भिंड। चंबल नदी जलस्तर भले ही कम हो गया हो लेकिन भिंड क्षेत्र में चम्बल की बाढ़ से प्रभावित हुए 25 गांव के लोगों की मुसीबत खत्म नहीं हुई है. नेता मंत्री लगातार अटेर क्षेत्र के दौरे कर लोगों के बीच उन्हें भरोसा दिलाने पहुंच रहे हैं कि सरकार उनके साथ है. इसी सिलसिले में प्रदेश सरकार के नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया भी अटेर क्षेत्र की जनता के बीच पहुंचे. इस दौरान उन्होंने ETV भारत से खास बातचीत की. OPS Bhadoria talk with ETV Bharat
सवाल: अटेर के लोग साल दर साल बाढ़ आपदा की मार झेल रहे हैं, नदी में बढ़ते ही उन्हें अपनी गृहस्थी समेटनी पड़ती है. खुद सिंधिया भी आये और इसे वार्षिक समस्या बताया है, अब सरकार इन बाढ़ पीड़ितों के लिए क्या प्लान कर रही है?
जवाब: देखिए बाढ़ की इस विभीषिका से सरकार भी चिंतित है और मत्री सिंधिया भी. ये बात सही है कि सिंधिया परिवार की परंपरा है कि भले ही खुशी के अवसर में वे शामिल हो न हो लेकिन दुख दर्द में हमेशा प्रयास रहता है कि वे अपनी जनता और अपने परिवार के साथ भागीदारी कर सके. जैसा कि अपने कहा उस बात को लेकर मुख्यमंत्री भी चिंतित हैं और भविष्य में यदि जनता चाहती है, साथ देती है तो मेरी कलेक्टर से बात हुई है. अगर वहां सरकारी जमीन उपलब्ध है तो हम वहां सरकारी कॉलोनी विकसित करेंगे. लोगों को ऊंची और सुरक्षित जगह पर बसाने की हमारी योजना है. हालांकि इसमें हमे उस जनता का भी सहयोग चाहिए जो इससे प्रभावित होती है.
सवाल: लेकिन कई गांव में लोग अपने गांव से दूर अटेर के आगे बसना चाहते हैं, जहां बाढ़ का खतरा ही न हो और वे सुरक्षित रह सकें?
जवाब: जैसा कि मैंने पूर्व में भी कहा कि पिछली बार जब मेरी विधानसभा मेहगांव में सिंध की वजह से बाढ़ की स्थिति बनी थी उसके बाद हमने वहां प्रयोग किया था कि जिन पंचायतों ने प्रस्ताव बनाकर दिए हैं उनके लिए हम ऊंचे स्थान पर शासकीय कॉलोनी बनाकर प्रधानमंत्री आवास देंगे. साथ ही वहां सुविधाएं भी विकसित करेंगे.
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सवाल: मुआवजे को लेकर क्या प्लानिंग है, क्योंकि बाढ़ में अनाज और फसल का भी काफी नुकसान हुआ है?
जवाब: मुआवजे को लेकर पूरी पारदर्शिता बरती जाएगी. गांव में बाढ़ की वजह से फसल से लेकर घरेलू सामान तक के नुकसान का आंकलन किया जाएगा. इसके लिए तीन-तीन सदस्य की कमेटी गठित की गईं हैं. जिनमें नायाब तहसीलदार से लेकर SDM तक सुपरविजन कर रहे हैं. किसका कितना नुकसान हुआ उसकी सूची हम पंचायत भवन में चस्पा कराएंगे, जिससे सभी को पता चल सके. उसके बाद उनके नुकसान की भरपाई हो सके, उन्हें क्षतिपूर्ति मिल सके इस उस दिशा में सरकार काम कर रही है.
सवाल: आपका विधानसभा क्षेत्र जहां से सिंध नदी गुजरी है वहां भी बाढ़ जैसे हालात बन रहे हैं?
जवाब: अभी सिंध नदी में बाढ़ जैसे हालात नहीं हैं. लेकिन भिंड जिले के जो इलाके उत्तरप्रदेश की सीमा से लगे हुए उसे दोहरी मार झेलनी पड़ती है. बारिश की वजह से कोटा बैराज से चम्बल नदी में पानी छोड़ा जाता है, जिससे अटेर और भिंड का बहुत बड़ा क्षेत्र प्रभावित होता है. इधर आगे पचनदा जहां सिंध चम्बल और क्वारी नदियां मिलती है वहां से जो बैकवॉटर आता है उसका प्रभाव भिंड क्षेत्र में भी पड़ता है. मेहगांव के रौन क्षेत्र पर भी पड़ता है और इससे हमारे क्षेत्र की जनता प्रभावित होती है. अभी उसका समाधान निकालने की कोशिश हम कर रहे हैं, अभी मेहगांव विधानसभा पूरी तरह सुरक्षित है और वहां किसी भी तरह के नुकसान की कोई जानकारी नहीं है.
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