां लोगों के बीच फैल रहीं है लेकिन बैंक कार्य पूरी तरह सुरक्षित है. जब उनसे बैंक के नाम पर नकली एफडीआर तैयार कर सरकारी टेंडर लेने वाले ठेकेदार पर कार्रवाई के सम्बंध में सवाल किया गया तो बैंक मेनेजर ने नगर पालिका पर बात टालते हुए मामले से पल्ला झाड़ लिया. वहीं जब सहकारिता विभाग के प्रशासक कमल गाडगे से इस संबंध में जानकारी ली गई तो उन्होंने जल्द मामले में कार्रवाई के लिए संबंधित सहकारी बैंक अधिकारियों को निर्देश जारी करने की बात कही.
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FIR कराने के आदेश : भिंड कलेक्टर ने नगर पालिका सीएमओ को जल्द से जल्द ठेकेदार के ख़िलाफ नियमानुसार दंडात्मक और एफ़आइआर की करवाई कराने और सूचित करने के निर्देश जारी किए हैं. इस पूरे मामले में सबसे रोचक बात यह सामने निकल कर आयी है कि सालभर पहले जब टेंडर दिया गया तब तिरूपति एसोसिएट द्वारा जमा की गई एफडीआर तत्कालीन नगरपालिका सीएमओ द्वारा क्यों वेरिफाई नहीं कराई गईं.