भिंड। जब कोई बीमारी की असहनीय पीड़ा से ग्रसित हो, दर्द इतना भीषण हो कि रह रह कर मर जाने का ख्याल आए, तो अक्सर लोग ऐसे गलत फैसले ले लेते हैं, जिनके आगे कुछ नहीं बचता. ऐसा ही हाल जिला कलेक्ट्रेट में पदस्थ कर्मचारी के साथ हुआ, जिसने दुखी होकर आत्महत्या कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली. इस घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा. बताया जा रहा है कि मृतक लंबे समय से बोन टीबी की गंभीर बीमारी था और इसके कारण वह काफी परेशान रहने लगा था.
इलाज के लिए 10 महीने ली थी छुट्टीः कलेक्ट्रेट में पदस्थ कर्मचारी मूल रूप से उत्तरप्रदेश के कानपुर का रहने वाला था और भिंड के वॉटर वर्क्स इलाके में अपने मामा के घर रहता था. वह भिंड कलेक्ट्रेट में जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय में अन्वेषक के पद पर पदस्थ था, लगभग एक साल पहले वह बीमार हुआ तो पता चला कि उसे बोन टीबी की गंभीर बीमारी है. लंबे समय तक इलाज चला, थोड़ा आराम भी मिला. करीब 10 महीने तक अवकाश पर रहने के बाद कर्मचारी ने पिछले महीने ही दोबारा ऑफिस जॉइन किया था, लेकिन लंबी बीमारी और असहनीय दर्द के चलते वह काफी परेशान हो गया था, जिसके कारण शासकीय कर्मचारी ने आत्महत्या जैसा कदम उठाकर जीवनलीला समाप्त कर ली. फिलहाल पुलिस मे शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भिजवाया गया.
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बीमारी से परेशान था कर्मचारीः इस मामले पर पीड़ित परिजनों का मानना हैं कि "कर्मचारी अपनी बीमारी से परेशान हो चुका था, इसी मानसिक दशा और पीड़ा के आगे वह हिम्मत हार गया होगा, जिसके चलते उसने ये कदम उठाया है. इस मामले में किसी पर आरोप प्रत्यारोप नहीं लगाया जा सकता." वहीं, इस मामले पर पुलिस ने कहा कि "मामले की जांच की जा रही है."