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MP के 42 जिले में नए महिला थाने शुरू, लेकिन FIR दर्ज कराने में हो रही समस्या, जाने आखिर क्या है वजह

भिंड में नया महिला थाना 1 जुलाई को शुरू हुआ, लेकिन इसमें FIR दर्ज कराने के लिए पीड़ितों को काफी समस्याएं झेलनी पड़ी. ऐसी समस्या आखिर क्यों आ रही थी, जानने के लिए रिपोर्ट पढ़िए.

woman police station
महिला थाना
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Published : Aug 3, 2021, 11:12 PM IST

भिंड। मध्य प्रदेश में एक जुलाई को 42 जिलों में महिला थाने शुरू किए गए. जिससे की महिला अपराध से जुड़ी पीड़ितों को थानों के चक्कर न लगाने पड़े, और कानूनी कार्रवाई के लिए सीधा शिकायत महिला थाने में दर्ज हो सके. प्रदेश में 42 नए महिला थाने तो शुरू हो गए, लेकिन ज्यादातर जगह FIR प्रणाली शुरू होने में काफी समय लग गया. भिंड में भी कुछ ऐसी ही स्थिति शुरुआती दौर में बनी रही. नए महिला थानों में FIR दर्ज होने में आखिर क्या समस्या आ रही है, ये जानने रिपोर्ट पढ़िए.

महिला थाना

क्यों आ रही है समस्या ?

भिंड में भी महिला थाने का शुभारंभ 1 जुलाई को सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया के हाथों हुआ. शुरू के दिनों में एक भी शिकायत थाने में दर्ज नहीं हो सकी. इस संबंध में महिला थाने की नव-नियुक्त थाना प्रभारी रत्ना जैन ने बताया कि कोई भी नया थाना खुलने से व्यवस्थाएं सुचारु होने में समय लग जाता है, इसके पीछे तकनीकी कारण भी है. मध्य प्रदेश में पुलिस कार्रवाई का सारा डेटा ऑनलाइन दर्ज होता है. यहां तक की FIR भी अब ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के माध्यम से ही दर्ज होती है. इसे क्राइम कंट्रोल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (CCTNS) कहा जाता है, जिसकी पूरी देखरेख भोपाल कंट्रोल सेंटर से होती है. अब तक भिंड के महिला थाने में इसकी कनेक्टिविटी नहीं हो पाई है. जिस वजह से अब FIR दर्ज नहीं हो पा रही है.

क्या रखा गया FIR का विकल्प

भिंड में खुले नए महिला थाने में महिला अपराध से जुड़े मामले पहुंच रहे हैं, लेकिन FIR न हो पाने के कारण लोगों को थोड़ी समस्या झेलनी पड़ रही है. थाना प्रभारी रत्ना जैन ने बताया कि ऐसे मामलों में पीड़ितों की परेशानी को देखते हुए कार्रवाई के लिए हम पीड़ित से आवेदन लेते हैं. जिसके बाद संबंधित थाने को FIR के लिए सूचित करते हैं. पीड़ित परेशान न हो इसके लिए, उन्हें पुलिस वाहन से संबंधित थाने तक पहुंचाया जाता है, जहां FIR दर्ज कराई जाती है.

कितनी आ रहीं औसतन शिकायतें

भिंड के नए थाने में औसतन हर रोज लगभग 5-6 मामले महिला अपराधों के पहुंच रहे हैं, जिनमें से ज्यादातर मामले घरेलू हिंसा से जुड़े हैं. शुरू के 10 दिनों में महिला थाने में करीब 50 आवेदन आए, जिनमें 70 फीसदी मामले घरेलू हिंसा या मुद्दों से जुड़े थे. थाना प्रभारी रत्ना जैन ने बताया की ज्यादातर मामलों का निपटारा थाना स्तर पर ही काउन्सिलिंग के जरिए कर दिया जाता है. अन्य अपराधों में आवेदन के साथ ही कार्रवाई प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है.

कब तक शुरू हो सकेगी FIR

FIR की समस्या जल्द ही दूर हो जाएगी. थाना प्रभारी ने बताया कि भिंड महिला थाने में एक-दो दिनों में ही FIR शुरू हो जाएगी. इस पर काम शुरू हो चुका है, लगभग सभी थानों में कनेक्टिविटी समस्या को दूर करने की प्रक्रिया जारी है. CCTNS से कनेक्टिविटी होते ही महिला अपराध से जुड़े मामले यहीं दर्ज हो सकेंगे. अभी भी लगातार आवेदन के जरिए कार्रवाई की जा रही है.

रेप पीड़िता ने दबाव में बदले बयान, कोर्ट ने फिर भी आरोपी को दी आजीवन कारावास की सजा, DNA रिपोर्ट को बनाया आधार

थाने में पुलिसबल की संख्या कम

1 जुलाई से महिला थाना शुरू हुआ है, इसका कामकाज भी शुरू हो चुका है, लेकिन FIR के अलावा पुलिसबल की कमी एक बड़ी समस्या है. भिंड जिले को 27वें थाने के रूप में महिला थाना तो मिल गया है, लेकिन अब तक स्टाफ के नाम पर सिर्फ 5-7 पुलिसकर्मी का बल है. पुलिसबल भी भोपाल से ही आवंटित होगा. ऐसे में जब तक महिला थाने को पर्याप्त बल नहीं मिलता, तब तक किसी बड़ी कार्रवाई के लिए भी इंतजार करना पड़ेगा.

भिंड। मध्य प्रदेश में एक जुलाई को 42 जिलों में महिला थाने शुरू किए गए. जिससे की महिला अपराध से जुड़ी पीड़ितों को थानों के चक्कर न लगाने पड़े, और कानूनी कार्रवाई के लिए सीधा शिकायत महिला थाने में दर्ज हो सके. प्रदेश में 42 नए महिला थाने तो शुरू हो गए, लेकिन ज्यादातर जगह FIR प्रणाली शुरू होने में काफी समय लग गया. भिंड में भी कुछ ऐसी ही स्थिति शुरुआती दौर में बनी रही. नए महिला थानों में FIR दर्ज होने में आखिर क्या समस्या आ रही है, ये जानने रिपोर्ट पढ़िए.

महिला थाना

क्यों आ रही है समस्या ?

भिंड में भी महिला थाने का शुभारंभ 1 जुलाई को सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया के हाथों हुआ. शुरू के दिनों में एक भी शिकायत थाने में दर्ज नहीं हो सकी. इस संबंध में महिला थाने की नव-नियुक्त थाना प्रभारी रत्ना जैन ने बताया कि कोई भी नया थाना खुलने से व्यवस्थाएं सुचारु होने में समय लग जाता है, इसके पीछे तकनीकी कारण भी है. मध्य प्रदेश में पुलिस कार्रवाई का सारा डेटा ऑनलाइन दर्ज होता है. यहां तक की FIR भी अब ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के माध्यम से ही दर्ज होती है. इसे क्राइम कंट्रोल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (CCTNS) कहा जाता है, जिसकी पूरी देखरेख भोपाल कंट्रोल सेंटर से होती है. अब तक भिंड के महिला थाने में इसकी कनेक्टिविटी नहीं हो पाई है. जिस वजह से अब FIR दर्ज नहीं हो पा रही है.

क्या रखा गया FIR का विकल्प

भिंड में खुले नए महिला थाने में महिला अपराध से जुड़े मामले पहुंच रहे हैं, लेकिन FIR न हो पाने के कारण लोगों को थोड़ी समस्या झेलनी पड़ रही है. थाना प्रभारी रत्ना जैन ने बताया कि ऐसे मामलों में पीड़ितों की परेशानी को देखते हुए कार्रवाई के लिए हम पीड़ित से आवेदन लेते हैं. जिसके बाद संबंधित थाने को FIR के लिए सूचित करते हैं. पीड़ित परेशान न हो इसके लिए, उन्हें पुलिस वाहन से संबंधित थाने तक पहुंचाया जाता है, जहां FIR दर्ज कराई जाती है.

कितनी आ रहीं औसतन शिकायतें

भिंड के नए थाने में औसतन हर रोज लगभग 5-6 मामले महिला अपराधों के पहुंच रहे हैं, जिनमें से ज्यादातर मामले घरेलू हिंसा से जुड़े हैं. शुरू के 10 दिनों में महिला थाने में करीब 50 आवेदन आए, जिनमें 70 फीसदी मामले घरेलू हिंसा या मुद्दों से जुड़े थे. थाना प्रभारी रत्ना जैन ने बताया की ज्यादातर मामलों का निपटारा थाना स्तर पर ही काउन्सिलिंग के जरिए कर दिया जाता है. अन्य अपराधों में आवेदन के साथ ही कार्रवाई प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है.

कब तक शुरू हो सकेगी FIR

FIR की समस्या जल्द ही दूर हो जाएगी. थाना प्रभारी ने बताया कि भिंड महिला थाने में एक-दो दिनों में ही FIR शुरू हो जाएगी. इस पर काम शुरू हो चुका है, लगभग सभी थानों में कनेक्टिविटी समस्या को दूर करने की प्रक्रिया जारी है. CCTNS से कनेक्टिविटी होते ही महिला अपराध से जुड़े मामले यहीं दर्ज हो सकेंगे. अभी भी लगातार आवेदन के जरिए कार्रवाई की जा रही है.

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थाने में पुलिसबल की संख्या कम

1 जुलाई से महिला थाना शुरू हुआ है, इसका कामकाज भी शुरू हो चुका है, लेकिन FIR के अलावा पुलिसबल की कमी एक बड़ी समस्या है. भिंड जिले को 27वें थाने के रूप में महिला थाना तो मिल गया है, लेकिन अब तक स्टाफ के नाम पर सिर्फ 5-7 पुलिसकर्मी का बल है. पुलिसबल भी भोपाल से ही आवंटित होगा. ऐसे में जब तक महिला थाने को पर्याप्त बल नहीं मिलता, तब तक किसी बड़ी कार्रवाई के लिए भी इंतजार करना पड़ेगा.

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