ETV Bharat / state

शुद्ध जल के लिए सरकार...लंबा हुआ इंतज़ार, 5 साल बाद भी घरों तक नहीं पहुंचा RO वॉटर

मध्यप्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी अमृत योजना के तहत भिंड नगर पालिका में 214 करोड़ की लागत से घरों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए एमपी अर्बन डेवलपमेंट कंपनी ने आरओ प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी. जिस पर ठेका कंपनी टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड को इस प्रोजेक्ट पर काम करते हुए 5 साल का वक्त गुजर चुका है. पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू तो हुआ लेकिन आज तक पूरा नहीं हो सका है. ठेका कंपनी के अधिकारी 20 प्रतिशत कार्य अब भी बाकी होने की बात स्वीकार कर रहे हैं. एक नजर ETV Bharat की खास रिपोर्ट पर.

Pure water could not supply homes in bhind
भिंड में शुद्ध जल का इंतजार हुआ लंबा
author img

By

Published : May 1, 2023, 7:24 AM IST

Updated : May 1, 2023, 7:46 AM IST

भिंड। शहर बीते कई वर्षों से गंदे पानी और अशुद्ध पेयजल की समस्या से जूझ रहा है. साल 2018 में मध्यप्रदेश सरकार की अमृत योजना के तहत भिंड नगर पालिका क्षेत्र के 39 वार्ड में शुद्ध जल की व्यवस्था करते हुए आरओ वाटर घर-घर तक पहुंचाने की मंशा से बड़े-बड़े ओवरहेड टैंक और शहर के हर वार्ड हर गाली के प्रत्येक घर तक पाइप लाइन बिछाने का फैसला लिया गया था. एमपी अर्बन डेवलपमेंट कंपनी के द्वारा काम शुरू हुआ था, जिसका टेंडर टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड को दिया गया. लेकिन 5 वर्ष का समय गुजरने के बाद भी कांट्रेक्टर कंपनी अपना काम पूरा नहीं कर सकी है. ऐसे में कई इलाकों में लोग आज भी नलों से आने वाला गंदा पानी पीने को मजबूर हैं.

improvement of water supply in bhind
5 साल बाद भी घरों नहीं पहुंच पाया शुद्ध जल

शुद्ध पेयजल के लिए लाया गया था प्रोजेक्ट: भिंड नगरपालिका क्षेत्र में पुरानी सीवर लाइन की वजह से लोग नालों में गंदे पानी की समस्या को झेल रहे हैं. वहीं नये सीवर प्रोजेक्ट के लिए खुदाई की वजह से भी कई जगहों पर घरों में लगे नल गंदा पानी फेंक रहे हैं. वहीं, भिंड के पानी में टीडीएस की अधिक मात्रा के साथ हेवी कैल्शियम की भी समस्या है, जो स्वास्थ्य के लिए नुक़सान दायक है. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए पांच वर्ष पहले भिंड नगर पालिका ने अमृत योजन के तहत आरओ वाटर प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया था.

2 overhead water tanks failed in testing
टेस्टिंग में 2 ओवरहेड वाटर टैंक फेल

टेंडर लेने के बाद बढ़वाई गई प्रोजेक्ट कोस्ट: शुरुआती योजना में इस प्रोजेक्ट के लिए 28 माह की समयसीमा और प्रोजेक्ट कोस्ट 197 करोड़ रुपए तय हुई थी. यह काम 29 दिसंबर 2020 को पूरा हो जाना था. टेंडर प्रक्रिया में यह प्रोजेक्ट देश की मानी हुई कंपनी टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड को मिला था. पहली डीपीआर के मुताबिक इस प्रोजेक्ट में निर्माण लागत 126 करोड़ 6 लाख रुपए और आगामी 10 वर्षों तक मेंटीनेस के लिये 71.12 करोड़ रुपए की राशि तय की गई थी. लेकिन टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद टाटा कंपनी द्वारा डीपीआर को रिवाइज कराया गया और इस प्रोजेक्ट की निर्माण लागत 126 करोड़ से बढ़ाकर 143 करोड़ कर दी गई. जिसकी वजह से आरओ प्रोजेक्ट की लागत भी 214.45 करोड़ रुपय पहुंच गई. वहीं निर्माण समय सीमा को भी बढ़ाकर 46 महीने कर दिया गया. जिसके मुताबिक इस कार्य को 31 मार्च 2022 यानी पिछले वर्ष ही पूरा हो जाना चाहिए था. लेकिन, मार्च तक यह काम सिर्फ 60 फीसदी ही पूरा हुआ था.

1 साल पहले घरों तक पहुंची पाइपलाइन, सप्लाई अब भी नहीं: इस प्रोजेक्ट के तहत हुए काम की बात करें तो कंपनी ने इस प्रोजेक्ट के लिए भिंड नगर पालिका क्षेत्र को 17 जोन में बांटा, जहां 404.173 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाने का काम चल रहा है. ज्यादातर हिस्से में सालभर पहले ही घरों तक आरओ वाटर पाइपलाइन पहुंचा दी गई. लेकिन आज भी कुछ इलाकों में यह काम बाकी है. पानी को शुद्ध कर शहर में सप्लाई करने के लिए 4 बड़ी पानी की टंकियां शहर के अलग अलग इलाकों में भी बनाई गयीं हैं, लेकिन इनकी टेस्टिंग में सिर्फ दो को ही पास किया गया है. वहीं एक्का-दुक्का वार्ड में ही मीटर कनेक्शन लग पाये हैं. वहीं अब तक टाटा प्रोजेक्ट कंपनी अपना काम पूरा नहीं कर सकी है और एक्सटेंशन पर एक्स्टेंशन लेकर समय सीमा बढ़ाये जा रही है.

Also Read: इन खबरों को पढ़ने के लिए क्लिक करें

टेस्टिंग में 2 ओवरहेड वाटर टैंक फेल: इस योजना की प्रोजेक्ट मैनेजर एमपी अर्बन डेवलपमेंट कंपनी की सामुदायिक विकास अधिकारी सोनिका शर्मा से जब बात की तो उनका कहना है कि प्रोजेक्ट का लगभग 80 फीसदी कार्य पूर्ण हो चुका है. सिर्फ 20 फीसदी कार्य ही बचा है. उन्होंने बताया कि इस योजना में 4 ओवरहेड टैंक का निर्माण किया गया था, लेकिन टेस्टिंग के दौरान दो टंकियों को फेल कर दिया है, जिसकी वजह से इनका निर्माण दोबारा किया जाएगा. वहीं, करीब 8 से 10 वार्ड में आरओ वाटर की सप्लाई शुरू कर दी गई है. मीटरिंग का कम भी जारी है, अब तक 250 कनेक्शन घरों में लग चुके हैं, बचा हुआ काम सितंबर 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा. जिसके लिए एक बार फिर एक्सटेंशन ले लिया है. वहीं समय पर काम पूरा ना होने के बावजूद पेनल्टी लगाने की जगह नगर पालिका द्वारा लगातार एक्सटेंशन देना भी अपने आप में सवाल खड़ा कर रहा है. जब हमने इस पर नगर पालिका प्रशासन का पक्ष जानने के लिए सीएमओ वीरेंद्र तिवारी से बात की तो उनसे संपर्क नहीं हो सका.

13 महीनों में हुआ सिर्फ 20 प्रतिशत काम: भिंड के आरओ वाटर पाइपलाइन योजना की प्रोजेक्ट मैनेजर ने साफ शब्दों में यह बात स्वीकार की है कि 1 साल बाद भी कांट्रेक्टर कंपनी अप्रैल 2023 तक 80 फीसदी काम ही पूरा कर सकी है. वहीं पिछले आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2022 में प्रोजेक्ट 60 प्रतिशत पूरा हुआ था. ऐसे में लगभग एक वर्ष में ठेका कंपनी ने महज 20 प्रतिशत काम ही किया है. अब 2 ओवर हेड टैंक का निर्माण और सभी 39 वार्ड में मीटर लगाने के साथ सितंबर तक सप्लाई शुरू करने के दावे में दम दिखाई नहीं देता. ऐसे में शुद्ध जल के लिए लोगों को कितना और इंतज़ार करना होगा ये कहा नहीं जा सकता.

भिंड। शहर बीते कई वर्षों से गंदे पानी और अशुद्ध पेयजल की समस्या से जूझ रहा है. साल 2018 में मध्यप्रदेश सरकार की अमृत योजना के तहत भिंड नगर पालिका क्षेत्र के 39 वार्ड में शुद्ध जल की व्यवस्था करते हुए आरओ वाटर घर-घर तक पहुंचाने की मंशा से बड़े-बड़े ओवरहेड टैंक और शहर के हर वार्ड हर गाली के प्रत्येक घर तक पाइप लाइन बिछाने का फैसला लिया गया था. एमपी अर्बन डेवलपमेंट कंपनी के द्वारा काम शुरू हुआ था, जिसका टेंडर टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड को दिया गया. लेकिन 5 वर्ष का समय गुजरने के बाद भी कांट्रेक्टर कंपनी अपना काम पूरा नहीं कर सकी है. ऐसे में कई इलाकों में लोग आज भी नलों से आने वाला गंदा पानी पीने को मजबूर हैं.

improvement of water supply in bhind
5 साल बाद भी घरों नहीं पहुंच पाया शुद्ध जल

शुद्ध पेयजल के लिए लाया गया था प्रोजेक्ट: भिंड नगरपालिका क्षेत्र में पुरानी सीवर लाइन की वजह से लोग नालों में गंदे पानी की समस्या को झेल रहे हैं. वहीं नये सीवर प्रोजेक्ट के लिए खुदाई की वजह से भी कई जगहों पर घरों में लगे नल गंदा पानी फेंक रहे हैं. वहीं, भिंड के पानी में टीडीएस की अधिक मात्रा के साथ हेवी कैल्शियम की भी समस्या है, जो स्वास्थ्य के लिए नुक़सान दायक है. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए पांच वर्ष पहले भिंड नगर पालिका ने अमृत योजन के तहत आरओ वाटर प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया था.

2 overhead water tanks failed in testing
टेस्टिंग में 2 ओवरहेड वाटर टैंक फेल

टेंडर लेने के बाद बढ़वाई गई प्रोजेक्ट कोस्ट: शुरुआती योजना में इस प्रोजेक्ट के लिए 28 माह की समयसीमा और प्रोजेक्ट कोस्ट 197 करोड़ रुपए तय हुई थी. यह काम 29 दिसंबर 2020 को पूरा हो जाना था. टेंडर प्रक्रिया में यह प्रोजेक्ट देश की मानी हुई कंपनी टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड को मिला था. पहली डीपीआर के मुताबिक इस प्रोजेक्ट में निर्माण लागत 126 करोड़ 6 लाख रुपए और आगामी 10 वर्षों तक मेंटीनेस के लिये 71.12 करोड़ रुपए की राशि तय की गई थी. लेकिन टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद टाटा कंपनी द्वारा डीपीआर को रिवाइज कराया गया और इस प्रोजेक्ट की निर्माण लागत 126 करोड़ से बढ़ाकर 143 करोड़ कर दी गई. जिसकी वजह से आरओ प्रोजेक्ट की लागत भी 214.45 करोड़ रुपय पहुंच गई. वहीं निर्माण समय सीमा को भी बढ़ाकर 46 महीने कर दिया गया. जिसके मुताबिक इस कार्य को 31 मार्च 2022 यानी पिछले वर्ष ही पूरा हो जाना चाहिए था. लेकिन, मार्च तक यह काम सिर्फ 60 फीसदी ही पूरा हुआ था.

1 साल पहले घरों तक पहुंची पाइपलाइन, सप्लाई अब भी नहीं: इस प्रोजेक्ट के तहत हुए काम की बात करें तो कंपनी ने इस प्रोजेक्ट के लिए भिंड नगर पालिका क्षेत्र को 17 जोन में बांटा, जहां 404.173 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाने का काम चल रहा है. ज्यादातर हिस्से में सालभर पहले ही घरों तक आरओ वाटर पाइपलाइन पहुंचा दी गई. लेकिन आज भी कुछ इलाकों में यह काम बाकी है. पानी को शुद्ध कर शहर में सप्लाई करने के लिए 4 बड़ी पानी की टंकियां शहर के अलग अलग इलाकों में भी बनाई गयीं हैं, लेकिन इनकी टेस्टिंग में सिर्फ दो को ही पास किया गया है. वहीं एक्का-दुक्का वार्ड में ही मीटर कनेक्शन लग पाये हैं. वहीं अब तक टाटा प्रोजेक्ट कंपनी अपना काम पूरा नहीं कर सकी है और एक्सटेंशन पर एक्स्टेंशन लेकर समय सीमा बढ़ाये जा रही है.

Also Read: इन खबरों को पढ़ने के लिए क्लिक करें

टेस्टिंग में 2 ओवरहेड वाटर टैंक फेल: इस योजना की प्रोजेक्ट मैनेजर एमपी अर्बन डेवलपमेंट कंपनी की सामुदायिक विकास अधिकारी सोनिका शर्मा से जब बात की तो उनका कहना है कि प्रोजेक्ट का लगभग 80 फीसदी कार्य पूर्ण हो चुका है. सिर्फ 20 फीसदी कार्य ही बचा है. उन्होंने बताया कि इस योजना में 4 ओवरहेड टैंक का निर्माण किया गया था, लेकिन टेस्टिंग के दौरान दो टंकियों को फेल कर दिया है, जिसकी वजह से इनका निर्माण दोबारा किया जाएगा. वहीं, करीब 8 से 10 वार्ड में आरओ वाटर की सप्लाई शुरू कर दी गई है. मीटरिंग का कम भी जारी है, अब तक 250 कनेक्शन घरों में लग चुके हैं, बचा हुआ काम सितंबर 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा. जिसके लिए एक बार फिर एक्सटेंशन ले लिया है. वहीं समय पर काम पूरा ना होने के बावजूद पेनल्टी लगाने की जगह नगर पालिका द्वारा लगातार एक्सटेंशन देना भी अपने आप में सवाल खड़ा कर रहा है. जब हमने इस पर नगर पालिका प्रशासन का पक्ष जानने के लिए सीएमओ वीरेंद्र तिवारी से बात की तो उनसे संपर्क नहीं हो सका.

13 महीनों में हुआ सिर्फ 20 प्रतिशत काम: भिंड के आरओ वाटर पाइपलाइन योजना की प्रोजेक्ट मैनेजर ने साफ शब्दों में यह बात स्वीकार की है कि 1 साल बाद भी कांट्रेक्टर कंपनी अप्रैल 2023 तक 80 फीसदी काम ही पूरा कर सकी है. वहीं पिछले आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2022 में प्रोजेक्ट 60 प्रतिशत पूरा हुआ था. ऐसे में लगभग एक वर्ष में ठेका कंपनी ने महज 20 प्रतिशत काम ही किया है. अब 2 ओवर हेड टैंक का निर्माण और सभी 39 वार्ड में मीटर लगाने के साथ सितंबर तक सप्लाई शुरू करने के दावे में दम दिखाई नहीं देता. ऐसे में शुद्ध जल के लिए लोगों को कितना और इंतज़ार करना होगा ये कहा नहीं जा सकता.

Last Updated : May 1, 2023, 7:46 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.